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झारखंड में 58 लाख लोगों ने नहीं लिया कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज, डॉक्टरों ने कहा विशेष अभियान की जरूरत

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Published : May 2, 2022, 1:48 PM IST

झारखंड में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर लोगोें की लापरवाही सामने आयी है. आंकड़ों के मुताबिक फ्री वैक्सीनेश के बावजूद 58 लाख लोगों ने अब तक दूसरा डोज नहीं लिया है. डॉक्टरों ने विशेष अभियान चलाकर ऐसे लोगों को वैक्सीन देने की जरूरत पर जोर दिया है.

corona vaccine in Jharkhand
झारखंड में कोरोना

रांची: कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन को सबसे बड़ा हथियार माना जाता है. सरकार ने कोरोना वैक्सीनेशन के पहले चरण में सभी के लिए वैक्सीन के दो डोज फ्री दे रही है. ऐसे में आपको यह जानकर हैरानी होगी कि फ्री डोज होने के बावजूद राज्य में 58 लाख की आबादी ऐसे लोगों की है जिन्होंने वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लिया है. दूसरा डोज नहीं लेने वालों की इतनी बड़ी संख्या तब है जब विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना की चौथी लहर सामने है और बात बूस्टर डोज की हो रही है.

ये भी पढे़ं:- झारखंड में वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी, तय समय पर पूरा नहीं हुआ पूर्ण वैक्सीनेशन का लक्ष्य

डेढ़ करोड़ लोगों ने लिया वैक्सीन का दूसरा डोज: देश के साथ ही झारखंड में भी वर्ष 2021 के जनवरी महीने से कोरोना वायरस के संक्रमण के खिलाफ बचाव के रूप में टीकाकरण की शुरुआत हुई थी. झारखंड में कोरोना टीकाकरण शुरू हुए भी सवा साल से अधिक का समय गुजर गया है पर राज्य के 18 प्लस वाले कुल 02 करोड़ 10 लाख 46 हजार 83 लोगों में से 01 करोड़ 51 लाख 51 हजार 78 (72%)लोगों ने ही कोरोना से बचाव का टीका लिया है. यानी अभी भी 58 लाख 95 हजार (28%)के करीब लोगों ने वैक्सीन का दूसरा फ्री डोज ही नहीं लिया है. ऐसे में इन लोगों में कोरोना का सुरक्षा कवच कंप्लीट नहीं हुआ है. राज्य के बोकारो,धनबाद,जामताड़ा, हजारीबाग, रामगढ़, बोकारो पश्चिम सिंहभूम,गढ़वा,कोडरमा,चतरा ऐसे जिले हैं जहां कोरोना का दूसरा डोज लेने वालों की संख्या 70% से नीचे है.

झारखंड में दूसरे डोज को लेकर लापरवाही: मोदी सरकार ने 18 से 60 साल के लोगों के लिए कोरोना का बूस्टर डोज फ्री नहीं किया है बल्कि उसके लिए उन्हें पैसे खर्च करने होंगे. ऐसे में राज्य में पैसा देकर वैक्सीन लेने वालों की संख्या मुश्किल से 7 हजार के करीब पहुंची है. बात भी सही है कि जब राज्य में सरकार द्वारा दिए जा रहे निशुल्क वैक्सीन के दूसरे डोज लेने को लेकर कोताही लोगों की ओर से बरती जा रही है तो फिर बूस्टर डोज और वह भी 350-380₹ खर्च कर कौन वैक्सीन का बूस्टर डोज लेगा. आंकड़ों को अनुसार 12 से 14 वर्ष उम्र समूह के कुल 15 लाख 94 हजार बच्चों में से 06 लाख 22 हजार 73 (39%) ने पहला डोज और 90 हजार 479 (5.7%) ने दूसरा डोज लिया है. 15 से 17 वर्ष उम्र समूह के कुल 23 लाख 98 हजार किशोरों में से 14 लाख 17 हजार 302(59%) ने वैक्सीन का पहला डोज और 07 लाख 75 हजार 237(32%) ने वैक्सीन का दूसरा डोज लिया है.

