रांची: झारखंड में सक्रिय भाकपा माओवादी समेत कई उग्रवादी संगठन सरकारी योजनाओं में दस प्रतिशत लेवी वसूलते हैं. वहीं, पीएलएफआई इन संगठनों से तीन गुणा ज्यादा लेवी लेती है. पीएलएफआई सरकारी ठेकेदारों से योजना की कुल राशि का 30 प्रतिशत लेवी लेती है और लेवी नहीं देने वाले ठेकेदारों की हत्या कर दी जाती है. इस बात का खुलासा पीएलएफआई के एरिया कमांडर अखिलेश गोप ने पुलिस के सामने किया है. गौरतलब है कि रांची-खूंटी सीमा पर सक्रिय पीएलएफआई के 13 नक्सलियों को पुलिस ने धर दबोचा था.
नालंदा से मिलता है हथियार
अखिलेश गोप ने यह भी खुलासा किया कि बिहार के नालंदा से संगठन को हथियार की सप्लाई होती है. हथियार की खरीदारी सुप्रीमो दिनेश गोप करता है. संगठन के लोग जितना भी लेवी वसूलते हैं, वह सभी दिनेश गोप के पास ही जमा होता है. पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप खूंटी और चाईबासा क्षेत्र में सक्रिय है. उसने पुलिस को बताया कि वह उत्तरी क्षेत्र का एरिया कमांडर है. इसके अलावा पश्चिमी क्षेत्र का विनोद सांगा उर्फ झुबलू सांगा, दक्षिणी क्षेत्र का राजेश गोप और पूर्वी क्षेत्र का पुनई उरांव एरिया कमांडर है. दिनेश गोप ने पुलिस को संगठन के अन्य साथियों के नामों का भी खुलासा किया है.
2014 में संगठन के नेटवर्किंग का करता था काम
एरिया कमांडर अखिलेश गोप खूंटी जिला के अरमा लटदाग स्थित प्रोजेक्ट विद्यालय से दसवीं की परीक्षा पास की थी. खूंटी के बिरसा कॉलेज में उसने ग्याहरवीं में नामांकन कराया था. इस दौरान वह दिनेश साहू के जरिए 2014 में पीएलएफआई संगठन से जुड़ गया. अखिलेश ने अपने डुमारी और परसा गांव के लोगों की नेटवर्किंग करनी शुरू कर दी और सारी जानकारी संगठन को देने लगा. इस दौरान उसने डुमरी और परसा गांव के डीलरों से रंगदारी वसूलना शुरू कर दिया था. उसी साल के मार्च महीने में अखिलेश अपने छोटे भाई शैलेश गोप के साथ हथियार लेकर खूंटी से कर्रा की ओर जा रहा था. इस दौरान कर्रा पुलिस ने हथियार के साथ उसके भाई शैलेश को पकड़ लिया, लेकिन वह भाग निकला.
बाबू खान हत्या का मामला
अखिलेश ने पुलिस को बताया कि नगड़ी थाना क्षेत्र में अक्टूबर 2018 को बाबू खान की हत्या संगठन के लोगों ने ही की थी. इस वारदात को अंजाम देने में अखिलेश के अलावा पुनई उरांव, सन्नी, योगेंद्र, और कुंवर शामिल थे. इससे पहले कर्रा थाना क्षेत्र में 2016 में दशरथ साव और निशा कुमार की हत्या हुई थी. इस वारदात को अंजाम अखिलेश के अलावा लखन गोप और गोपाल होरो ने दिया था. वहीं, सितंबर 2016 में अनिल परधिया और नवंबर में नंद किशोर महतो की हत्या कर्रा के तसरा गांव में अखिलेश ने जोहन, लखन गोप, एतवा बारला के साथ मिलकर की थी. वहीं, तुपुदाना ओपी क्षेत्र के हड़दाग में जून 2016 में जाकिर अंसारी और उसके सहयोगियों की हत्या हुई थी. इस वारदात को अंजाम अखिलेश के अलावा राजेश गोप उर्फ तिलेश्वर गोप और हरीहर महतो ने दिया था. इसके अतिरिक्त चेटे गांव के रेलवे साइडिंग में दो इंजीनियर की हत्या भी संगठन ने की थी.
पुलिस पर फायरिंग कर भागे थे उग्रवादी
डेलहर के गरसुल अंबा टोली के जंगल में अक्टूबर 2018 में पार्टी मनायी जा रही थी. इस पार्टी में अखिलेश के अलावा सकराजीत गोप उर्फ गुरु, बिजू मुंडा, कुसू मुंडा, रमेश खोया पार्टी में शामिल थे. इसी दौरान पुलिस पहुंच गई. दोनों ओर से कई राउंड गोलियां चलीं. फायरिंग करते हुए जंगल के रास्ते दस्ता के सारे लोग भाग निकले. पूछताछ के दौरान अखिलेश ने पुलिस को इस बात की जानकारी दी. बता दें कि अखिलेश के खिलाफ तुपुदाना ओपी में दो, नगड़ी थाना में दो, खूंटी थाना में तीन, लापुंग में एक, कर्रा थाना में 13 मामला दर्ज है.