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मगही संघर्ष मोर्चा ने नियोजन नीति में भाषा को लेकर किया विरोध प्रदर्शन, पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने किया समर्थन

झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग की प्रतियोगी परीक्षा में हिंदी, भोजपुरी, मगही और अंगिका को शामिल नहीं किया गया है. इसे लकेर पलामू में युवाओं ने आंदोलन शुरू कर दिया है. सोमवार को कांग्रेस नेता सह पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी (KN Tripathi) के नेतृत्व में एक जुलूस निकाला गया. जिसमें सैकड़ों युवा शामिल थे.

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विरोध प्रदर्शन
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Published : Sep 20, 2021, 9:31 PM IST

Updated : Sep 20, 2021, 9:48 PM IST

पलामू: झारखंड सरकार की नियोजन नीति (Niyojan Niti) में भाषा को लेकर पलामू के युवाओं ने आंदोलन शुरू कर दिया है. इस आंदोलन को कांग्रेस नेता सह पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी (KN Tripathi) ने भी समर्थन किया है. पलामू के युवाओं के आंदोलन यह पहला चरण है और इसके लिए मगही संघर्ष मोर्चा नामक संगठन का गठन किया गया है.

इसे भी पढे़ं: कांग्रेस नेता डॉ अजय ने अपनी ही सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा- बकवास है नियोजन नीति

सरकार ने झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग की प्रतियोगी परीक्षा में हिंदी, भोजपुरी, मगही और अंगिका को शामिल नहीं किया. हाल ही में भोजपुरी और मगही को लेकर विवादित बयान भी आया था. रविवार को JPSC की परीक्षा के बाद यह आंदोलन शुरू हुआ. सोमवार को सैकड़ों युवा पलामू के टाउन हॉल में जमा हुए. उसके बाद जुलूस निकालते हुए पलामू समाहरणालय पहुंचे. जुलूस का नेतृत्व पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी कर रहे थे. केएन त्रिपाठी ने बताया कि भोजपुरी, मगही, और अंगिका को नियोजन नीति में शामिल किया जाना चाहिए.

देखें पूरी खबर

डीसी को सौंपा ज्ञापन

केएन त्रिपाठी ने कहा कि मगध के इलाके की भाषा के साथ राज्य सरकार उपेक्षा कर रही है. यह भाषा पांच हजार वर्ष पुराना है. राज्य सरकार इसे द्वितीय राज भाषा का दर्जा दें. झारखंड मगध साम्राज्य का अंग रहा है. उन्होंने डीसी को ज्ञापन देकर मगही और भोजपुरी भाषा को नियोजन नीति में शामिल करने की मांग की.

इसे भी पढे़ं: Politics on Niyojan Niti: विपक्ष के बाद सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के निशाने पर हेमंत सरकार



एक बार फिर से नियोजन नीति को लेकर शुरू हुआ आंदोलन

रघुवर सरकार के कार्यकाल में दोहरी नियोजन नीति खिलाफ पलामू से ही आंदोलन शुरू हुआ था. एक बार फिर से झारखंड सरकार के नियोजन नीति के खिलाफ पलामू से ही आंदोलन शुरू हो गया है. युवाओं का यह पहले चरण का आंदोलन है. दूसरे चरण के आंदोलन की घोषणा जल्द ही की जाएगी.

पलामू: झारखंड सरकार की नियोजन नीति (Niyojan Niti) में भाषा को लेकर पलामू के युवाओं ने आंदोलन शुरू कर दिया है. इस आंदोलन को कांग्रेस नेता सह पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी (KN Tripathi) ने भी समर्थन किया है. पलामू के युवाओं के आंदोलन यह पहला चरण है और इसके लिए मगही संघर्ष मोर्चा नामक संगठन का गठन किया गया है.

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सरकार ने झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग की प्रतियोगी परीक्षा में हिंदी, भोजपुरी, मगही और अंगिका को शामिल नहीं किया. हाल ही में भोजपुरी और मगही को लेकर विवादित बयान भी आया था. रविवार को JPSC की परीक्षा के बाद यह आंदोलन शुरू हुआ. सोमवार को सैकड़ों युवा पलामू के टाउन हॉल में जमा हुए. उसके बाद जुलूस निकालते हुए पलामू समाहरणालय पहुंचे. जुलूस का नेतृत्व पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी कर रहे थे. केएन त्रिपाठी ने बताया कि भोजपुरी, मगही, और अंगिका को नियोजन नीति में शामिल किया जाना चाहिए.

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डीसी को सौंपा ज्ञापन

केएन त्रिपाठी ने कहा कि मगध के इलाके की भाषा के साथ राज्य सरकार उपेक्षा कर रही है. यह भाषा पांच हजार वर्ष पुराना है. राज्य सरकार इसे द्वितीय राज भाषा का दर्जा दें. झारखंड मगध साम्राज्य का अंग रहा है. उन्होंने डीसी को ज्ञापन देकर मगही और भोजपुरी भाषा को नियोजन नीति में शामिल करने की मांग की.

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एक बार फिर से नियोजन नीति को लेकर शुरू हुआ आंदोलन

रघुवर सरकार के कार्यकाल में दोहरी नियोजन नीति खिलाफ पलामू से ही आंदोलन शुरू हुआ था. एक बार फिर से झारखंड सरकार के नियोजन नीति के खिलाफ पलामू से ही आंदोलन शुरू हो गया है. युवाओं का यह पहले चरण का आंदोलन है. दूसरे चरण के आंदोलन की घोषणा जल्द ही की जाएगी.

Last Updated : Sep 20, 2021, 9:48 PM IST
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