पलामूः जिले के छत्तरपुर मुख्यालय के पारा शिक्षकों का मानदेय के अभाव में बीआरसी कार्यालय छत्तरपुर के प्रांगण में "अपना विचार अपना अधिकार" के तहत पूर्व निर्धारित कार्यक्रम का दो दिवसीय धरना दिया गया. जिसका अध्यक्षता दिनेश कुमार और संचालक जफरुद्दीन अंसारी के द्वारा किया गया. इस सबंध में पारा शिक्षक दिनेश कुमार, जफरुद्दीन अंसारी, सुनील कुमार यादव, सत्यदेव सिंह, आलोक सिंह, कुसुम कुमारी, प्रियंका कुमारी, उपेंद्र कुमार, सुनीता देवी, प्रभादेवी सहित कई पारा शिक्षकों ने कहा कि शिक्षकों का स्थिति मानदेय को लेकर वे पाई-पाई को तरस रहे हैं. उनके परिवार में भोजन के भी लाले पड़ने लगे हैं. सबसे अधिक परेशानी तो कई ऐसे बीमार पारा शिक्षकों और उनके परिजनों को हो रही है. वे आर्थिक तंगी के कारण इलाज भी नहीं करा पा रहे हैं.
वैध-अवैध बता कर 15 महीनों का मानदेय
शिक्षकों ने बताया कि संबंधित विभाग द्वारा वैध-अवैध बताकर उनका मानदेय रोका जा रहा है. यह उचित नहीं है. शिक्षकों ने बताया कि 15 महीने से कार्यरत पारा शिक्षकों की संख्या 251 है. जिनसे सभी कार्य लिया जा रहा है. कोविड-19 के महामारी में भी सभी शिक्षकों ने सरकार के निर्देशानुसार घर-घर जाकर चावल, पोषाहार का वितरण, राशि बांटने, बच्चों का ऑनलाइन पठन-पाठन कार्य को संचालित करते रहे हैं. चुनाव कराने, पीडीएस जन वितरण प्रणाली की दुकान, कोविड-19 में क्वॉरेंटाइन सेंटर में ड्यूटी भी कर रहे हैं. इसके बावजूद भी पारा शिक्षकों का 15 महीना का मानदेय लंबित है. भुगतान के अभाव में बहुत से पारा शिक्षकों का स्थिति दयनीय हो गयी है, यहां तक अपने परिवार को भरण पोषण करना भी मुहाल हो गया है.
लंबित मानदेय का भुगतान करें
शिक्षकों ने कहा कि लंबित मानदेय करने की चर्चा करने पर सरकारी पदाधिकारियों द्वारा सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है. भुगतान नहीं किया जा रहा है, जो काफी चिंतनीय है. पारा शिक्षकों ने सरकार और विभाग से लंबित मानदेय की अभिलंब भूगतान की मांग की है.