पलामूः जिले के हैदरनगर प्रखंड की सबसे पुरानी भाई बिगहा स्थित जामा मस्जिद में भी लॉकडाउन की वजह से ईद की नमाज नहीं पढ़ी गई. मस्जिद के डेढ़ सौ साल के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब मस्जिद में ईद की नमाज अदा नहीं की गई.
ईद के मौके पर हैदरनगर, हुसैनाबाद और मोहम्मदगंज प्रखंड के जपला, ककोरिया, देवरी, ईदगाह , हैदरनगर बाजार ,कबरा खुर्द, बल्डिहरी, तारा ,कोसिआरा, करीमनडीह, सिघना, कुड़वा, बटौआ मस्जिद समेत अन्य में भी ईद की नमाज नहीं पढ़ी गई. लोगों ने अपने-अपने घरों में ही शुक्राना की नफील नमाज अदा की. विभिन्न मस्जिद कमेटियों के मुताबिक जिस मस्जिद की जब कभी स्थापना हुई है. उससे अब तक यह पहला मौका है, जब अलविदा जुमा और ईद की नमाज नहीं पढ़ी गई है.
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मस्जिद कमेटियों के पदाधिकारियों ने बताया कि सरकार के आदेश सभी की भलाई के लिए है. कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए जमात में नमाज पढ़ना, गले मिलना और हाथ मिलाने से पूरी तरह परहेज किया गया, जो सराहनीय है. ईद के मौके पर रस्मों के नहीं होने से सड़कों पर सन्नाटा रहा. मुहल्लों में भी चहल-पहल नहीं देखी गई. यह कोरोना वायरस के प्रति जागरुकता को दर्शाता है. इसके साथ ही अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की अपील का नतीजा है. बाजार मस्जिद के सदर डा. अमिनुल हक अंसारी और भाई बिगहा मस्जिद के सदर अंसार खान ने कहा कि सरकार के आदेश का सभी ने सत प्रतिशत पालन किया. उन्होंने सभी मुस्लिम भाईयों को ईद की मुबारकबाद दी.