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यहां तीन दिनों तक खौफ में रहे रेल कर्मचारी, 15 वर्षो में 58 बार हुआ नक्सली हमला - नक्सली हमला

झारखंड में नक्सली बंद (Naxalites bandh in Jharkhand) के दौरान सेंट्रल इंडस्ट्रियल कोर यानी सीआईसी सेक्शन (CIC section) में तीन दिनों तक रेल कर्मचारी खौफ में रहे है. यहां 200 किलोमीटर के बीच 15 वर्षो में रेल पर 58 बार नक्सलियों ने हमला किया है. यही वजह है कि जब नक्सलियों ने तीन दिन का बंद बुलाया तो यहां के रेल कर्मी खौफ में थे.

Railway employees were in awe for three days
Railway employees were in awe for three days
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Published : Nov 26, 2021, 10:32 AM IST

Updated : Nov 26, 2021, 10:43 AM IST

पलामू: झारखंड में नक्सली बंद (Naxalites bandh in Jharkhand) के दौरान रेलवे के सेंट्रल इंडस्ट्रियल कोर सेक्शन (Central Industrial Core Section) में 200 किलोमीटर रेल लाइन के बीच 15 वर्षों में 58 नक्सल हमले हुए हैं. ये आंकड़े बताने के लिए काफी है कि सीआईसी सेक्शन (CIC section) में रेल नक्सलियों का सॉफ्ट टारगेट है. 7 जनवरी 2014 के बाद सीआईसी सेक्शन में नक्सलियों ने कोई हमला नहीं किया. करीब 7 वर्षो के बाद 20 नवंबर 2021 को नक्सलियों ने लातेहार के देमु में रेल पटरी को उड़ा दिया और दो रेल कर्मियों को काफी देर तक बंधक रखा. माओवादियो के सेकंड इन कमांड प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के बाद 20 नवंबर को भारत बंद के दौरान यह हमले को अंजाम दिया था.


नक्सल बंद के दौरान तीन दिनों तक खौफ में रहे रेल कर्मी
भाकपा माओवादियो ने प्रशांत बोस (Maoist Prashant Bose) की गिरफ्तारी के विरोध में बिहार, झारखंड, उतरी छत्तीसगढ़ और यूपी में कुछ हिस्से में 23, 24 और 25 नवंबर को बंद की घोषणा की थी. करीब सात वर्ष बाद रेल कर्मी तीन दिनों तक खौफ में रहे. रेलवे ने पहली बार नक्सल बंद के दौरान अपनी स्पीड लिमिट घटाई, इस दौरान रेल ने ट्रेनों की रफ्तार 110 से घटा 75 किलोमीटर प्रतिघंटा कर दिया. ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के सहायक महामंत्री संतोष तिवारी ने बताया कि लंबे अरसे के बाद रेल पर हमला हुआ है, इस दौरान कर्मचारियों ने खौफ के बीच काम किया.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें: CPI-Maoists Band: हाई अलर्ट पर रेलवे, ट्रेनों की रफ्तार को किया गया कम


2005 के बाद सीआईसी सेक्शन में पलामू रेंज में बड़े नक्सल हमले

धनबाद रेल डिवीजन के सीआईसी सेक्शन के पलामू रेंज में 200 किलोमीटर की रेल लाइन गुजरती है. यह पूरा पूरा इलाका अतिनक्सल प्रभावित है.

2005 के बाद से हुए बड़े नक्सली हमले

  • 11 जुलाई 2005 बेंदी और हेहेगड़ा स्टेशन के बीच ट्रैक पर विस्फोट और सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ हुई, एक जवान शहीद
  • 13 मार्च 2006 को हेहेगड़ा और कुमंडी के बीच ट्रेन इंजन में लगाई आग, ट्रैक उड़ाया
  • 14 मार्च 2006 को हेहेगड़ा और कुमंडी के बीच नक्सलियों ने बीडीएम पैसेंजर ट्रेन को 16 घंटे तक रोका
  • 02 अगस्त 2007 को नक्सलियों ने दो इंजन में लगाई आग
  • 06 सितंबर 2008 को रिचुघुटा स्टेशन पर हमला कर आरपीएफ जवानों से आठ हथियार और 400 गोली लूटे
  • 22 अप्रैल 2009 को नक्सलियों ने हेहेगड़ा रेलवे स्टेशन पर बीडीएम पैसेंजर ट्रेन को पहली बार हाईजैक किया, चियांकि रेलवे स्टेशन को विस्फोट से उड़ाया
  • 09 सितंबर 2009 को हेहेगड़ा रेलवे स्टेशन को विस्फोट कर उड़ा दिया
  • 14 फरवरी 2011 को केचकी के रेलवे स्टेशन मास्टर का अपहरण
  • 07 जुलाई 2012 को हे गढ़ रेलवे स्टेशन पर मालगाड़ी को कब्जे में लिया
  • 12 जून 2013 को कुमंडी रेलवे स्टेशन पर ही नक्सलियों और सुरक्षाबलों में लंबी मुठभेड़
  • 2014 में छिपादोहर में विस्फोट कर पटरी उड़ाई ,पलामू एक्सप्रेस चपेट में आई

