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अब जेल में नहीं बजेगी मोबाइल की घंटी, लगने जा रहा है 4G जैमर, ट्रायल शुरू

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Published : Mar 11, 2022, 6:36 PM IST

पिछले कुछ महीनों में लगातार ये खबरें आती रही है कि जेल से अपराधी अपना गैंग चला रहे हैं. झारखंड के कई जेलों में झापेमारी पर मोबाइल फोन भी मिले हैं. इसे देखते हुए अब झारखंड के सभी जेलों में फोर जी जैमर लगाने की तैयारी चल रही है. इसके लग जाने के बाद जेल के अंदर से किसी भी तहर से मोबाइल फोन इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा.

4G Jammer will be installed in all jails of Jharkhand
4G Jammer will be installed in all jails of Jharkhand

रांची: झारखंड के सभी जिलों में अब 4G जैमर लगाने की तैयारियां शुरू कर दी गई है. इसके लिए ट्रायल भी शुरू कर दिया गया है. जेल प्रशासन ने जेल के अंदर अब मोबाइल के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए जेल 4G जैमर लगाने की तैयारी कर ली है. जल्द ही इसकी कवायद शुरू कर दी जाएगी. इसके लिए दो कंपनियों का चयन किया गया है. एक कंपनी के द्वारा झारखंड के कई जिलों में 4G का ट्रायल भी किया गया जो सफल हुआ है.

झारखंड के सभी जेलों में 2G जैमर लगा हुआ है, लेकिन अपराधी 4G सिम का इस्तेमाल करते हैं. जेल प्रशासन के लाख प्रयास के बावजूद जेल के अंदर मोबाइल बड़ी आसानी के साथ पहुंच जाता है. जिसके बाद बड़े अपराधी से लेकर छोटे अपराधी जेल के अंदर से बैठकर ही अपनी सल्तनत चलाते हैं. यही वजह है कि अब 4G जैमर लगाने की तैयारी शुरू कर दी गई है. झारखंड के जेल आईजी मनोज कुमार ने बताया कि झारखंड के रामगढ़ जिले में जैमर का सफल डेमो भी हो चुका है. जिसमे जेल के अंदर जैमर की क्वालिटी भी टेस्ट हो चुकी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा सर्टिफाइड बेल (BELL)और ईसीएल ( ECIL) के जैमर की टेस्टिंग हुई है. बेल की तरफ से रेट का कोटेशन भी दिया जा चुका है तो वही ECIL के कोटेशन का इंतेजार जेल प्रशासन को है जिसके आने के साथ ही इस प्रस्ताव को कैबिनेट के पास भेजा जाएगा.

बिरसा मुंडा जेल में लगेगा जैमर: शुरुआती चरण में इसे रांची के स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार होटवार में इंस्टॉल किया जाएगा. जिसके बाद दो महीने के सफल संचालन के बाद ही झारखंड के दूसरे जेलों में इन जैमरों को इंस्टॉल करने का कार्य शुरू हो जाएगा. झारखंड के जेल आईजी मनोज कुमार का कहना है कि जैमर की खरीद केंद्रीय गृह मंत्रालय के ही सर्टिफाइड कंपनियों से करनी होती है और इसके लिए दो ही एजेंसियां हैं BELL और ECIL. उन्होंने बताया कि इन जैमरों से सिर्फ जेल की चारदीवारी के अंदर का ही नेटवर्क जाम करना होता है. जेल के बाहर इसका कोई प्रभाव नही पड़ता है. इसे भी डेमो के दौरान चेक किया गया है. वहीं उन्होंने बताया कि रामगढ़ में कुल 24 जैमर लगा कर डेमो किया गया था. जेल आईजी ने बताया कि इन जैमरों से मोबाइल नेटवर्क से किसी भी तरह की कॉल चाहे वो इंटरनेट कॉल हो या फिर बेसिक कॉल दोनों बाधित हो जाएंगी.

