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Maoists PLGA Week: अपनी ताकत बढ़ाने में जुटे नक्सली, सरकारी भवनों पर सुरक्षाबलों की पैनी नजर - पलामू समाचार

माओवादी 2 से 8 दिसंबर तक पीएलजीए सप्ताह मना रहे हैं. माओवादियों ने पलामू के चक के इलाके में गुरुवार को पर्चा फेंका था. जिसमें उन्होंने लोगों से संगठन में भर्ती होने की अपील की थी. पीएलजीए में भर्ती होने के लिए माओवादियों ने लोगों से पंचायत भवन, स्कूल भवन, आंगनबाड़ी केंद्रों में आवेदन देने के लिए कहा है. नक्सलियों के पर्चा फेंके जाने के बाद सरकारी भवनों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

Security beefed up at government buildings during Maoists PLGA week
माओवादियों का पीएलजीए सप्ताह
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Published : Dec 3, 2021, 2:08 PM IST

पलामू: साल 2008 से 2013 के बीच प्रतिबंधित नक्सली संगठनों के निशाने पर पंचायत भवन, स्कूल भवन, आंगनबाड़ी केंद्र समेत कई सरकारी भवन रहे. माओवादियों ने इस दौरान विस्फोट कर कई सरकारी भवनों को उड़ा दिया. करीब आठ साल के बाद माओवादियों ने सरकारी भवनों को एक बार फिर अपने निशाने पर लिया है. माओवादी 2 से 8 दिसंबर तक पीएलजीए सप्ताह मना रहे हैं. इस दौरान माओवादियों ने पलामू के चक के इलाके में गुरुवार को पर्चा फेंका था. इस पर्चे में उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल और पंचायत भवनों को अपना भर्ती केंद्र बनाने की घोषणा की है.

इसे भी पढे़ं: पलामू के चक इलाके में नक्सलियों ने चिपकाए पोस्टर, लोगों से की पीएलजीए में भर्ती होने की अपील

माओवादियों ने पर्चे में साफ लिखा है कि भर्ती के लिए लोग सरकारी भवनों में ही आवेदन जमा करें. माओवादियों ने पहली बार खुलेआम पर्चा फेंक कर सरकारी भवनों को भर्ती केंद्र बनाने की घोषणा की है. माओवादियो के पर्चे फेंके जाने के बाद पलामू पुलिस हाई अलर्ट पर है. नक्सल इलाके के सरकारी भवनों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि PLGA सप्ताह को लेकर पुलिस हाई अलर्ट पर है. सभी इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई है.

देखें पूरी खबर



PLGA सप्ताह में नए कैडर जोड़ने का प्रयास

माओवादियों ने साल 2000 में PLGA की स्थापना की थी. पिछले एक दशक में झारखंड-बिहार में पीएलजीए की ताकत कम हुई है. माओवादी PLGA सप्ताह में एक बार फिर ताकत बढ़ाने के फिराक में है. कोविड-19 काल के बाद से ही माओवादी अपनी ताकत बढ़ाने में लगे हुए हैं. पीएलजीए सप्ताह के दौरान कहीं कोई अनहोनी नो हो इसे देखते हुए झारखंड- बिहार और झारखंड- छत्तीसगढ़ सीमा पर सुरक्षाबल अलर्ट मोड में है.

पलामू: साल 2008 से 2013 के बीच प्रतिबंधित नक्सली संगठनों के निशाने पर पंचायत भवन, स्कूल भवन, आंगनबाड़ी केंद्र समेत कई सरकारी भवन रहे. माओवादियों ने इस दौरान विस्फोट कर कई सरकारी भवनों को उड़ा दिया. करीब आठ साल के बाद माओवादियों ने सरकारी भवनों को एक बार फिर अपने निशाने पर लिया है. माओवादी 2 से 8 दिसंबर तक पीएलजीए सप्ताह मना रहे हैं. इस दौरान माओवादियों ने पलामू के चक के इलाके में गुरुवार को पर्चा फेंका था. इस पर्चे में उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल और पंचायत भवनों को अपना भर्ती केंद्र बनाने की घोषणा की है.

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माओवादियों ने पर्चे में साफ लिखा है कि भर्ती के लिए लोग सरकारी भवनों में ही आवेदन जमा करें. माओवादियों ने पहली बार खुलेआम पर्चा फेंक कर सरकारी भवनों को भर्ती केंद्र बनाने की घोषणा की है. माओवादियो के पर्चे फेंके जाने के बाद पलामू पुलिस हाई अलर्ट पर है. नक्सल इलाके के सरकारी भवनों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि PLGA सप्ताह को लेकर पुलिस हाई अलर्ट पर है. सभी इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई है.

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PLGA सप्ताह में नए कैडर जोड़ने का प्रयास

माओवादियों ने साल 2000 में PLGA की स्थापना की थी. पिछले एक दशक में झारखंड-बिहार में पीएलजीए की ताकत कम हुई है. माओवादी PLGA सप्ताह में एक बार फिर ताकत बढ़ाने के फिराक में है. कोविड-19 काल के बाद से ही माओवादी अपनी ताकत बढ़ाने में लगे हुए हैं. पीएलजीए सप्ताह के दौरान कहीं कोई अनहोनी नो हो इसे देखते हुए झारखंड- बिहार और झारखंड- छत्तीसगढ़ सीमा पर सुरक्षाबल अलर्ट मोड में है.

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