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पलामू: उत्तरी कोयल मुख्य नहर में रिसाव के कारण पानी का बहाव हुआ कम, किसानों में मचा हाहाकार

उत्तरी कोयल मुख्य नहर में रिसाव के कारण पानी का बहाव हुआ कम हो गया है. इससे किसानों में हाहाकार मच गया है. किसानों का कहना है कि पानी की कमी से वे फसल में पटवन नहीं कर पा रहे हैं.

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Published : Aug 18, 2022, 10:53 PM IST

पलामू: जिला के हैदरनगर थाना (Hydernagar Police Station) क्षेत्र के सिमरसोत गांव के पास उत्तरी कोयल मुख्य नहर (North Koel Main Canal) के 64 आरडी के पास पानी का रिसाव होने के कारण काफी कम मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है. इससे नहर से लाभान्वित किसानों को धान की रोपनी और पटवन करने में भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है. सबसे ज्यादा दिक्कत पड़ोसी राज्य बिहार के औरंगाबाद जिले के किसानों को हो रही है.

जानकारी के अनुसार मोहम्मदगंज बराज (Mohammadganj Barrage) से पहले जहां मुख्य नहर में 1300 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था. वहीं अब नहर टूटने के डर से मात्र 300 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. किसानों ने बताया कि जो भी लघु वितरणी नहर है उसमें पानी का बहाव तभी संभव है, जब मुख्य नहर में कम से कम 12 फीट पानी का बहाव हो. चूंकि लघु नहर में पानी छोड़ने के लिये जो ह्यूम पाइप दिया गया है, वह 10 से 12 फीट की ऊंचाई पर दिया गया है. अब मुख्य नहर में पानी का बहाव कम होने से हुसैनाबाद क्षेत्र की सभी लघु नहरों में पानी का बहाव बन्द हो गया है. इस कारण इस क्षेत्र के किसानों को अब पटवन के लिये भारी मशक्कत करनी पड़ेगी.

हालांकि विभागीय अभियंता का कहना है कि सिमरसोत के पास मुख्य नहर में हो रहे रिसाव को बंद करने का कार्य अतिशीघ्रता से करके पूर्व की भांति नहर में पानी छोड़ा जाएगा. फिलहाल मुख्य नहर में पानी कम हो जाने से हुसैनाबाद, हैदरनगर सहित पड़ोसी राज्य बिहार के किसानों के बीच हाय-तौबा मचा हुआ है.

पलामू: जिला के हैदरनगर थाना (Hydernagar Police Station) क्षेत्र के सिमरसोत गांव के पास उत्तरी कोयल मुख्य नहर (North Koel Main Canal) के 64 आरडी के पास पानी का रिसाव होने के कारण काफी कम मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है. इससे नहर से लाभान्वित किसानों को धान की रोपनी और पटवन करने में भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है. सबसे ज्यादा दिक्कत पड़ोसी राज्य बिहार के औरंगाबाद जिले के किसानों को हो रही है.

जानकारी के अनुसार मोहम्मदगंज बराज (Mohammadganj Barrage) से पहले जहां मुख्य नहर में 1300 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था. वहीं अब नहर टूटने के डर से मात्र 300 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. किसानों ने बताया कि जो भी लघु वितरणी नहर है उसमें पानी का बहाव तभी संभव है, जब मुख्य नहर में कम से कम 12 फीट पानी का बहाव हो. चूंकि लघु नहर में पानी छोड़ने के लिये जो ह्यूम पाइप दिया गया है, वह 10 से 12 फीट की ऊंचाई पर दिया गया है. अब मुख्य नहर में पानी का बहाव कम होने से हुसैनाबाद क्षेत्र की सभी लघु नहरों में पानी का बहाव बन्द हो गया है. इस कारण इस क्षेत्र के किसानों को अब पटवन के लिये भारी मशक्कत करनी पड़ेगी.

हालांकि विभागीय अभियंता का कहना है कि सिमरसोत के पास मुख्य नहर में हो रहे रिसाव को बंद करने का कार्य अतिशीघ्रता से करके पूर्व की भांति नहर में पानी छोड़ा जाएगा. फिलहाल मुख्य नहर में पानी कम हो जाने से हुसैनाबाद, हैदरनगर सहित पड़ोसी राज्य बिहार के किसानों के बीच हाय-तौबा मचा हुआ है.

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