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रिम्स के 18 मेडिकल छात्रों को हॉस्टल से निकालने का आदेश, डिसिप्लिनरी एक्ट के तहत हुई कार्रवाई

पिछले महीने में रिम्स के हॉस्टल में जूनियर और सीनियर छात्रों के बीच जमकर मारपीट हुई थी. इस मामले को लेकर 18 छात्रों पर डिसिप्लिनरी एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए हॉस्टल से निकालने के आदेश जारी किए गए हैं.

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Published : Oct 12, 2021, 5:33 PM IST

Updated : Oct 12, 2021, 8:26 PM IST

RIMS
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रांची: सितंबर महीने में रिम्स के हॉस्टल में जूनियर और सीनियर छात्रों में बीच हुए विवाद को लेकर प्रबंधन ने 18 छात्रों पर डिसिप्लिनरी एक्ट के तहत कार्रवाई की है. इसके तहत 18 छात्रों को हॉस्टल से निकालने का आदेश जारी किया गया है. मिली जानकारी के तहत सभी छात्रों को 18 अक्टूबर तक हॉस्टल खाली करने के लिए कहा गया है. इनमें 5 छात्रों को 1 साल के लिए निकाला गया है. जबकि 13 छात्रों को 3 महीने के लिए हॉस्टल से निष्कासित किया गया है.

रिम्स प्रबंधन ने हॉस्टल में रहने वाले मेडिकल छात्रों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. 4 सितंबर की देर रात रिम्स के हॉस्टल नंबर 7 और हॉस्टल नंबर 2 के मेडिकल स्टूडेंट ने मारपीट की घटना को अंजाम दिया था. जिसको लेकर 5 सितंबर को बरियातू थाना की पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ था. मारपीट की घटना की निंदा करते हुए रिम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप ने 5 सदस्य जांच कमेटी बनाकर पूरे मामले की जांच करने के आदेश जारी किया था.

इसे भी पढ़ें- रिम्स में मरीज के परिजनों और डॉक्टरों के बीच मारपीट, हड़ताल पर जाने की दी धमकी

डॉक्टर हिरेन बिरुआ की जांच के बाद जारी हुआ आदेश
जांच की जिम्मेदारी शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर हिरेन बिरुआ को दी गई थी. जांच रिपोर्ट आने के बाद निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद के निर्देश पर 18 मेडिकल छात्रों के खिलाफ प्रबंधन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए सभी को हॉस्टल से निष्कासित करने का आदेश जारी कर दिया है.

तीन माह से एक साल के लिए हॉस्टल से निष्कासित
रिम्स प्रबंधन ने कार्रवाई को लेकर बताया कि 18 मेडिकल छात्रों को तीन माह से लेकर एक साल तक की अवधि के लिए हॉस्टल से निकाला गया है. प्रबंधन ने द्वारा सख्त आदेश जारी करते हुए कहा है कि सभी छात्रों को हॉस्टल के मेस की सुविधा से भी वंचित किया जाता है.

इन मेडिकल छात्रों पर हुई कार्रवाई
आशीष नचिकेता, अनुज शंकर कुमार, तनय झा, अभिषेक कुमार, ऋषभ राज, कुमार पुष्पक, मृणाल सागर, प्रशांत सिंह, आयुष केडिया, रेहान कुमार, उज्जवल कुमार, मृणाल सिंह, अभिषेक वर्मा इन्हें 3 महीने के लिए हॉस्टल से निष्कासित किया गया है. इसके अलावा सीनियर छात्रों में मनोरंजन कुमार, पवन कुमार, निशांत कुमा, सूरज कुमार साहू और रेकझिंग भूटिया को एक वर्ष के लिए हॉस्टल से निष्कासित किया गया है.

18 अक्टूबर तक छात्रों को खाली करने का दिया आदेश
मिली जानकारी के अनुसार सभी निष्कासित के छात्रों को 18 अक्टूबर तक हॉस्टल खाली करने के लिए कहा गया है. इसके अलावा अन्य छात्रों को भी सख्त हिदायत दी गई है कि किसी भी निष्कासित किए छात्रों को अपने हॉस्टल में रहने नहीं दें अन्यथा उन पर भी कार्रवाई की जाएगी.

11 सितंबर के दिन 2019 बैच के छात्रों की सप्लीमेंट्री परीक्षा खत्म होने के बाद जूनियर छात्र जश्न में डूबे हुए थे. हॉस्टल में शोर-शराबा हो रहा था. वहीं, पीजी के छात्रों की 11 को नीट पीजी की परीक्षा है. जिस कारण सीनियर छात्रों को पढ़ने में दिक्कत हो रही थी. यही शोर-शराबा पीजी के छात्रों को नागवार गुजरा. पीजी के छात्रों ने जूनियर छात्रों को फटकार लगाई और रैगिंग करवाते हुए जूनियर छात्रों को मुर्गा भी बनाया. इसे लेकर जूनियर डॉक्टर्स का झुंड सीधे पीजी हॉस्टल पहुंच गया और फिर मामला तनावपूर्ण हो गया था.

