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मजदूर बन नक्सली कंस्ट्रक्शन कंपनियों की कर रहे थे रेकी, डायरी में मिले कई राज

3 पीएलएफआई उग्रवादियों की गिरफ्तारी के बाद नया खुलासा हुआ है. नक्सलियों के पास से मिले डायरी में कई पुलिस और अधिकारियों के नंबर मिले हैं. पूछताछ में तीनों नक्सलियों ने यह माना है कि वह लोग मजदूर के रूप में बड़े-बड़े कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम कर रहे थे ताकि यह पता चल सके कि उन कंपनियों के पास कितने पैसे हैं.

फाइल फोटो
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Published : Aug 8, 2019, 8:21 AM IST

रांची: पुलिस द्वारा एक लाख के इनामी एरिया कमांडर सहित तीन पीएलएफआई उग्रवादियों की गिरफ्तारी के बाद नया खुलासा हुआ है. जानकारी के अनुसार एक लाख का इनामी और पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप का राइट हैंड रह चुका पीएलएफआई उग्रवादी जुनूल उर्फ जेम्स भेंगरा के पास से एक डायरी मिली है. डायरी में 300 फोन नंबर लिखे थे, जिनमें सुप्रिमो दिनेश गोप, कर्रा थानेदार सहित कई महत्वपूर्ण लोगों के नंबर मौजूद हैं.


डायरी में कई राज
एक लाख के इस इनामी नक्सली को रांची पुलिस ने गुमला पुलिस के हवाले कर दिया था. जेम्स के पास मिली डायरी में कई पुलिस अधिकारियों के भी नंबर मिले हैं. हालांकि पुलिस के पूछे जाने पर बताया है कि वह कर्रा थानेदार के संपर्क में था. हालांकि उनसे क्या बातचीत होती थी इसकी जानकारी नहीं दी है. पूछताछ में यह भी बताया है कि वह गुमला पुलिस से छुपने की वजह से तुपुदाना के हुलहुंडू में छुपकर रह रहा था.


मजदूरी कर बना रहे थे पैसेवालों की लिस्ट
तीनों नक्सली यानी जुनूल के अलावा नेलसन टोप्पो और सैमुअल उर्फ चेपटा निर्माणाधीन भवनों में मजदूरी कर रहे थे. तीनों को मजदूरी करते पकड़ा गया था. जुनूल लटमा स्थित एक निर्माणाधीन मकान में राज मिस्त्री के साथ मजदूरी कर रहा था. नेलसन हुलहुंडू में बालू ढुलाई का काम कर रहा था, जबकि सैमुअल शतरंजी में मजदूरी कर रहा था. इसकी सूचना मिलने पर तुपुदाना ओपी प्रभारी तारीक अनवर ने तीनों को एक-एक कर घेरकर पकड़ा था.


पूछताछ में तीनों नक्सलियों ने यह माना है कि वह लोग मजदूर के रूप में बड़े-बड़े कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम कर रहे थे ताकि यह पता चल सके कि उन कंपनियों के पास कितने पैसे हैं. सारी जानकारी लेकर वह अपने सुप्रीमो को सूचना देते जिसके बाद कंस्ट्रक्शन कंपनियों से पैसों की डिमांड की जाती.


तुपुदाना रहा है ठिकाना
तुपुदाना का सीमाना इलाका पीएलएफआई उग्रवादियों का सुरक्षित ठिकाना रहा है. गुमला, खूंटी, सरायकेला सहित अन्य इलाकों से भागकर मजदूर के वेश में छुपकर रहते हैं. तुपुदाना के पुराने हुलहुंडू, बेरमाद, बालसिरिंग, जोजोडीह, चोरटोंग, गुटिय, कटहल टोली सहित अन्य गावों में उग्रवादी अपना ठिकाना बनाते हैं. कुख्यात उग्रवादी जेठा कच्छप भी तुपुदाना और कर्रा थाने की सीमाना इलाके से पकड़ा गया था.


बाइक चोरी कर संगठन को भेजते हैं
पीएलएफआई के उग्रवादी रांची के तुपुदाना, हटिया सहित अन्य इलाकों से बाइक चोरी की जाती है. चोरी की बाइक संगठनों को भेजा जाता है. इन बाइक का इस्तेमाल उग्रवादी घटनाओं को अंजाम देने में होता है. कई मुठभेड़ की घटनाओं में बरामद मोटरसाकिल तुपुदाना और धुर्वा इलाके से चोरी की थी.


