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70 सालों में भी नहीं बन सका बांध, ग्रामीणों ने किया वोट बहिष्कार का ऐलान

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Published : Apr 14, 2019, 1:17 PM IST

पालमू के सदाबह नदी का बांध पानी के दबाव में आने से अक्सर टूट जाता है. जिससे परेशान ग्रामीणों ने वोट बहिस्कार करने का ऐलान किया है. इसके लिए ग्रामीणों ने पीएम, सीएम समेत अधिकारियों को वोट बहिस्कार करने को लेकर पत्र लिखा है.

ग्रामीणों ने किया वोट बहिष्कार का ऐलान

पलामू: जिले के हैदरनगर प्रखंड अंतर्गत परता गांव के ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री समेत अधिकारियों को पत्र लिखकर वोट का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. 70 साल में एक बांध का निर्माण नहीं कराने से आक्रोशित ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार का फैसला किया है.

ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री समेत अधिकारियों को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि सदाबह नदी, जिसे मुरही नाला के नाम से जाना जाता है. उस नदी पर बढ़ियां बांध का निर्माण होने से करीब 500 एकड़ भूमि में सिंचाई हो सकती है. लेकिन अबतक वहां पर बांध के नाम पर सरकार और अधिकारी सिर्फ खानापूर्ति करते आए हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि यहां कई बार छोटे बांध बनाए गए है. लेकिन वो पानी के दबाव में टूट जाते हैं. जिससे परेशान ग्रामीणों ने चंदा और श्रमदान कर बांध का निर्माण कराया. वर्तमान सांसद वीडी राम को भी मुरही नाला पर बांध निर्माण के लिए पत्र दिया गया था. सांसद के आदेश के बाद पत्र एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय घूमता रहा लेकिन अबतक कुछ नहीं हो सका.

वहीं, पंचायत स्तर से इस बांध को बनाना असंभव है. बावजूद इसके फर्जी ग्राम सभा कर बांध निर्माण का प्रस्ताव लिया गया. इस संबंध में मुख्यमंत्री समेत विभिन्न अधिकारियों को ग्रामीणों ने पत्र लिखा. फिलहाल इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

पलामू: जिले के हैदरनगर प्रखंड अंतर्गत परता गांव के ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री समेत अधिकारियों को पत्र लिखकर वोट का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. 70 साल में एक बांध का निर्माण नहीं कराने से आक्रोशित ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार का फैसला किया है.

ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री समेत अधिकारियों को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि सदाबह नदी, जिसे मुरही नाला के नाम से जाना जाता है. उस नदी पर बढ़ियां बांध का निर्माण होने से करीब 500 एकड़ भूमि में सिंचाई हो सकती है. लेकिन अबतक वहां पर बांध के नाम पर सरकार और अधिकारी सिर्फ खानापूर्ति करते आए हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि यहां कई बार छोटे बांध बनाए गए है. लेकिन वो पानी के दबाव में टूट जाते हैं. जिससे परेशान ग्रामीणों ने चंदा और श्रमदान कर बांध का निर्माण कराया. वर्तमान सांसद वीडी राम को भी मुरही नाला पर बांध निर्माण के लिए पत्र दिया गया था. सांसद के आदेश के बाद पत्र एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय घूमता रहा लेकिन अबतक कुछ नहीं हो सका.

वहीं, पंचायत स्तर से इस बांध को बनाना असंभव है. बावजूद इसके फर्जी ग्राम सभा कर बांध निर्माण का प्रस्ताव लिया गया. इस संबंध में मुख्यमंत्री समेत विभिन्न अधिकारियों को ग्रामीणों ने पत्र लिखा. फिलहाल इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

Intro:पलामू जिला के हैदरनगर प्रखंड अंतर्गत परता गांव के ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री समेत अधिकारियों को पत्र लिखकर वोट का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।Body:70 साल में नहीं हुआ एक बांध का निर्माण, ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार का लिया निर्णय.

पलामू ज़िला अंतर्गत परता गांव के ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार का लिया निर्णय.

प्रधानमंत्री,मुख्यमंत्री समेत अधिकारियों को लिखा पत्र.
फोटो- सदाबह नदी पर टूटे बांध पर खड़े ग्रामीण।

पलामू जिला के हैदरनगर प्रखंड अंतर्गत परता गांव के ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री समेत अधिकारियों को पत्र लिखकर वोट का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि सदाबह नदी, जिसे मुरही नाला के नाम से जाना जाता है। उक्त नदी पर मुकम्मल बांध का निर्माण होने से करीब 500 एकड़ भूमि में सिंचाई हो सकती थी। मगर अबतक उक्त स्थल पर बांध के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई। छोटा बांध बनाया जाता है, जो पानी के दबाव में टूट जाता है। दर्जनो बार ग्रामीणों ने चंदा व श्रमदान कर बांध का निर्मा।ण कराया। वर्तमान सांसद वीडी राम को भी मुरही नाला पर बांध निर्माण के लिए पत्र दिया गया था। सांसद का आदेश इस कार्यालय से उस कार्यालय घूमता रहा। अबतक कुछ भी नहीं हो सका है। पंचायत स्तर से उक्त बांध को बनाना असंभव है। बावजूद इसके फर्जी ग्राम सभा कर बांध निर्माण का प्रस्ताव लिया गया। इस संबंध में मुख्यमंत्री समेत विभिन्न अधिकारियों को ग्रामीणों ने पत्र लिखा। इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई।


Conclusion:ग्रामीणों ने पत्र में लिखा है कि उन्हें वर्तमान सरकार से काफी उम्मीद थी। उन्हें उम्मीद थी की इस सरकार में जनता की आवाज सुनी जायेगी। मगर यहां से भी निराशा ही हाथ लगी। उन्होंने लिखा है कि अब जनता विष्वास किसपर करे और क्यों करें। इस लिए उन्होंने वोट बहिष्कार का निर्णय लिया है। जिसकी पूरी जवाबदेही जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की है। पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में विश्वनाथ पांडेय, शंकर पाठक, नरसिंह देव पांडेय, रमेश पांडेय, यश दुबे, सोना देवी, मोहित कुमार पांडेय, बालमिकी पांडेय, सुशील कुमार पांडेय, अजीत पासवान, कृष्णकांत पांडेय समेत 56 ग्रामीणों के हस्ताक्षर है।
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