रांची: झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में कई महीनों से अंतिम संस्कार का इंतजार कर रहे 33 शवों को आखिरकार मुक्ति मिल गई. रांची की मुक्ति संस्था की ओर से सभी 33 लावारिस शवों का अंतिम संस्कार एक साथ किया गया. 2014 से रिम्स के मोर्चरी (शव गृह) में रखे गए लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करती आ रही है.
लावारिस शवों की सामूहिक चिता सजाई गई और मंत्रोच्चार के बीच शवों के मोक्ष की प्राप्ति के लिए मुखाग्नि दी गयी. 7 साल में संस्था ने 1259 लावारिस शवों का अंतिम संस्कार किया है. संस्था के सदस्यों ने रिम्स से शवों को पैक कर जुमार नदी के तट पर पहुंचे. नगर निगम ने लकड़ी उपलब्ध कराई और अंतिम संस्कार का सारा कार्यक्रम अरदास परमजीत सिंह टिंकू ने किया. जबकि मुखाग्नि संस्था के अध्यक्ष प्रवीण लोहिया ने दी.
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इस मौके पर प्रवीण लोहिया, सौरभ बथवाल, हरीश नागपल, रवि अग्रवाल, संजय सिंह, अंशु मित्तल,बंटी शर्मा, संजय खीरवाल,गौरव केडिया, राजेश विजय,विकाश विजय, संदीप प्पनेजा, सुनील अग्रवाल,अमित, संदीप कुमार, नीरज खेतान,आदित्य राजगरिया, आशुतोष अग्रवाल, अमित अग्रवाल मौजूद रहे.