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पंचतत्व में विलीन हुए शहीद अखिलेश राम, श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़ा लोगों का हुजूम

पलामू में नक्सली मुठभेड़ में शहीद अखिलेश राम के शव का अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम संस्कार में पांकी विधायक देवेंद्र कुमार सिंह भी शामिल हुए. शुक्रवार की देर शाम शहीद का पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही कोहराम मच गया. मृतक की पत्नी, मां और बच्चे पार्थिव शरीर से लिपटकर दहाड़ मार कर रोने लगे. महिलाओं के चित्कार से पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया.

शहीद अखिलेश राम
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Published : Oct 5, 2019, 5:14 PM IST

रांची: दशम फॉल के पास नक्सली मुठभेड़ में शहीद अखिलेश राम के शव का अंतिम संस्कार किया गया. शनिवार की सुबह उनके घर से शव यात्रा निकाली गई, जिसमें पांकी विधायक देवेंद्र कुमार सिंह उर्फ बिट्टू सिंह, पुलिस निरीक्षक प्रमोद रंजन समेत सैकड़ों लोग शामिल हुए. इस दौरान शहीद अखिलेश अमर रहे, अखिलेश तेरे अरमानों को मंजिल तक पहुंचाएंगे जैसे गगनभेदी नारों से उंदरी और आसपास का इलाका गुंजायमान हो गया.

देखिए पूरी खबर


घर में मचा है कोहराम
शुक्रवार की देर शाम शहीद का पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही कोहराम मच गया. मृतक की पत्नी, मां और बच्चे पार्थिव शरीर से लिपटकर दहाड़ मार कर रोने लगे. महिलाओं के चित्कार से पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया. महिलाएं रोते-रोते बेसुध हो जा रही थी.


श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़ा हुजूम
शहीद अखिलेश के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि देने के लिए घर पर दोपहर से ही परिजनों और शुभचिंतकों की भीड़ जुटने लगी. शुक्रवार की संध्या पार्थिव शरीर पहुंचते ही श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. पलामू प्रक्षेत्र के डीआईजी विपुल शुक्ला, पुलिस अधीक्षक अजय लिंडा, पाकी विधायक देवेंद्र कुमार सिंह उर्फ बिट्टू सिंह, डीएसपी अनूप बड़ाईक, मुखिया जितेंद्र शुक्ला समेत कई लोगों ने रात में ही शहीद के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी.

ये भी पढ़ें: बिहार राज्य के मंत्री ने लिया साहिबगंज बाढ़ का जायजा, राजनीतिक पार्टियों से मदद की अपील

इस दौरान सभी ने शहीद के परिजनों से मिलकर ढांढस बंधाया. डीआईजी ने कहा कि नक्सलियों ने कायरता पूर्वक हमारे जवानों पर हमला किया है. इससे हमारे जवानों और पदाधिकारियों का मनोबल गिरने वाला नहीं है. हम नक्सलियों के मंसूबों को कभी सफल नहीं होने देंगे. जल्द ही उन्हें मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा.

रांची: दशम फॉल के पास नक्सली मुठभेड़ में शहीद अखिलेश राम के शव का अंतिम संस्कार किया गया. शनिवार की सुबह उनके घर से शव यात्रा निकाली गई, जिसमें पांकी विधायक देवेंद्र कुमार सिंह उर्फ बिट्टू सिंह, पुलिस निरीक्षक प्रमोद रंजन समेत सैकड़ों लोग शामिल हुए. इस दौरान शहीद अखिलेश अमर रहे, अखिलेश तेरे अरमानों को मंजिल तक पहुंचाएंगे जैसे गगनभेदी नारों से उंदरी और आसपास का इलाका गुंजायमान हो गया.

