रांचीः झारखंड रिन्यूएबल डेवलेपमेंट एनर्जी यानी जरेडा के पूर्व निदेशक निरंजन कुमार के खिलाफ एसीबी की दूसरे दिन भी कार्रवाई जारी रही. एसीबी की टीम ने शनिवार को भी जरेडा मुख्यालय और झारखंड उर्जा विकास निगम से कई कागजात जब्त किए.
कागजात जब्त
एसीबी की टीम ने निरंजन कुमार के कार्यकाल के सारे कागजात जब्त किए हैं. एसीबी सारे कागजातों की स्क्रूटनी, नियम विरूद्ध हुए टेंडरों की पूरी जानकारी जुटा रही है. किन किन टेंडरों में शर्तों को शिथिल किया गया, इसकी भी जांच एसीबी कर रही है. गौरतलब है कि 170 करोड़ की अनियमितिता के मामले में निरंजन कुमार के खिलाफ गुरूवार को पीई दर्ज की गई थी. पीई में आए तथ्यों के आधार पर एसीबी आगे एफआइआर की कार्रवाई करेगी. एसीबी ने जरेडा के ही एक अन्य अधिकारी श्रीराम सिंह की फाइलें भी जब्त की हैं.
जांच के दायरे में आ सकते हैं अन्य अधिकारी
जरेडा में गड़बड़ियों को लेकर दूसरे अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है. एसीबी के अधिकारयों के मुताबिक, जरेडा में कार्य कर रहे कार्यपालक अभियंता स्तर के कुछ अधिकारी जांच के घेरे में आ सकते हैं. एसीबी ने कुछ अभियंताओं से जुड़ी फाइलें भी जब्त की है. सोमवार को एसीबी इस मामले में निरंजन कुमार से पूछताछ भी करेगी.
निरंजन का कुनबा रडार पर
एंटी करप्शन ब्यूरो की जांच में यह भी सामने आया है कि निरंजन कुमार की तरह कई अधिकारी भी इस घपले में शामिल है. मिली जानकारी के अनुसार जरेडा में प्रतिनियुक्त विद्युत कार्यपालक अभियंता श्रीराम सिंह जिनकी सेवा टीवीएनएल को जो कि उनका पैतृक विभाग है को सितंबर 2017 में वापस कर दी गई लेकिन तत्कालीन निदेशक निरंजन कुमार के सह पर बिना किसी विभागीय आदेश के जरेडा में काम करते रहें और संवेदकों को करोड़ों रुपया का भुगतान किया गया. सूचना यह भी है कि निदेशक जरेडा ने 19 मार्च 2020 कोर विद्युत कार्यपालक अभियंता राम सिंह के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की भी अनुशंसा की. जिस पर विभाग ने अभी तक कोई भी निर्णय नहीं लिया है.
170 करोड़ का घोटला मामलाः निरंजन कुमार के खिलाफ एसीबी की जांच दूसरे दिन भी जारी - 170 करोड़ के घोटाला का मामला
170 करोड़ के घोटला मामले में निरंजन कुमार के खिलाफ एसीबी की जांच दूसरे दिन भी जांच जारी है. दूसरे अफसरों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी चल रही है.
रांचीः झारखंड रिन्यूएबल डेवलेपमेंट एनर्जी यानी जरेडा के पूर्व निदेशक निरंजन कुमार के खिलाफ एसीबी की दूसरे दिन भी कार्रवाई जारी रही. एसीबी की टीम ने शनिवार को भी जरेडा मुख्यालय और झारखंड उर्जा विकास निगम से कई कागजात जब्त किए.
कागजात जब्त
एसीबी की टीम ने निरंजन कुमार के कार्यकाल के सारे कागजात जब्त किए हैं. एसीबी सारे कागजातों की स्क्रूटनी, नियम विरूद्ध हुए टेंडरों की पूरी जानकारी जुटा रही है. किन किन टेंडरों में शर्तों को शिथिल किया गया, इसकी भी जांच एसीबी कर रही है. गौरतलब है कि 170 करोड़ की अनियमितिता के मामले में निरंजन कुमार के खिलाफ गुरूवार को पीई दर्ज की गई थी. पीई में आए तथ्यों के आधार पर एसीबी आगे एफआइआर की कार्रवाई करेगी. एसीबी ने जरेडा के ही एक अन्य अधिकारी श्रीराम सिंह की फाइलें भी जब्त की हैं.
जांच के दायरे में आ सकते हैं अन्य अधिकारी
जरेडा में गड़बड़ियों को लेकर दूसरे अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है. एसीबी के अधिकारयों के मुताबिक, जरेडा में कार्य कर रहे कार्यपालक अभियंता स्तर के कुछ अधिकारी जांच के घेरे में आ सकते हैं. एसीबी ने कुछ अभियंताओं से जुड़ी फाइलें भी जब्त की है. सोमवार को एसीबी इस मामले में निरंजन कुमार से पूछताछ भी करेगी.
निरंजन का कुनबा रडार पर
एंटी करप्शन ब्यूरो की जांच में यह भी सामने आया है कि निरंजन कुमार की तरह कई अधिकारी भी इस घपले में शामिल है. मिली जानकारी के अनुसार जरेडा में प्रतिनियुक्त विद्युत कार्यपालक अभियंता श्रीराम सिंह जिनकी सेवा टीवीएनएल को जो कि उनका पैतृक विभाग है को सितंबर 2017 में वापस कर दी गई लेकिन तत्कालीन निदेशक निरंजन कुमार के सह पर बिना किसी विभागीय आदेश के जरेडा में काम करते रहें और संवेदकों को करोड़ों रुपया का भुगतान किया गया. सूचना यह भी है कि निदेशक जरेडा ने 19 मार्च 2020 कोर विद्युत कार्यपालक अभियंता राम सिंह के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की भी अनुशंसा की. जिस पर विभाग ने अभी तक कोई भी निर्णय नहीं लिया है.