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कोरोना से निपटने के लिए झारखंड के इन 14 जिलों में खुलेंगे RT-PCR लैब, 'मिशन कर्तव्य' की होगी शुरुआत

झारखंड में कोरोना के संभावित तीसरी लहर को लेकर तैयारियां तेज गति से की जा रही है. इसके लिए राज्य के 14 जिलों के टेस्टिंग लैब खोला जा रहा है. मिशन कर्तव्य की भी लॉन्चिंग की जा रही है.

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कोरोना से निपटने के लिए झारखंड के इन 14 जिलों में खुलेंगे RT-PCR लैब
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Published : Jul 20, 2021, 12:56 PM IST

रांचीः राज्य में कोरोना की दूसरी लहर की तबाही से सबक लेकर झारखंड सरकार और स्वास्थ्य महकमा अपनी तैयारियों में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता. तीसरी लहर की संभावना को ध्यान में रख राज्यभर में तैयारियां की जा रही हैं. इसी क्रम में राज्य में कोरोना जांच की सुविधा को व्यापक बनाया जा रहा है. राज्य में मोबाइल RTPCR टेस्ट लैब के बाद अब 14 जिलों में बीएसएल-2 (BSL2) स्तर का आरटी-पीसीआर लैब खोला जा रहा है. सरकारी स्तर पर खोले जा रहे सभी 14 आरटीपीसीआर लैब का संचालन पीपीपी मोड पर प्रेझा फाउंडेशन करेगी.

ये भी पढ़ेंः कोविड-19 : 125 दिनों में संक्रमण के सबसे कम मामले

ICMR को भेजा गया अनुमति प्रस्ताव

14 में से 10 लैब की स्थापना की फाइनल अनुमति के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से आईसीएमआर को भेज दिया गया है. वहीं चार लैब के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है. आईसीएमआर से अनुमति मिलने के बाद लैब काम करना शुरू कर देगा. झारखंड सरकार और प्रेझा फाउंडेशन के द्वारा पीपीपी मोड पर स्थापित किए जा रहे सभी 14 आरटीपीसीआर लैब का निर्माण एम्स, रायपुर की निगरानी और संरक्षण में प्रेझा फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है.

लगातार बेहतर करने की हो रही है कोशिश

राज्य के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ए के सिंह ने बताया कि 14 मार्च 2020 से पहले कोरोना जांच की सुविधा राज्य में नहीं थी. राज्य सरकार के प्रयास से अभी सूबे मे 8 सरकारी आरटीपीसीआर प्रयोगशाला काम कर रहे हैं. इनकी कुल अधिकतम जांच क्षमता 18 हजार तक प्रतिदिन है.

इन जिलों में बनेंगे RT-PCR कोरोना जांच लैब

प्रस्तावित RT पीसीआर लैब रांची के अलावा चतरा, गढ़वा, गिरिडीह, खूंटी, पाकुड़, रामगढ़, सिमडेगा, बोकारो, देवघर, गुमला, गोड्डा, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम में बनेंगे.

'मिशन कर्तव्य' निपटेगा कोरोना की तीसरी लहर से

नीति आयोग से मिले दिशा निर्देशों के अनुसार राज्य में कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए सरकार 'मिशन कर्तव्य' लॉन्च करेगी. नीति आयोग के निर्देशानुसार इसके तहत जिला स्तर पर गो-सीएसओ(GOCSO- गवर्नमेंट- सिविल सोसायटी ऑर्गेनाइजेशन) समन्वय समिति को कार्यशील किया जाएगा. यूनिसेफ के सहयोग से यह समिति स्टेट नोडल एजेंसी covid19 से बचाव और रोकथाम की दिशा में काम करेगी.

'मिशन कर्तव्य' का संचालन सरकार और स्वयंसेवी संस्थाओं के संयुक्त प्रयास से किया जाएगा. सभी जिलों के डीसी गो-सीएसओ के लिए जिला के नोडल पदाधिकारी होंगे. स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य सेवाएं) अरुण कुमार सिंह ने राज्य के सभी जिलों के डीसी को इस बाबत निर्देश जारी किया गया है.