देखिए पूरी खबर


घर में मचा है कोहराम
शुक्रवार की देर शाम शहीद का पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही कोहराम मच गया. मृतक की पत्नी, मां और बच्चे पार्थिव शरीर से लिपटकर दहाड़ मार कर रोने लगे. महिलाओं के चित्कार से पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया. महिलाएं रोते-रोते बेसुध हो जा रही थी.


श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़ा हुजूम
शहीद अखिलेश के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि देने के लिए घर पर दोपहर से ही परिजनों और शुभचिंतकों की भीड़ जुटने लगी. शुक्रवार की संध्या पार्थिव शरीर पहुंचते ही श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. पलामू प्रक्षेत्र के डीआईजी विपुल शुक्ला, पुलिस अधीक्षक अजय लिंडा, पाकी विधायक देवेंद्र कुमार सिंह उर्फ बिट्टू सिंह, डीएसपी अनूप बड़ाईक, मुखिया जितेंद्र शुक्ला समेत कई लोगों ने रात में ही शहीद के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी.

ये भी पढ़ें: बिहार राज्य के मंत्री ने लिया साहिबगंज बाढ़ का जायजा, राजनीतिक पार्टियों से मदद की अपील

इस दौरान सभी ने शहीद के परिजनों से मिलकर ढांढस बंधाया. डीआईजी ने कहा कि नक्सलियों ने कायरता पूर्वक हमारे जवानों पर हमला किया है. इससे हमारे जवानों और पदाधिकारियों का मनोबल गिरने वाला नहीं है. हम नक्सलियों के मंसूबों को कभी सफल नहीं होने देंगे. जल्द ही उन्हें मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा.

Intro:रांची दशम फॉल के समीप नक्सली मुठभेड़ में शहीद अखिलेश राम के शव को शनिवार को पैतृक गांव कुंदरी स्थित श्मशान घाट पर किया गया। शनिवार की सुबह उनके घर से शव यात्रा निकाली गई। जिसमें पांकी विधायक देवेंद्र कुमार सिंह उर्फ बिट्टू सिंह, पुलिस निरीक्षक प्रमोद रंजन, थाना प्रभारी वीरेन मिंज, स्थानीय मुखिया जितेंद्र शुक्ला, पुलिस एसोसिएशन अध्यक्ष मंगल सिंह सोय, मंत्री जयप्रकाश सिंह, मेंस एसोसिएशन अध्यक्ष अक्षय कुमार पासवान, उपाध्यक्ष नरेंद्र सिंह, पूर्व अध्यक्ष लालेश्वर राम समेत सैकड़ों लोग शामिल हुए। इस दौरान शहीद अखिलेश अमर रहे, अखिलेश तेरे अरमानों को मंजिल तक पहुंचाएंगे, जब तक सूरज चांद रहेगा अखिलेश तेरा नाम रहेगा, भारत माता की जय आदि गगनभेदी नारों से उंदरी एवं आसपास का इलाका गुंजायमान हो गया।

घर में मचा है कोहराम - शुक्रवार की देर शाम शहीद का पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही कोहराम मच गया। मृतक की पत्नी तथा मां एवं बच्चे पार्थिव शरीर से लिपटकर दहाड़ मार कर रोने लगी। महिलाओं के चित्कार से पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया। महिलाएं रोते-रोते बेसुध हो जा रही थी।

श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़ा हुजूम - शहीद अखिलेश के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि देने के लिए घर पर दोपहर से ही परिजनों एवं शुभचिंतकों की भीड़ जुटने लगी थी। शुक्रवार की संध्या पार्थिव शरीर पहुंचते ही श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। पलामू प्रक्षेत्र के डीआईजी विपुल शुक्ला, पुलिस अधीक्षक अजय लिंडा, पाकी विधायक देवेंद्र कुमार सिंह उर्फ बिट्टू सिंह, डीएसपी अनूप बड़ाईक, मुखिया जितेंद्र शुक्ला समेत कई लोगों ने रात में ही शहीद के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी तथा शहीद के परिजनों से मिलकर ढांढस बंधाया। डीआईजी ने कहा कि नक्सलियों ने कायरता पूर्वक हमारे जवानों पर हमला किया है। इससे हमारे जवानों एवं पदाधिकारियों का मनोबल गिरने वाला नहीं है। हम नक्सलियों के मंसूबों को कभी सफल नहीं होने देंगे। जल्द ही उन्हें मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा।

