रांची: झारखंड के अल्पसंख्यक स्कूलों में प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप, पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप और मेरिट स्कॉलरशिप की राशि में हुए गबन मामले की जांच एसीबी करेगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इससे जुड़े प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है. स्कॉलरशिप के नाम पर घालमेल से जुड़ी खबरें पिछले दिनों मीडिया में सुर्खियों में थी.
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सामाजिक कार्यकर्ता ज्यां द्रेज की ओर से भी विभाग को इस बाबत एक रिपोर्ट दिया गया था. किस तरह से अल्पसंख्यक स्कूलों में स्कॉलरशिप के नाम पर गलत तरीके से राशि की निकासी हुई है और किस तरह बच्चों को कम राशि दी गई है. इससे जुड़ी कई खबरें ईटीवी भारत ने भी अलग-अलग जिलों से पब्लिश की थी.
दरअसल, केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की ओर से संचालित विभिन्न छात्रवृति योजनाओं के कार्यान्वयन में अनियमितता की वजह से सरकारी राशि का गबन हुआ है. इस मामले को लेकर विपक्ष भी लगातार सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहा था.
सभी उपायुक्त से रिपोर्ट तलब
अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा अल्पसंख्यकों समुदाय के विद्यार्थियों को उपलब्ध कराई जाने वाली छात्रवृति के संबंध में प्रत्येक संस्थान एवं प्रत्येक आवेदक के भौतिक सत्यापन के संबंध में निर्धारित नीति के आलोक में इस साल 31 दिसंबर तक विस्तृत जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया है.