ये भी पढ़ें: अब भी चल रहा जेल में बंद शूटर अमन सिंह का सिक्का, बमबाजी और रंगदारी मांगने वाले 3 गुर्गे गिरफ्तार


बड़े अपराधी चला रहे हैं जेल से ही सल्तनत: झारखंड के कुख्यात अपराधी जेल से ही अपनी सल्तनत चला रहे हैं. अखिलेश सिंह, सुजीत सिन्हा, अनिल शर्मा, अमन सिंह, अमन साव, सुरेंद्र बंगाली और तिवारी गिरोह जैसे गैंगस्टर जेल में बैठे बैठे अपने गिरोह का संचालन कर रहे हैं. ये अपराधी सरकारी अधिकारियों से लेकर बड़े ठेकेदारों से रंगदारी वसूलते हैं. यह सारी गतिविधियां फोन से ही संचालित की जाती रही है. फोन जाने पर डर के कारण हर कोई रंगदारी देकर अपने आप को सुरक्षित रखना चाहता है. जेल से रंगदारी के बढ़ते मामलों को लेकर झारखंड पुलिस भी बैकफुट पर है और नई रणनीति के तहत काम करने की कोशिश कर रही है.

एक सप्ताह के अंदर लगेगा मेटल डिटेक्टर: 4G जैमर के साथ साथ जेल में अब मेटल डिटेक्ट स्कैनर भी लगाया जाएगा. जेल प्रशासन की ओर से इसकी तैयारी चल रही है. संभवाना व्यक्त की जा रही है कि एक सप्ताह के भीतर नया स्कैनर जेल में लगा दिया जाएगा. स्कैनर लगने के बाद कोई सामान चाहे वह कैदियों का हो या फिर पुलिसकर्मियों का स्कैन होकर ही भीतर जाएगा. इसके पता चल जाएगा कि जेल के भीतर क्या सामान गया है.

फोन के इस्तेमाल की सूचना के बाद लिया गया फैसला: रांची जेल में हाल के दिनों में कई कैदियों द्वारा मोबाइल फोन के इस्तेमाल की सूचना मिली थी. जेल के भीतर अपराधियों के द्वारा रंगदारी मांगने के मामले भी सामने आए थे. बरियातू, खेलगांव समेत अन्य थानों में केस भी दर्ज हुए हैं, लेकिन 4G जैमर के नहीं होने की वजह से पुलिस मामलों में कार्रवाई नहीं कर पा रही.

रांची: झारखंड के सभी जिलों में अब 4G जैमर लगाने की तैयारियां शुरू कर दी गई है. इसके लिए ट्रायल भी शुरू कर दिया गया है. जेल प्रशासन ने जेल के अंदर अब मोबाइल के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए जेल 4G जैमर लगाने की तैयारी कर ली है. जल्द ही इसकी कवायद शुरू कर दी जाएगी. इसके लिए दो कंपनियों का चयन किया गया है. एक कंपनी के द्वारा झारखंड के कई जिलों में 4G का ट्रायल भी किया गया जो सफल हुआ है.

झारखंड के सभी जेलों में 2G जैमर लगा हुआ है, लेकिन अपराधी 4G सिम का इस्तेमाल करते हैं. जेल प्रशासन के लाख प्रयास के बावजूद जेल के अंदर मोबाइल बड़ी आसानी के साथ पहुंच जाता है. जिसके बाद बड़े अपराधी से लेकर छोटे अपराधी जेल के अंदर से बैठकर ही अपनी सल्तनत चलाते हैं. यही वजह है कि अब 4G जैमर लगाने की तैयारी शुरू कर दी गई है. झारखंड के जेल आईजी मनोज कुमार ने बताया कि झारखंड के रामगढ़ जिले में जैमर का सफल डेमो भी हो चुका है. जिसमे जेल के अंदर जैमर की क्वालिटी भी टेस्ट हो चुकी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा सर्टिफाइड बेल (BELL)और ईसीएल ( ECIL) के जैमर की टेस्टिंग हुई है. बेल की तरफ से रेट का कोटेशन भी दिया जा चुका है तो वही ECIL के कोटेशन का इंतेजार जेल प्रशासन को है जिसके आने के साथ ही इस प्रस्ताव को कैबिनेट के पास भेजा जाएगा.