पिता ने दी मुखाग्नि - शहीद अखिलेश के शव को उनके वृद्ध पिता विपन मांझी ने नम आंखों से मुखाग्नि दी। उसके बाद शहीद का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। उल्लेखनीय है कि विपन मांझी के दो पुत्र थे। और दोनों जिला पुलिस बल में नौकरी करते थे। जिसमें उमेश मांझी कि 3 वर्ष पूर्व ही मेदिनीनगर में हत्या कर दी गई थी। जबकि अखिलेश राम दशम फॉल के पास नक्सलियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए। अब उनके बुढ़ापे का सहारा भी कोई नहीं रहा।Body:रांची दशम फॉल के समीप नक्सली मुठभेड़ में शहीद अखिलेश राम के शव को शनिवार को पैतृक गांव कुंदरी स्थित श्मशान घाट पर किया गया। शनिवार की सुबह उनके घर से शव यात्रा निकाली गई। जिसमें पांकी विधायक देवेंद्र कुमार सिंह उर्फ बिट्टू सिंह, पुलिस निरीक्षक प्रमोद रंजन, थाना प्रभारी वीरेन मिंज, स्थानीय मुखिया जितेंद्र शुक्ला, पुलिस एसोसिएशन अध्यक्ष मंगल सिंह सोय, मंत्री जयप्रकाश सिंह, मेंस एसोसिएशन अध्यक्ष अक्षय कुमार पासवान, उपाध्यक्ष नरेंद्र सिंह, पूर्व अध्यक्ष लालेश्वर राम समेत सैकड़ों लोग शामिल हुए। इस दौरान शहीद अखिलेश अमर रहे, अखिलेश तेरे अरमानों को मंजिल तक पहुंचाएंगे, जब तक सूरज चांद रहेगा अखिलेश तेरा नाम रहेगा, भारत माता की जय आदि गगनभेदी नारों से उंदरी एवं आसपास का इलाका गुंजायमान हो गया।

घर में मचा है कोहराम - शुक्रवार की देर शाम शहीद का पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही कोहराम मच गया। मृतक की पत्नी तथा मां एवं बच्चे पार्थिव शरीर से लिपटकर दहाड़ मार कर रोने लगी। महिलाओं के चित्कार से पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया। महिलाएं रोते-रोते बेसुध हो जा रही थी।

श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़ा हुजूम - शहीद अखिलेश के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि देने के लिए घर पर दोपहर से ही परिजनों एवं शुभचिंतकों की भीड़ जुटने लगी थी। शुक्रवार की संध्या पार्थिव शरीर पहुंचते ही श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। पलामू प्रक्षेत्र के डीआईजी विपुल शुक्ला, पुलिस अधीक्षक अजय लिंडा, पाकी विधायक देवेंद्र कुमार सिंह उर्फ बिट्टू सिंह, डीएसपी अनूप बड़ाईक, मुखिया जितेंद्र शुक्ला समेत कई लोगों ने रात में ही शहीद के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी तथा शहीद के परिजनों से मिलकर ढांढस बंधाया। डीआईजी ने कहा कि नक्सलियों ने कायरता पूर्वक हमारे जवानों पर हमला किया है। इससे हमारे जवानों एवं पदाधिकारियों का मनोबल गिरने वाला नहीं है। हम नक्सलियों के मंसूबों को कभी सफल नहीं होने देंगे। जल्द ही उन्हें मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा।

