रांची: ट्रेन रुकने के 10 मिनट बाद एक-एक करके मजदूरों को स्टेशन से बाहर भेजा गया. इससे पहले प्लेटफार्म पर सभी मजदूरों का गुलाब का फूल देकर स्वागत किया गया. मजदूरों को खाने के पैकेट और पानी की बोतल भी दी गई. सभी मजदूरों के चेहरे पर मास्क लगा हुआ था. एक-एक करके करीब 1200 मजदूरों को जिलावार बसों में बिठाया गया.
सभी बसों के सामने पुलिस के जवान तैनात थे. जिला स्तर पर तय किए गए नोडल पदाधिकारी मजदूरों के नाम और पता नोट कर रहे थे. जब मजदूर प्लेटफार्म से बाहर निकल रहे थे तब उनकी आंखों में घर लौटने की चमक साफ दिख रही थी. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कुछ मजदूरों ने कहा कि उन्हें हटिया पहुंचने तक किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हुई. रामगढ़ के एक मजदूर ने कहा कि हैदराबाद में कोई खास दिक्कत नहीं थी, लेकिन जिस तरीके से लॉकडाउन की अवधि बढ़ रही थी इसकी वजह से मन घबरा रहा था.
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मजदूरों के स्वागत के लिए हटिया रेलवे स्टेशन के ठीक सामने एक बड़ा होर्डिंग लगाया गया था, जिस पर जोहार लिखा हुआ था. इसके अलावा सभी बसों के सामने बैनर लगाए गए थे जिस पर लिखा था, सम्मान रथ- झारखंड सरकार द्वारा श्रमिक मजदूरों के लिए सम्मान रथ. इन बैनरों पर मुख्यमंत्री की तस्वीर भी लगी हुई थी. मजदूरों के आने पर रांची के डीसी राय महिमापत रे ने आगे की तैयारियों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सभी मजदूरों को उनके जिलों में भेजा जा रहा है, जहां स्क्रीनिंग करने के बाद होम क्वॉरेंटाइन किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि कल शाम 7:00 बजे राजस्थान के कोटा से रवाना हुई ट्रेन भी रांची पहुंचेगी, जिसमें सिर्फ छात्र होंगे. कल छात्रों के स्टेशन पहुंचने के बाद उन सभी को बसों से उनके गृह जिला भेजा जाएगा. मजदूरों के स्वागत के लिए कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे भी पहुंचे हुए थे. उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान इस लम्हे को अविश्वसनीय बताया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की पहल और केंद्र सरकार के सहयोग से यह संभव हो पाया कि झारखंड के मजदूर अपने घर लौटने लगे हैं.