पलामू: पीटीआर के इलाके में दो बाघ और एक बाघिन को बाहर से लाने की तैयारी चल रही है. पलामू टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक कुमार आशीष और मुकेश कुमार ने हाल में ही में पन्ना टाइगर रिजर्व के इलाके का दौरा किया है और हालातों का जायजा लिया है. पन्ना में एक जमाने मे बाघ बेहद कम हो गए थे वहां भी बाहर से बाघों को लाया गया था, जिसके बाद बाघों की संख्या बढ़ी.
पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक कुमार आशुतोष ने बताया कि पन्ना टाइगर रिजर्व की तर्ज पर ही पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में बाहर से बाघों को लाने की प्रस्ताव NTCA को भेजा गया है. एनटीसीए के तकनीकी कमेटी द्वारा मंजूरी मिलने के साथ ही पीटीआर प्रबंधन एक बाघिन और दो बाघ को बाहर से लाएगी. पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में ग्रास लैंड को विकसित करने के लिए पीटीआर प्रबंधन तैयारी कर रहा है. बाघों के आने से पहले पीटीआर प्रबंधन प्रवेश तैयारी कर रहा है, ताकि बाघों को उनका पसंदीदा भोजन मिल सके. पीटीआर के बेतला नेशनल पार्क इलाके में बड़ी संख्या में सांभर और चीतल हैं जबकि बाघों के सबसे सुरक्षित इलाके में सांभर और चीतल नहीं हैं.
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पीटीआर के निदेशक कुमार आशुतोष ने बताया कि सांभर और शीतल के रीलोकेशन की तैयारी की जा रही है. पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में बाघों की गिनती जारी है. पलामू टाइगर रिजर्व इलाके में गिनती के दौरान एक बाघ की पुष्टि हुई. जबकि आधार दर्जन पग मार्क की रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है. 70 के दशक में देश मे सबसे पहले पीटीआर से ही बाघों की गिनती शुरू हुई थी. 2018 की गिनती में पीटीआर में एक भी बाघ नहीं मिला था.