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पलामू में बकरियों के कारोबार से पांच हजार परिवार बना स्वावलंबी, कई राज्यों में फैला है व्यापार

पलामू में बकरी पालन से पांच हजार परिवार स्वावलंबी बन गये हैं. झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी की मदद से स्थानीय बैंक लोगों को बकरी पालन को लेकर ऋण मुहैया कराती है. इससे आज बकरी का कारोबार 50 करोड़ रुपये तक पंहुच गया है.

Goat farming in Palamu
पलामू में बकरियों के कारोबार से पांच हजार परिवार बना स्वावलंबी
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Published : Jun 28, 2022, 10:13 PM IST

पलामूः जिले के कई इलाकों में बकरियों के कारोबार से बड़ा बदलाव लाया है. इस कारोबार से पांच हजार से अधिक परिवार स्वावलंबी बन गए हैं और कई स्वावलंबी बनने की राह पर हैं. पलामू का इलाका शुरू से कृषि प्रधान रहा है. लेकिन अब किसान परंपरागत खेती छोड़ कुछ नया कर रहे हैं. इसी कड़ी में किसानों ने बकरी पालन शुरू किया है, जिससे उनके जीवन में काफी बदलाव लाया है. झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी की मदद से स्थानीय बैंक लोगों को बकरी पालन को लेकर ऋण मुहैया कराती है. इससे आज बकरी का कारोबार 50 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.

यह भी पढ़ेंःगोड्डाः बकरी पालन से मिल रहा रोजगार, ब्लैक बंगाल के नस्ल की खूब डिमांड


छत्तरपुर के रहने वाली सुनीता देवी की पति किडनी की समस्या से जूझ रहे थे. उन्हें इलाज के लिए लाखों रुपये की जरूरत थी. सुनीता देवी ने बकरी बेच कर पैसे जुटाये और पति का इलाज करवाया. सुनीता देवी कहती हैं कि दो वर्ष पहले बकरी पालन शुरू किया. इसी दौरान पति बीमार हो गए. उन्होंने कहा कि बकरी पालन कर अपने पति का इलाज करवाया और पूरे परिवार का भरण पोषण कर रही हैं. उन्होंने कहा कि जेएसएलपीएस की मदद से दो हजार से अधिक महिलाएं बकरी पालन से जुड़ी है.

देखें पूरी खबर


झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के माध्यम से बकरी पालकों को कई मदद दिए जा रहे है. बकरी पालकों को जेएसएलपीएस की ओर से शेड निर्माण में सहयोग किया जा रहा है. इसके साथ ही स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से फाइनेंस भी किये जा रहे हैं. जेएसएलपीएस के डीपीएम विमलेश शुक्ला ने बताया कि बकरी पालन में मदद किया जा रहा है, जिससे कई परिवारों में बड़ा बदलाव हुआ है.

पलामू के इलाके में ब्लैक बंगाल ब्रीड के बकरी का अधिक पालन हो रहा है. ब्लैक बंगाल ब्रीड के बकरी की सप्लाई पलामू से यूपी, छत्तीसगढ़ और बिहार के इलाके में की जा रही है. वहीं, कई इलाकों में बुधवार, शुक्रवार और रविवार को बकरी बाजार लगता है, जहां बाहर के व्यापारी बकरी खरीदने पहुंचते हैं. बताया जाता है कि ब्लैक बंगाल ब्रीड की बकरी 5 से 6 महीने में तैयार हो जाती है. इससे पालन में खर्च कम है.

पलामूः जिले के कई इलाकों में बकरियों के कारोबार से बड़ा बदलाव लाया है. इस कारोबार से पांच हजार से अधिक परिवार स्वावलंबी बन गए हैं और कई स्वावलंबी बनने की राह पर हैं. पलामू का इलाका शुरू से कृषि प्रधान रहा है. लेकिन अब किसान परंपरागत खेती छोड़ कुछ नया कर रहे हैं. इसी कड़ी में किसानों ने बकरी पालन शुरू किया है, जिससे उनके जीवन में काफी बदलाव लाया है. झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी की मदद से स्थानीय बैंक लोगों को बकरी पालन को लेकर ऋण मुहैया कराती है. इससे आज बकरी का कारोबार 50 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.

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छत्तरपुर के रहने वाली सुनीता देवी की पति किडनी की समस्या से जूझ रहे थे. उन्हें इलाज के लिए लाखों रुपये की जरूरत थी. सुनीता देवी ने बकरी बेच कर पैसे जुटाये और पति का इलाज करवाया. सुनीता देवी कहती हैं कि दो वर्ष पहले बकरी पालन शुरू किया. इसी दौरान पति बीमार हो गए. उन्होंने कहा कि बकरी पालन कर अपने पति का इलाज करवाया और पूरे परिवार का भरण पोषण कर रही हैं. उन्होंने कहा कि जेएसएलपीएस की मदद से दो हजार से अधिक महिलाएं बकरी पालन से जुड़ी है.

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झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के माध्यम से बकरी पालकों को कई मदद दिए जा रहे है. बकरी पालकों को जेएसएलपीएस की ओर से शेड निर्माण में सहयोग किया जा रहा है. इसके साथ ही स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से फाइनेंस भी किये जा रहे हैं. जेएसएलपीएस के डीपीएम विमलेश शुक्ला ने बताया कि बकरी पालन में मदद किया जा रहा है, जिससे कई परिवारों में बड़ा बदलाव हुआ है.

पलामू के इलाके में ब्लैक बंगाल ब्रीड के बकरी का अधिक पालन हो रहा है. ब्लैक बंगाल ब्रीड के बकरी की सप्लाई पलामू से यूपी, छत्तीसगढ़ और बिहार के इलाके में की जा रही है. वहीं, कई इलाकों में बुधवार, शुक्रवार और रविवार को बकरी बाजार लगता है, जहां बाहर के व्यापारी बकरी खरीदने पहुंचते हैं. बताया जाता है कि ब्लैक बंगाल ब्रीड की बकरी 5 से 6 महीने में तैयार हो जाती है. इससे पालन में खर्च कम है.

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