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7वीं जेपीएससी मुख्य परीक्षा स्थगित, 15 फरवरी को फिर होगी सुनवाई - 7वीं जेपीएससी पीटी परीक्षा

झारखंड हाई कोर्ट ने 7वीं जेपीएससी मुख्य परीक्षा को तत्काल 2 सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया है. मामले पर अगली सुनवाई 15 फरवरी को होगी.

7th jpsc mains exam postponed
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Published : Jan 25, 2022, 11:49 AM IST

Updated : Jan 25, 2022, 3:25 PM IST

रांचीः 7वीं जेपीएससी मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई हुई. 7वीं जेपीएससी पीटी परीक्षा में आरक्षण के बिंदु पर सुनवाई हुई. जेपीएससी ने मुख्य परीक्षा को 2 सप्ताह के लिए स्थगित करते हुए जवाब पेश करने के लिए समय लिया है. अदालत ने जेपीएससी को समय देते हुए मामले की अगली सुनवाई 15 फरवरी को तय की है. बता दें कि 28 जनवरी से जेपीएससी की मुख्य परीक्षा होने वाली थी. उसे तत्काल स्थगित कर दिया है.

इसे भी पढ़ें- जेपीएससी मुख्य परीक्षा टली, अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट को दिया धन्यवाद

28 जनवरी से होने वाली 7वीं से 10वीं जेपीएससी की मुख्य परीक्षा स्थगित कर दी गई है. झारखंड हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार और झारखंड लोक सेवा आयोग (Jharkhand Public Service Commission) के अधिवक्ता ने यह जानकारी दी है. 7वीं जेपीएससी पीटी परीक्षा में बगैर प्रावधान के आरक्षण का लाभ कैसे दिया गया? इस पर अदालत ने जानकारी मांगी थी. उसी मामले की सुनवाई के दौरान जेपीएससी ने अदालत में यह जानकारी दी. अदालत को बताया गया कि प्रार्थी की जो भी मांग है, उसे देखा जाएगा. अगर उसमें कहीं संशोधन की जरूरत होगी तो उसे नियमपूर्वक संशोधित किया जाएगा. इससे अदालत को अवगत कराया जाएगा. इसलिए इस मामले की सुनवाई की अन्य तिथि रख दी जाए. अदालत ने जेपीएससी के आग्रह को स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई 15 फरवरी को निर्धारित की है. जेपीएससी को इस बीच प्रार्थी की मांग पर नियमपूर्वक निर्णय लेकर कोर्ट को अवगत कराने का निर्देश दिया है.

जानकारी देते अधिवक्ता

याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि 7वीं जेपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण देने का प्रावधान नहीं है. इसके बावजूद भी जेपीएससी द्वारा पीटी में कैटेगरी वाइज रिजल्ट निकाला गया है, यह एक तरह से आरक्षण का लाभ देना है. जिससे सामान्य अभ्यर्थी का चयन बहुत ही कम रहा. यह एक तरह से सामान्य अभ्यर्थियों को परीक्षा से वंचित करने जैसा रहा है. इसलिए जेपीएससी द्वारा निकाले गए कैटिगरी वाइज रिजल्ट को रद्द कर संशोधित रिजल्ट निकाला जाना चाहिए, उनका कहना था कि नियम के अनुसार रिक्त पद के 15 गुना रिजल्ट निकालना है. प्रार्थी की इसी मांग पर हाई कोर्ट ने जेपीएससी और सरकार से जवाब मांगा है.

7वीं जेपीएससी की पीटी परीक्षा में कुल 4 हजार 244 अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा के लिए चयनित हुए हैं. रिक्त पद के 15 गुणा अभ्यर्थियों के चयनित करने का नियम है लेकिन जेपीएससी ने कैटेगरी वाइज परिणाम जारी किया है. इस परीक्षा में सामान्य वर्ग से कुल 758 अभ्यर्थी चयनित हुए हैं. इसमें कई ऐसे अभ्यर्थी हैं, जिनका चयन सामान्य कैटेगरी में हो गया है, लेकिन वो आरक्षित श्रेणी से आते हैं. इसका आधार उनका अंक सामान्य कैटेगरी से ज्यादा होना बताया गया है. प्रार्थी की ओर से 7वीं जेपीएससी की पीटी की परीक्षा को निरस्त कर संशोधित परिणाम जारी करने की मांग अदालत से की गयी है.

