रांचीः झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत राज्य कार्यकारिणी की बैठक में लिए गए निर्णय के आलोक में महासंघ से संबद्धता होने के कारण राज्य स्तरीय पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ झारखंड प्रदेश भी अपनी तीन सूत्री मांगें पूरी करनी की बात कही है. इसे लेकर सरकार की नीतियों के खिलाफ सांकेतिक रूप से सभी सदस्य भूख हड़ताल पर अपने-अपने घरों में बैठे.
पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ का मुख्य तीन सूत्री मांग
- पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक के सदस्यों को सेवा स्थाई (नियमित) किया जाए.
- स्वयं सेवकों को मिलने वाला प्रोत्साहन राशि को हटाकर उचित मानदेय दिया जाए.
- राज्य लेवल पर मोनेट्रिंग सेल का गठन किया जाए ताकि स्वयंसेवकों की समस्या और मांग इसी सेल के द्वारा सुनिश्चित हो.
पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रदीप कुमार ने कहा की झारखंड की वर्तमान सरकार ने वादा किया था कि झारखंड में जितने भी संविदा कर्मी हैं चाहे वह पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक के सदस्य हों या रोजगार सेवक हों या पारा टीचर हों, कृषक मित्र, उर्जा मित्र, रसोईया, संयोजीका हों या फिर किसी भी विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर हों. सभी लोगों को स्थाई किया जाएगा, लेकिन अब तक झारखंड के सभी संविदा कर्मी और युवा ठगा महसूस कर रहे हैं.
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उनका कहना है कि वर्तमान सरकार ने विधानसभा चुनाव के समय जो भी चुनावी घोषणा किया था उनमें से एक भी पूरा नहीं किया गया है. वहीं लोगों की मांग है कि अगर सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती है तो कोरोना महामारी खत्म होने के बाद झारखंड राज्य में जितने भी संविदा कर्मी संगठन हैं उन सभी को साथ लेकर झारखंड सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे. इसलिए पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक के सदस्य झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह करती हैं कि किए गए घोषणाओं को पूरा करें.