तुपुदाना पुलिस ने एक लाख के इनामी जुनूल उर्फ जेम्स भेंगरा, नेलसन टोप्पो और सैमुअल उर्फ चेपटा को पकड़कर गुमला के कामडारा पुलिस को सौंप दिया. तीनों के खिलाफ डेढ़ दर्जन से अधिक हत्या, लूट और लेवी वसूली का मामला दर्ज है. इसके अलावा चर्चित कामडारा हत्याकांड को तीनों ने ही मिलकर की थी.

रांची: पुलिस द्वारा एक लाख के इनामी एरिया कमांडर सहित तीन पीएलएफआई उग्रवादियों की गिरफ्तारी के बाद नया खुलासा हुआ है. जानकारी के अनुसार एक लाख का इनामी और पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप का राइट हैंड रह चुका पीएलएफआई उग्रवादी जुनूल उर्फ जेम्स भेंगरा के पास से एक डायरी मिली है. डायरी में 300 फोन नंबर लिखे थे, जिनमें सुप्रिमो दिनेश गोप, कर्रा थानेदार सहित कई महत्वपूर्ण लोगों के नंबर मौजूद हैं.


डायरी में कई राज
एक लाख के इस इनामी नक्सली को रांची पुलिस ने गुमला पुलिस के हवाले कर दिया था. जेम्स के पास मिली डायरी में कई पुलिस अधिकारियों के भी नंबर मिले हैं. हालांकि पुलिस के पूछे जाने पर बताया है कि वह कर्रा थानेदार के संपर्क में था. हालांकि उनसे क्या बातचीत होती थी इसकी जानकारी नहीं दी है. पूछताछ में यह भी बताया है कि वह गुमला पुलिस से छुपने की वजह से तुपुदाना के हुलहुंडू में छुपकर रह रहा था.


मजदूरी कर बना रहे थे पैसेवालों की लिस्ट
तीनों नक्सली यानी जुनूल के अलावा नेलसन टोप्पो और सैमुअल उर्फ चेपटा निर्माणाधीन भवनों में मजदूरी कर रहे थे. तीनों को मजदूरी करते पकड़ा गया था. जुनूल लटमा स्थित एक निर्माणाधीन मकान में राज मिस्त्री के साथ मजदूरी कर रहा था. नेलसन हुलहुंडू में बालू ढुलाई का काम कर रहा था, जबकि सैमुअल शतरंजी में मजदूरी कर रहा था. इसकी सूचना मिलने पर तुपुदाना ओपी प्रभारी तारीक अनवर ने तीनों को एक-एक कर घेरकर पकड़ा था.


पूछताछ में तीनों नक्सलियों ने यह माना है कि वह लोग मजदूर के रूप में बड़े-बड़े कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम कर रहे थे ताकि यह पता चल सके कि उन कंपनियों के पास कितने पैसे हैं. सारी जानकारी लेकर वह अपने सुप्रीमो को सूचना देते जिसके बाद कंस्ट्रक्शन कंपनियों से पैसों की डिमांड की जाती.


तुपुदाना रहा है ठिकाना
तुपुदाना का सीमाना इलाका पीएलएफआई उग्रवादियों का सुरक्षित ठिकाना रहा है. गुमला, खूंटी, सरायकेला सहित अन्य इलाकों से भागकर मजदूर के वेश में छुपकर रहते हैं. तुपुदाना के पुराने हुलहुंडू, बेरमाद, बालसिरिंग, जोजोडीह, चोरटोंग, गुटिय, कटहल टोली सहित अन्य गावों में उग्रवादी अपना ठिकाना बनाते हैं. कुख्यात उग्रवादी जेठा कच्छप भी तुपुदाना और कर्रा थाने की सीमाना इलाके से पकड़ा गया था.


बाइक चोरी कर संगठन को भेजते हैं
पीएलएफआई के उग्रवादी रांची के तुपुदाना, हटिया सहित अन्य इलाकों से बाइक चोरी की जाती है. चोरी की बाइक संगठनों को भेजा जाता है. इन बाइक का इस्तेमाल उग्रवादी घटनाओं को अंजाम देने में होता है. कई मुठभेड़ की घटनाओं में बरामद मोटरसाकिल तुपुदाना और धुर्वा इलाके से चोरी की थी.


तुपुदाना पुलिस ने एक लाख के इनामी जुनूल उर्फ जेम्स भेंगरा, नेलसन टोप्पो और सैमुअल उर्फ चेपटा को पकड़कर गुमला के कामडारा पुलिस को सौंप दिया. तीनों के खिलाफ डेढ़ दर्जन से अधिक हत्या, लूट और लेवी वसूली का मामला दर्ज है. इसके अलावा चर्चित कामडारा हत्याकांड को तीनों ने ही मिलकर की थी.

