पलामू: ऐसा बेहद कम होता है कि लोग अंधेरे को सुखद कहते हैं. एशिया की प्रसिद्ध पलामू टाइगर रिजर्व (Palamu Tiger Reserve) के लिए यही अंधेरा एक सुखद संदेश लेकर आया है. पलामू टाइगर रिजर्व के इलाकों की रातें हिमालय से भी अधिक अंधेरी होती हैं. डार्क साइट फाउंडर वेबसाइट के सर्वे में पलामू टाइगर रिजर्व का इलाका पूरे भारत में सबसे अधिक अंधेरे वाला इलाका माना गया है. यह इलाका हिमालय से भी अधिक अंधेरा है. पलामू टाइगर रिजर्व पूरे भारत में बाघ, हाथी के लिए प्रसिद्ध है. पलामू टाइगर रिजर्व का इलाका वन्यजीवों के लिए पूरे भारत में बेस्ट हैबिटेट वाला है. अब ये इलाका अंधेरेपन के लिए चर्चा में आ गया है.
ये भी पढ़े: कभी बाघों की दहाड़ से गूंज उठता था पलामू का जंगल, अब विलुप्त होने के कगार पर
लॉक डाउन का भी पड़ा प्रभाव
पलामू टाइगर रिजर्व इलाके (Palamu Tiger Reserve) में लाइट पॉल्यूशन (light pollution) बेहद ही कम है. पलामू टाइगर रिजर्व इलाके में लॉकडाउन का भी काफी पड़ा है. वन्यजीवों की संख्या में बढ़ोतरी के साथ-साथ हर तरह के प्रदूषण कम हुए हैं. पीटीआर के उपनिदेशक मुकेश कुमार बताते हैं कि पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में लाइट पॉल्यूशन नहीं पाया गया है. उन्होंने बताया कि एक सर्वे के दौरान देखा कि यहां पर पीटीआर (पलामू टाइगर रिजर्व) सबसे अधिक अंधेरे वाला इलाका है. उन्होंने बताया कि यह इलाका एस्ट्रोफोटोग्राफी के लिए आदर्श क्षेत्र है. पलामू टाइगर रिजर्व एस्ट्रोफोटोग्राफी को बढ़ावा देगा. पीटीआर प्रबंधन एस्ट्रोफोटोग्राफी के लिए तैयारी कर रहा है.
पीटीआर के कौन-कौन से इलाके हैं एस्ट्रोफोटोग्राफी के लिए आदर्श
पलामू टाइगर रिजर्व किला के में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त फोटोग्राफर मुकेश कुमार, सैकत चटर्जी उपनिदेशक मुकेश कुमार के साथ कैंप कर रहे हैं. दोनों ने बिटिया किला के से कई ऐसे फोटो लिए हैं जो बेहद ही खूबसूरत हैं. पलामू टाइगर रिजर्व इलाके में मारोमारो, बारेसाढ़, हुलुक, चोरमुंडा, पोखरिया पाठ, कोयल व्यू प्वाइंट मैगनोलिया सनसेट पॉइंट, एस्ट्रोफोटोग्राफी के लिए आदर्श माना गया है.