ऐसे काम करेगा 'मिशन कर्तव्य'
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अरुण कुमार सिंह के अनुसार, तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग नई रणनीति के तहत काम करेगा. जिसे ‘मिशन कर्तव्य’ का नाम दिया गया है. इसमें झारखंड सरकार और स्वयंसेवी संस्थाओं का संयुक्त प्रयास होगा. मिशन कर्तव्य का मूल उदेश्य covid19 संक्रमित रोगियों की पहचान कर उन्हें सरकारी तंत्र से जोड़ना, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करना, स्वास्थ्य सेवाओं की सही जानकारी देना और प्रभावित परिवारों को सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ने में मदद करना होगा,

रांचीः राज्य में कोरोना की दूसरी लहर की तबाही से सबक लेकर झारखंड सरकार और स्वास्थ्य महकमा अपनी तैयारियों में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता. तीसरी लहर की संभावना को ध्यान में रख राज्यभर में तैयारियां की जा रही हैं. इसी क्रम में राज्य में कोरोना जांच की सुविधा को व्यापक बनाया जा रहा है. राज्य में मोबाइल RTPCR टेस्ट लैब के बाद अब 14 जिलों में बीएसएल-2 (BSL2) स्तर का आरटी-पीसीआर लैब खोला जा रहा है. सरकारी स्तर पर खोले जा रहे सभी 14 आरटीपीसीआर लैब का संचालन पीपीपी मोड पर प्रेझा फाउंडेशन करेगी.

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ICMR को भेजा गया अनुमति प्रस्ताव

14 में से 10 लैब की स्थापना की फाइनल अनुमति के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से आईसीएमआर को भेज दिया गया है. वहीं चार लैब के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है. आईसीएमआर से अनुमति मिलने के बाद लैब काम करना शुरू कर देगा. झारखंड सरकार और प्रेझा फाउंडेशन के द्वारा पीपीपी मोड पर स्थापित किए जा रहे सभी 14 आरटीपीसीआर लैब का निर्माण एम्स, रायपुर की निगरानी और संरक्षण में प्रेझा फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है.

लगातार बेहतर करने की हो रही है कोशिश

राज्य के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ए के सिंह ने बताया कि 14 मार्च 2020 से पहले कोरोना जांच की सुविधा राज्य में नहीं थी. राज्य सरकार के प्रयास से अभी सूबे मे 8 सरकारी आरटीपीसीआर प्रयोगशाला काम कर रहे हैं. इनकी कुल अधिकतम जांच क्षमता 18 हजार तक प्रतिदिन है.

इन जिलों में बनेंगे RT-PCR कोरोना जांच लैब

प्रस्तावित RT पीसीआर लैब रांची के अलावा चतरा, गढ़वा, गिरिडीह, खूंटी, पाकुड़, रामगढ़, सिमडेगा, बोकारो, देवघर, गुमला, गोड्डा, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम में बनेंगे.

'मिशन कर्तव्य' निपटेगा कोरोना की तीसरी लहर से

नीति आयोग से मिले दिशा निर्देशों के अनुसार राज्य में कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए सरकार 'मिशन कर्तव्य' लॉन्च करेगी. नीति आयोग के निर्देशानुसार इसके तहत जिला स्तर पर गो-सीएसओ(GOCSO- गवर्नमेंट- सिविल सोसायटी ऑर्गेनाइजेशन) समन्वय समिति को कार्यशील किया जाएगा. यूनिसेफ के सहयोग से यह समिति स्टेट नोडल एजेंसी covid19 से बचाव और रोकथाम की दिशा में काम करेगी.

'मिशन कर्तव्य' का संचालन सरकार और स्वयंसेवी संस्थाओं के संयुक्त प्रयास से किया जाएगा. सभी जिलों के डीसी गो-सीएसओ के लिए जिला के नोडल पदाधिकारी होंगे. स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य सेवाएं) अरुण कुमार सिंह ने राज्य के सभी जिलों के डीसी को इस बाबत निर्देश जारी किया गया है.

ऐसे काम करेगा 'मिशन कर्तव्य'
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अरुण कुमार सिंह के अनुसार, तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग नई रणनीति के तहत काम करेगा. जिसे ‘मिशन कर्तव्य’ का नाम दिया गया है. इसमें झारखंड सरकार और स्वयंसेवी संस्थाओं का संयुक्त प्रयास होगा. मिशन कर्तव्य का मूल उदेश्य covid19 संक्रमित रोगियों की पहचान कर उन्हें सरकारी तंत्र से जोड़ना, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करना, स्वास्थ्य सेवाओं की सही जानकारी देना और प्रभावित परिवारों को सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ने में मदद करना होगा,

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