ये भी पढे़ं: ... नहीं तो रांची में वैक्सीनेशन पर लग जाएगा ब्रेक! जानिए क्या है वजह

वैक्सीन का दूसरा डोज लेना जरूरी: रिम्स कोरोना टास्क फोर्स के संयोजक डॉ प्रभात कुमार कहते हैं कि कोरोना का टीका तभी प्रभावी होगा जब दोनों डोज वैक्सीन का लिया जाए,ऐसे में अगर 58-60 लाख लोगों ने वैक्सीन का बूस्टर डोज नहीं लिया है तो उनमें एंटीबाडी उस हद तक नहीं बना होगा कि कोरोना का जब शरीर में आक्रमण हो तो टी सेल उस वायरस से बचाव कारगर तरीके से कर सके,डॉ प्रभात के अनुसार सरकार को विशेष अभियान चलाकर वैक्सीन का दूसरा डोज सभी को मिल जाये यह सुनिश्चित करना होगा.

रांची: कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन को सबसे बड़ा हथियार माना जाता है. सरकार ने कोरोना वैक्सीनेशन के पहले चरण में सभी के लिए वैक्सीन के दो डोज फ्री दे रही है. ऐसे में आपको यह जानकर हैरानी होगी कि फ्री डोज होने के बावजूद राज्य में 58 लाख की आबादी ऐसे लोगों की है जिन्होंने वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लिया है. दूसरा डोज नहीं लेने वालों की इतनी बड़ी संख्या तब है जब विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना की चौथी लहर सामने है और बात बूस्टर डोज की हो रही है.

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डेढ़ करोड़ लोगों ने लिया वैक्सीन का दूसरा डोज: देश के साथ ही झारखंड में भी वर्ष 2021 के जनवरी महीने से कोरोना वायरस के संक्रमण के खिलाफ बचाव के रूप में टीकाकरण की शुरुआत हुई थी. झारखंड में कोरोना टीकाकरण शुरू हुए भी सवा साल से अधिक का समय गुजर गया है पर राज्य के 18 प्लस वाले कुल 02 करोड़ 10 लाख 46 हजार 83 लोगों में से 01 करोड़ 51 लाख 51 हजार 78 (72%)लोगों ने ही कोरोना से बचाव का टीका लिया है. यानी अभी भी 58 लाख 95 हजार (28%)के करीब लोगों ने वैक्सीन का दूसरा फ्री डोज ही नहीं लिया है. ऐसे में इन लोगों में कोरोना का सुरक्षा कवच कंप्लीट नहीं हुआ है. राज्य के बोकारो,धनबाद,जामताड़ा, हजारीबाग, रामगढ़, बोकारो पश्चिम सिंहभूम,गढ़वा,कोडरमा,चतरा ऐसे जिले हैं जहां कोरोना का दूसरा डोज लेने वालों की संख्या 70% से नीचे है.

झारखंड में दूसरे डोज को लेकर लापरवाही: मोदी सरकार ने 18 से 60 साल के लोगों के लिए कोरोना का बूस्टर डोज फ्री नहीं किया है बल्कि उसके लिए उन्हें पैसे खर्च करने होंगे. ऐसे में राज्य में पैसा देकर वैक्सीन लेने वालों की संख्या मुश्किल से 7 हजार के करीब पहुंची है. बात भी सही है कि जब राज्य में सरकार द्वारा दिए जा रहे निशुल्क वैक्सीन के दूसरे डोज लेने को लेकर कोताही लोगों की ओर से बरती जा रही है तो फिर बूस्टर डोज और वह भी 350-380₹ खर्च कर कौन वैक्सीन का बूस्टर डोज लेगा. आंकड़ों को अनुसार 12 से 14 वर्ष उम्र समूह के कुल 15 लाख 94 हजार बच्चों में से 06 लाख 22 हजार 73 (39%) ने पहला डोज और 90 हजार 479 (5.7%) ने दूसरा डोज लिया है. 15 से 17 वर्ष उम्र समूह के कुल 23 लाख 98 हजार किशोरों में से 14 लाख 17 हजार 302(59%) ने वैक्सीन का पहला डोज और 07 लाख 75 हजार 237(32%) ने वैक्सीन का दूसरा डोज लिया है.

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वैक्सीन का दूसरा डोज लेना जरूरी: रिम्स कोरोना टास्क फोर्स के संयोजक डॉ प्रभात कुमार कहते हैं कि कोरोना का टीका तभी प्रभावी होगा जब दोनों डोज वैक्सीन का लिया जाए,ऐसे में अगर 58-60 लाख लोगों ने वैक्सीन का बूस्टर डोज नहीं लिया है तो उनमें एंटीबाडी उस हद तक नहीं बना होगा कि कोरोना का जब शरीर में आक्रमण हो तो टी सेल उस वायरस से बचाव कारगर तरीके से कर सके,डॉ प्रभात के अनुसार सरकार को विशेष अभियान चलाकर वैक्सीन का दूसरा डोज सभी को मिल जाये यह सुनिश्चित करना होगा.

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