पलामू: झारखंड में नक्सली बंद (Naxalites bandh in Jharkhand) के दौरान रेलवे के सेंट्रल इंडस्ट्रियल कोर सेक्शन (Central Industrial Core Section) में 200 किलोमीटर रेल लाइन के बीच 15 वर्षों में 58 नक्सल हमले हुए हैं. ये आंकड़े बताने के लिए काफी है कि सीआईसी सेक्शन (CIC section) में रेल नक्सलियों का सॉफ्ट टारगेट है. 7 जनवरी 2014 के बाद सीआईसी सेक्शन में नक्सलियों ने कोई हमला नहीं किया. करीब 7 वर्षो के बाद 20 नवंबर 2021 को नक्सलियों ने लातेहार के देमु में रेल पटरी को उड़ा दिया और दो रेल कर्मियों को काफी देर तक बंधक रखा. माओवादियो के सेकंड इन कमांड प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के बाद 20 नवंबर को भारत बंद के दौरान यह हमले को अंजाम दिया था.


नक्सल बंद के दौरान तीन दिनों तक खौफ में रहे रेल कर्मी
भाकपा माओवादियो ने प्रशांत बोस (Maoist Prashant Bose) की गिरफ्तारी के विरोध में बिहार, झारखंड, उतरी छत्तीसगढ़ और यूपी में कुछ हिस्से में 23, 24 और 25 नवंबर को बंद की घोषणा की थी. करीब सात वर्ष बाद रेल कर्मी तीन दिनों तक खौफ में रहे. रेलवे ने पहली बार नक्सल बंद के दौरान अपनी स्पीड लिमिट घटाई, इस दौरान रेल ने ट्रेनों की रफ्तार 110 से घटा 75 किलोमीटर प्रतिघंटा कर दिया. ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के सहायक महामंत्री संतोष तिवारी ने बताया कि लंबे अरसे के बाद रेल पर हमला हुआ है, इस दौरान कर्मचारियों ने खौफ के बीच काम किया.

देखें वीडियो

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2005 के बाद सीआईसी सेक्शन में पलामू रेंज में बड़े नक्सल हमले

धनबाद रेल डिवीजन के सीआईसी सेक्शन के पलामू रेंज में 200 किलोमीटर की रेल लाइन गुजरती है. यह पूरा पूरा इलाका अतिनक्सल प्रभावित है.

2005 के बाद से हुए बड़े नक्सली हमले

  • 11 जुलाई 2005 बेंदी और हेहेगड़ा स्टेशन के बीच ट्रैक पर विस्फोट और सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ हुई, एक जवान शहीद
  • 13 मार्च 2006 को हेहेगड़ा और कुमंडी के बीच ट्रेन इंजन में लगाई आग, ट्रैक उड़ाया
  • 14 मार्च 2006 को हेहेगड़ा और कुमंडी के बीच नक्सलियों ने बीडीएम पैसेंजर ट्रेन को 16 घंटे तक रोका
  • 02 अगस्त 2007 को नक्सलियों ने दो इंजन में लगाई आग
  • 06 सितंबर 2008 को रिचुघुटा स्टेशन पर हमला कर आरपीएफ जवानों से आठ हथियार और 400 गोली लूटे
  • 22 अप्रैल 2009 को नक्सलियों ने हेहेगड़ा रेलवे स्टेशन पर बीडीएम पैसेंजर ट्रेन को पहली बार हाईजैक किया, चियांकि रेलवे स्टेशन को विस्फोट से उड़ाया
  • 09 सितंबर 2009 को हेहेगड़ा रेलवे स्टेशन को विस्फोट कर उड़ा दिया
  • 14 फरवरी 2011 को केचकी के रेलवे स्टेशन मास्टर का अपहरण
  • 07 जुलाई 2012 को हे गढ़ रेलवे स्टेशन पर मालगाड़ी को कब्जे में लिया
  • 12 जून 2013 को कुमंडी रेलवे स्टेशन पर ही नक्सलियों और सुरक्षाबलों में लंबी मुठभेड़
  • 2014 में छिपादोहर में विस्फोट कर पटरी उड़ाई ,पलामू एक्सप्रेस चपेट में आई
Last Updated : Nov 26, 2021, 10:43 AM IST
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