Intro:मजदूर बन कंस्ट्रक्शन कंपनियों की रेकी कर रहे थे नक्सली , नक्सली की डायरी में भी मिले कई राज
रांची।

रांची पुलिस द्वारा एक लाख के इनामी एरिया कमांडर सहित तीन पीएलएफआई उग्रवादियों की गिरफ्तारी के बाद नया खुलासा हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार एक लाख का इनामी और पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप का राइट हैंड रह चुका पीएलएफआई उग्रवादी जुनूल उर्फ जेम्स भेंगरा के पास से एक डायरी मिली है। डायरी में 300 फोन नंबर लिखे थे। उनमें सुप्रिमो दिनेश गोप, कर्रा थानेदार सहित कई महत्वपूर्ण लोगों के नंबर मौजूद हैं।

डायरी में कई राज,पूछताछ में होगा खुलासा

एक लाख के इस इनामी नक्सली को रांची पुलिस ने गुमला पुलिस के हवाले कर दिया था। जेम्स के पास मिली डायरी में कई पुलिस अधिकारियों के भी नंबर मिले हैं हालाकी पुलिस के पूछे जाने पर बताया है कि वह कर्रा थानेदार के संपर्क में था। हालांकि उनसे क्या बातचीत होती थी, इसकी जानकारी नहीं दी है। पूछताछ में यह भी बताया है कि वह गुमला पुलिस से छुपने की वजह से तुपुदाना के हुलहुंडू में छुपकर रह रहे था।

मजदूरी कर बना रहे थे पैसे वालो की लिस्ट

तीनों नक्सली यानी जुनूल के अलावा नेलसन टोप्पो और सैमुअल उर्फ चेपटा निर्माणाधीन भवनों में मजदूरी कर रहे थे। तीनों को मजदूरी करते पकड़ा गया था। जुनूल लटमा स्थित एक निर्माणाधीन मकान में राज मिस्त्री के साथ मजदूरी कर रहा था। नेलसन हुलहुंडू में बालू ढुलाई का काम कर रहा था। जबकि सैमुअल शतरंजी में मजदूरी कर रहा था। इसकी सूचना मिलने पर तुपुदाना ओपी प्रभारी तारीक अनवर ने तीनों को एक-एक कर घेरकर पकड़ा था। पूछताछ में तीनों नक्सलियों ने यह माना है कि वह लोग मजदूर के रूप में बड़े-बड़े कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम कर रहे थे ताकि यह पता चल सके कि उन कंपनियों के पास कितने पैसे हैं सारी जानकारी लेकर वह अपने सुप्रीमो को सूचना देते जिसके बाद कंस्ट्रक्शन कंपनियों से पैसों की डिमांड की जाती।


तुपुदाना का सीमाना इलाका रहा है ठिकाना :

तुपुदाना का सीमाना इलाका पीएलएफआइ उग्रवादियों का सुरक्षित ठिकाना रहा है। गुमला, खूंटी, सरायकेला सहित अन्य इलाकों से भागकर मजदूर के वेश में छुपकर रहते हैं। तुपुदाना के पुराने हुलहुंडू, बेरमाद, बालसिरिंग, जोजोडीह, चोरटोंग, गुटिय, कटहल टोली सहित अन्य गावों में उग्रवादी अपना ठिकाना बनाते हैं। कुख्यात उग्रवादी जेठा कच्छप भी तुपुदाना और कर्रा थाने की सीमाना इलाके से पकड़ा गया था।


शहर से बाइक चोरी कर भेजते हैं संगठन को

पीएलएफआई के उग्रवादी रांची के तुपुदाना, हटिया सहित अन्य इलाकों से बाइक चोरी की जाती है। चोरी की बाइक संगठनों को भेजा जाता है। इन बाइक का इस्तेमाल उग्रवादी घटनाओं को अंजाम देने में होता है। कई मुठभेड़ की घटनाओं में बरामद मोटरसाकिल तुपुदाना व धुर्वा इलाके से चोरी की थी।


तीन उग्रवादियों को पकड़कर सौंपा था

तुपुदाना पुलिस ने क लाख के इनामी जुनूल उर्फ जेम्स भेंगरा, नेलसन टोप्पो और सैमुअल उर्फ चेपटा को पकड़कर गुमला के कामडारा पुलिस को सौंप दिया जाएगा। तीनों के खिलाफ डेढ़ दर्जन से अधिक हत्या, लूट और लेवी वसूली का मामला दर्ज है। इसके अलावा चर्चित कामडारा हत्याकांड को तीनों ने ही मिलकर दी थी। 

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