पिता ने दी मुखाग्नि - शहीद अखिलेश के शव को उनके वृद्ध पिता विपन मांझी ने नम आंखों से मुखाग्नि दी। उसके बाद शहीद का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। उल्लेखनीय है कि विपन मांझी के दो पुत्र थे। और दोनों जिला पुलिस बल में नौकरी करते थे। जिसमें उमेश मांझी कि 3 वर्ष पूर्व ही मेदिनीनगर में हत्या कर दी गई थी। जबकि अखिलेश राम दशम फॉल के पास नक्सलियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए। अब उनके बुढ़ापे का सहारा भी कोई नहीं रहा।Conclusion:रांची दशम फॉल के समीप नक्सली मुठभेड़ में शहीद अखिलेश राम के शव को शनिवार को पैतृक गांव कुंदरी स्थित श्मशान घाट पर किया गया। शनिवार की सुबह उनके घर से शव यात्रा निकाली गई। जिसमें पांकी विधायक देवेंद्र कुमार सिंह उर्फ बिट्टू सिंह, पुलिस निरीक्षक प्रमोद रंजन, थाना प्रभारी वीरेन मिंज, स्थानीय मुखिया जितेंद्र शुक्ला, पुलिस एसोसिएशन अध्यक्ष मंगल सिंह सोय, मंत्री जयप्रकाश सिंह, मेंस एसोसिएशन अध्यक्ष अक्षय कुमार पासवान, उपाध्यक्ष नरेंद्र सिंह, पूर्व अध्यक्ष लालेश्वर राम समेत सैकड़ों लोग शामिल हुए। इस दौरान शहीद अखिलेश अमर रहे, अखिलेश तेरे अरमानों को मंजिल तक पहुंचाएंगे, जब तक सूरज चांद रहेगा अखिलेश तेरा नाम रहेगा, भारत माता की जय आदि गगनभेदी नारों से उंदरी एवं आसपास का इलाका गुंजायमान हो गया।

घर में मचा है कोहराम - शुक्रवार की देर शाम शहीद का पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही कोहराम मच गया। मृतक की पत्नी तथा मां एवं बच्चे पार्थिव शरीर से लिपटकर दहाड़ मार कर रोने लगी। महिलाओं के चित्कार से पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया। महिलाएं रोते-रोते बेसुध हो जा रही थी।

श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़ा हुजूम - शहीद अखिलेश के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि देने के लिए घर पर दोपहर से ही परिजनों एवं शुभचिंतकों की भीड़ जुटने लगी थी। शुक्रवार की संध्या पार्थिव शरीर पहुंचते ही श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। पलामू प्रक्षेत्र के डीआईजी विपुल शुक्ला, पुलिस अधीक्षक अजय लिंडा, पाकी विधायक देवेंद्र कुमार सिंह उर्फ बिट्टू सिंह, डीएसपी अनूप बड़ाईक, मुखिया जितेंद्र शुक्ला समेत कई लोगों ने रात में ही शहीद के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी तथा शहीद के परिजनों से मिलकर ढांढस बंधाया। डीआईजी ने कहा कि नक्सलियों ने कायरता पूर्वक हमारे जवानों पर हमला किया है। इससे हमारे जवानों एवं पदाधिकारियों का मनोबल गिरने वाला नहीं है। हम नक्सलियों के मंसूबों को कभी सफल नहीं होने देंगे। जल्द ही उन्हें मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा।

पिता ने दी मुखाग्नि - शहीद अखिलेश के शव को उनके वृद्ध पिता विपन मांझी ने नम आंखों से मुखाग्नि दी। उसके बाद शहीद का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। उल्लेखनीय है कि विपन मांझी के दो पुत्र थे। और दोनों जिला पुलिस बल में नौकरी करते थे। जिसमें उमेश मांझी कि 3 वर्ष पूर्व ही मेदिनीनगर में हत्या कर दी गई थी। जबकि अखिलेश राम दशम फॉल के पास नक्सलियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए। अब उनके बुढ़ापे का सहारा भी कोई नहीं रहा।
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