पलामू: प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी टीएसपीसी और जेजे एमपी के खिलाफ पलामू प्रमंडल के कई इलाकों में निर्णायक लड़ाई लड़ी जा रही है. पुलिस और सुरक्षाबल नक्सलियों के टॉप कमांडरों पर मानसिक रूप से दवाब बना रहे हैं. पुलिस कार्रवाई का ही नतीजा है कि पिछले एक साल में 12 से ज्यादा टॉप नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है जबकि कई गिरफ्तार होकर जेल जा चुके है.
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नक्सली कमांडरों के परिजनों से संपर्क: इस इलाके में पुलिस नक्सलियों के खिलाफ न केवल सर्च अभियान चला रही है. बल्कि पुलिस के अधिकारी टॉप कमांडरों के परिजनों से संपर्क भी कर रहे हैं और उन्हें आत्मसमर्पण करने का आग्रह कर रहे हैं. इसी कड़ी में पुलिस ने पोस्टर वार भी शुरू किया है. नक्सलियों के टॉप कमांडरों के पोस्टर को गांव-गांव चिपकाया गया है. नक्सलियों पर दर्ज आपराधिक मामले और इनाम वाले पोस्टर टॉप कमांडरों के घर पर भी लगाए गए हैं.
अभियान का हो रहा असर: पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है और टॉप कमांडरों से आत्मसमर्पण करने का आग्रह किया जा रहा है. नतीजा है कि टीएसपीसी और जेजेएमपी के कई कमांडरों ने आत्मसमर्पण किया है. एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि पुलिस सभी से अपील कर रही है कि आत्मसमर्पण कर दें नहीं तो पुलिस अपनी फौजी कार्रवाई जारी रखेगी. एसपी चंदन कुमार सिन्हा के अनुसार पुलिस का इंटेलिजेंस काफी मजबूत है जिससे किसी भी नक्सली के बचने की संभावना कम ही है.
पुलिस के संपर्क में कई टॉप कमांडर: पुलिस के बढ़ते दबाव के कारण नक्सलियों के सबसे सुरक्षित मांद बूढ़ापहाड़ और छकरबंधा के इलाके के सक्रिय कई टॉप कमांडर पुलिस अधिकारियों के संपर्क में है जो कभी भी आत्मसमर्पण कर सकते हैं। पुलिस के लगातार कार्रवाई के बाद माओवादी के टॉप कमांडर विमल यादव ने आत्मसमर्पण कर दिया जबकि बूढ़ा पहाड़ के सबसे टॉप कमांडर मिथिलेश मेहता भी गिरफ्तार हुआ है।