रांचीः 7वीं जेपीएससी मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई हुई. 7वीं जेपीएससी पीटी परीक्षा में आरक्षण के बिंदु पर सुनवाई हुई. जेपीएससी ने मुख्य परीक्षा को 2 सप्ताह के लिए स्थगित करते हुए जवाब पेश करने के लिए समय लिया है. अदालत ने जेपीएससी को समय देते हुए मामले की अगली सुनवाई 15 फरवरी को तय की है. बता दें कि 28 जनवरी से जेपीएससी की मुख्य परीक्षा होने वाली थी. उसे तत्काल स्थगित कर दिया है.

इसे भी पढ़ें- जेपीएससी मुख्य परीक्षा टली, अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट को दिया धन्यवाद

28 जनवरी से होने वाली 7वीं से 10वीं जेपीएससी की मुख्य परीक्षा स्थगित कर दी गई है. झारखंड हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार और झारखंड लोक सेवा आयोग (Jharkhand Public Service Commission) के अधिवक्ता ने यह जानकारी दी है. 7वीं जेपीएससी पीटी परीक्षा में बगैर प्रावधान के आरक्षण का लाभ कैसे दिया गया? इस पर अदालत ने जानकारी मांगी थी. उसी मामले की सुनवाई के दौरान जेपीएससी ने अदालत में यह जानकारी दी. अदालत को बताया गया कि प्रार्थी की जो भी मांग है, उसे देखा जाएगा. अगर उसमें कहीं संशोधन की जरूरत होगी तो उसे नियमपूर्वक संशोधित किया जाएगा. इससे अदालत को अवगत कराया जाएगा. इसलिए इस मामले की सुनवाई की अन्य तिथि रख दी जाए. अदालत ने जेपीएससी के आग्रह को स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई 15 फरवरी को निर्धारित की है. जेपीएससी को इस बीच प्रार्थी की मांग पर नियमपूर्वक निर्णय लेकर कोर्ट को अवगत कराने का निर्देश दिया है.

जानकारी देते अधिवक्ता

याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि 7वीं जेपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण देने का प्रावधान नहीं है. इसके बावजूद भी जेपीएससी द्वारा पीटी में कैटेगरी वाइज रिजल्ट निकाला गया है, यह एक तरह से आरक्षण का लाभ देना है. जिससे सामान्य अभ्यर्थी का चयन बहुत ही कम रहा. यह एक तरह से सामान्य अभ्यर्थियों को परीक्षा से वंचित करने जैसा रहा है. इसलिए जेपीएससी द्वारा निकाले गए कैटिगरी वाइज रिजल्ट को रद्द कर संशोधित रिजल्ट निकाला जाना चाहिए, उनका कहना था कि नियम के अनुसार रिक्त पद के 15 गुना रिजल्ट निकालना है. प्रार्थी की इसी मांग पर हाई कोर्ट ने जेपीएससी और सरकार से जवाब मांगा है.

7वीं जेपीएससी की पीटी परीक्षा में कुल 4 हजार 244 अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा के लिए चयनित हुए हैं. रिक्त पद के 15 गुणा अभ्यर्थियों के चयनित करने का नियम है लेकिन जेपीएससी ने कैटेगरी वाइज परिणाम जारी किया है. इस परीक्षा में सामान्य वर्ग से कुल 758 अभ्यर्थी चयनित हुए हैं. इसमें कई ऐसे अभ्यर्थी हैं, जिनका चयन सामान्य कैटेगरी में हो गया है, लेकिन वो आरक्षित श्रेणी से आते हैं. इसका आधार उनका अंक सामान्य कैटेगरी से ज्यादा होना बताया गया है. प्रार्थी की ओर से 7वीं जेपीएससी की पीटी की परीक्षा को निरस्त कर संशोधित परिणाम जारी करने की मांग अदालत से की गयी है.

Last Updated : Jan 25, 2022, 3:25 PM IST
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