बिरसा मुंडा जेल में लगेगा जैमर: शुरुआती चरण में इसे रांची के स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार होटवार में इंस्टॉल किया जाएगा. जिसके बाद दो महीने के सफल संचालन के बाद ही झारखंड के दूसरे जेलों में इन जैमरों को इंस्टॉल करने का कार्य शुरू हो जाएगा. झारखंड के जेल आईजी मनोज कुमार का कहना है कि जैमर की खरीद केंद्रीय गृह मंत्रालय के ही सर्टिफाइड कंपनियों से करनी होती है और इसके लिए दो ही एजेंसियां हैं BELL और ECIL. उन्होंने बताया कि इन जैमरों से सिर्फ जेल की चारदीवारी के अंदर का ही नेटवर्क जाम करना होता है. जेल के बाहर इसका कोई प्रभाव नही पड़ता है. इसे भी डेमो के दौरान चेक किया गया है. वहीं उन्होंने बताया कि रामगढ़ में कुल 24 जैमर लगा कर डेमो किया गया था. जेल आईजी ने बताया कि इन जैमरों से मोबाइल नेटवर्क से किसी भी तरह की कॉल चाहे वो इंटरनेट कॉल हो या फिर बेसिक कॉल दोनों बाधित हो जाएंगी.

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बड़े अपराधी चला रहे हैं जेल से ही सल्तनत: झारखंड के कुख्यात अपराधी जेल से ही अपनी सल्तनत चला रहे हैं. अखिलेश सिंह, सुजीत सिन्हा, अनिल शर्मा, अमन सिंह, अमन साव, सुरेंद्र बंगाली और तिवारी गिरोह जैसे गैंगस्टर जेल में बैठे बैठे अपने गिरोह का संचालन कर रहे हैं. ये अपराधी सरकारी अधिकारियों से लेकर बड़े ठेकेदारों से रंगदारी वसूलते हैं. यह सारी गतिविधियां फोन से ही संचालित की जाती रही है. फोन जाने पर डर के कारण हर कोई रंगदारी देकर अपने आप को सुरक्षित रखना चाहता है. जेल से रंगदारी के बढ़ते मामलों को लेकर झारखंड पुलिस भी बैकफुट पर है और नई रणनीति के तहत काम करने की कोशिश कर रही है.

एक सप्ताह के अंदर लगेगा मेटल डिटेक्टर: 4G जैमर के साथ साथ जेल में अब मेटल डिटेक्ट स्कैनर भी लगाया जाएगा. जेल प्रशासन की ओर से इसकी तैयारी चल रही है. संभवाना व्यक्त की जा रही है कि एक सप्ताह के भीतर नया स्कैनर जेल में लगा दिया जाएगा. स्कैनर लगने के बाद कोई सामान चाहे वह कैदियों का हो या फिर पुलिसकर्मियों का स्कैन होकर ही भीतर जाएगा. इसके पता चल जाएगा कि जेल के भीतर क्या सामान गया है.

फोन के इस्तेमाल की सूचना के बाद लिया गया फैसला: रांची जेल में हाल के दिनों में कई कैदियों द्वारा मोबाइल फोन के इस्तेमाल की सूचना मिली थी. जेल के भीतर अपराधियों के द्वारा रंगदारी मांगने के मामले भी सामने आए थे. बरियातू, खेलगांव समेत अन्य थानों में केस भी दर्ज हुए हैं, लेकिन 4G जैमर के नहीं होने की वजह से पुलिस मामलों में कार्रवाई नहीं कर पा रही.

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