रांची: सितंबर महीने में रिम्स के हॉस्टल में जूनियर और सीनियर छात्रों में बीच हुए विवाद को लेकर प्रबंधन ने 18 छात्रों पर डिसिप्लिनरी एक्ट के तहत कार्रवाई की है. इसके तहत 18 छात्रों को हॉस्टल से निकालने का आदेश जारी किया गया है. मिली जानकारी के तहत सभी छात्रों को 18 अक्टूबर तक हॉस्टल खाली करने के लिए कहा गया है. इनमें 5 छात्रों को 1 साल के लिए निकाला गया है. जबकि 13 छात्रों को 3 महीने के लिए हॉस्टल से निष्कासित किया गया है.

रिम्स प्रबंधन ने हॉस्टल में रहने वाले मेडिकल छात्रों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. 4 सितंबर की देर रात रिम्स के हॉस्टल नंबर 7 और हॉस्टल नंबर 2 के मेडिकल स्टूडेंट ने मारपीट की घटना को अंजाम दिया था. जिसको लेकर 5 सितंबर को बरियातू थाना की पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ था. मारपीट की घटना की निंदा करते हुए रिम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप ने 5 सदस्य जांच कमेटी बनाकर पूरे मामले की जांच करने के आदेश जारी किया था.

इसे भी पढ़ें- रिम्स में मरीज के परिजनों और डॉक्टरों के बीच मारपीट, हड़ताल पर जाने की दी धमकी

डॉक्टर हिरेन बिरुआ की जांच के बाद जारी हुआ आदेश
जांच की जिम्मेदारी शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर हिरेन बिरुआ को दी गई थी. जांच रिपोर्ट आने के बाद निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद के निर्देश पर 18 मेडिकल छात्रों के खिलाफ प्रबंधन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए सभी को हॉस्टल से निष्कासित करने का आदेश जारी कर दिया है.

तीन माह से एक साल के लिए हॉस्टल से निष्कासित
रिम्स प्रबंधन ने कार्रवाई को लेकर बताया कि 18 मेडिकल छात्रों को तीन माह से लेकर एक साल तक की अवधि के लिए हॉस्टल से निकाला गया है. प्रबंधन ने द्वारा सख्त आदेश जारी करते हुए कहा है कि सभी छात्रों को हॉस्टल के मेस की सुविधा से भी वंचित किया जाता है.

इन मेडिकल छात्रों पर हुई कार्रवाई
आशीष नचिकेता, अनुज शंकर कुमार, तनय झा, अभिषेक कुमार, ऋषभ राज, कुमार पुष्पक, मृणाल सागर, प्रशांत सिंह, आयुष केडिया, रेहान कुमार, उज्जवल कुमार, मृणाल सिंह, अभिषेक वर्मा इन्हें 3 महीने के लिए हॉस्टल से निष्कासित किया गया है. इसके अलावा सीनियर छात्रों में मनोरंजन कुमार, पवन कुमार, निशांत कुमा, सूरज कुमार साहू और रेकझिंग भूटिया को एक वर्ष के लिए हॉस्टल से निष्कासित किया गया है.

18 अक्टूबर तक छात्रों को खाली करने का दिया आदेश
मिली जानकारी के अनुसार सभी निष्कासित के छात्रों को 18 अक्टूबर तक हॉस्टल खाली करने के लिए कहा गया है. इसके अलावा अन्य छात्रों को भी सख्त हिदायत दी गई है कि किसी भी निष्कासित किए छात्रों को अपने हॉस्टल में रहने नहीं दें अन्यथा उन पर भी कार्रवाई की जाएगी.

11 सितंबर के दिन 2019 बैच के छात्रों की सप्लीमेंट्री परीक्षा खत्म होने के बाद जूनियर छात्र जश्न में डूबे हुए थे. हॉस्टल में शोर-शराबा हो रहा था. वहीं, पीजी के छात्रों की 11 को नीट पीजी की परीक्षा है. जिस कारण सीनियर छात्रों को पढ़ने में दिक्कत हो रही थी. यही शोर-शराबा पीजी के छात्रों को नागवार गुजरा. पीजी के छात्रों ने जूनियर छात्रों को फटकार लगाई और रैगिंग करवाते हुए जूनियर छात्रों को मुर्गा भी बनाया. इसे लेकर जूनियर डॉक्टर्स का झुंड सीधे पीजी हॉस्टल पहुंच गया और फिर मामला तनावपूर्ण हो गया था.

Last Updated : Oct 12, 2021, 8:26 PM IST
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