ETV Bharat / city

यहां पिछले 100 सालों से लगता है भूतों का मेला, देखने वालों के डर के मारे रौंगटे हो जाते हैं खड़े

नवरात्र के दौरान एक तरफ जहां लोग मां की आराधना करते हैं वहीं कुछ लोग इस दौरान जादू टोना भी करते हैं. इसके अलावा इस दौरान प्रेत बाधा भी दूर किया जाता है. पलामू के हैदर नगर में हर साल नवरात्र के समय प्रेत बाधा से मुक्ति के लिए देश भर से लोग पहुंचते हैं (Bhoot mela in Haidar nagar).

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Oct 1, 2022, 6:13 PM IST

Updated : Oct 1, 2022, 7:10 PM IST

पलामू: राजधानी रांची से करीब 270 किलोमीटर दूर पलामू कर हैदरनगर में भूतों का मेला लगता है (Bhoot mela in Haidar nagar). यह भूत मेला शारदीय नवरात्र और चैत नवरात्र में लगता है. आधुनिक युग मे भूत और प्रेत अंधविश्वास है, लेकिन इस भूत मेला पहुंचने वाले लोगों की आस्था है देखकर कोई भी हैरान हो सकता है. हजारों लोग नवरात्र के दौरान प्रेत बाधा से मुक्ति के लिए हैदरनगर देवी धाम पहुंचते हैं.

ये भी पढ़ें: झारखंड में डायन बिसाही बताकर हत्या पर पुलिस सख्त, रडार पर ओझा और तांत्रिक

1887 से हैदरनगर देवी धाम मंदिर परिसर में भूत मेला का आयोजन किया जा रहा है. इस मेले में बिहार, यूपी, हरियाणा, छत्तीसगढ़, एमपी, ओडिशा और पश्चिम बंगाल से लोग पंहुचते हैं. हजारों लोगों की आस्था हैदरनगर देवी धाम मंदिर से जुड़ी हुई है. नवरात्र के दौरान पूरे नौ दिनों तक हैदरनगर देवी धाम मंदिर परिसर में भूत मेला का आयोजन किया जाता है. भूत मेला कुछ ऐसी तस्वीरे निकल कर सामने आती है कि किसी के भी रौंगटे को भी खड़े हो सकते हैं.

देखें वीडियो




09 दिनों तक मां देवी की होती है आराधना: हैदरनगर देवी धाम परिसर में हजारों की संख्या में लोग प्रेत बाधा से मुक्ति की कामना को लेकर पहुंचते हैं. मेला परिसर में चारों तरफ टेंट और तंबू नजर आता है. इनमें देवी मां की आराधना होती है और झाड़ फूंक किया जाता है. हजारों की संख्या में महिलाओं की भीड़ मेला परिसर में 24 घंटे जमा रहती है. बिहार के सासाराम के रहने वाले जितेंद्र कुमार बताते हैं कि वह पिछले छह वर्षों से यहां लगातार आ रहे हैं. प्रेत बाधा से मुक्ति के लिए वे हरवर्ष यहां पहुंचते हैं. देवी मां की आराधना के बाद उनके परिवार में कोई दुख नहीं है. वहीं, मंदिर के मुख्य पुजारी बताते हैं कि हैदरनगर में देवी मां की आराधना से सारी मनोकामना पूर्ण होती हैं.


आपसी सौहार्द की मिसाल हैदरनगर देवी धाम मंदिर: हैदरनगर देवी धाम परिसर आपसी सौहार्द का मिसाल है. जिस वक्त मंदिर की स्थापना हुई थी, उस वक्त से ही मंदिर परिसर में है जिन्न बाबा का मजार है. लोग देवी मां की पूजा करने के बाद मजार पर इबादत भी करते हैं. आशिक अली यहां वर्षों से इबादत करते आ रहे हैं. वे बताते हैं कि हरदिन सैकड़ों लोग चादरपोशी के लिए यहां पहुंचते हैं.


भूतों को कीलों में कैद करने की है मान्यता: हैदरनगर देवी धाम परिसर में एक प्राचीन पेड़ मौजूद है. इस पेड़ में हजारों की संख्या में कील ठोके हुए हैं. मान्यता है कि इन कील में भूतों प्रेतों को कैद किया गया है. पूरे नौ दिनों तक देवी धाम परिसर में हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ जमा रहती है. मध्य प्रदेश के सिंगरौली से झाड़ फूंक करने हैदरनगर पहुंचने व्यक्ति ने दावा प्रस्तुत किया कि प्रेत बाधा होती है, जिसे यहां दूर किया जाता है. प्रेत बाधा से मुक्ति के लिए अलग अलग फीस है, यह फीस पांच से 40 हजार रुपये तक है.


मंदिर प्रबंधन को होती है लाखो की आय: शारदीय और चैत नवरात्र में मंदिर प्रबंधन कमेटी को लाखों रुपय की आय होती है. इन पैसे को मंदिर के विकास और भक्तों को सुविधा उपलब्ध करवाने में खर्च किया जाता है. भूत मेला को लेकर मंदिर प्रबंधन समिति एक महीने पहले से तैयारी शुरू कर देती है. इस बार देवी मां के सभी स्वरूपों को सोने और चांदी के जेवरात से सजाया गया है. हैदरनगर देवी धाम परिसर में मां शीतला देवी मौजूद हैं. एक जमींदार परिवार 1887 के आसपास औरंगाबाद के जम्होर से हैदरनगर पंहुचा था और उन्होंने ही इस मंदिर की स्थापना की थी.

पलामू: राजधानी रांची से करीब 270 किलोमीटर दूर पलामू कर हैदरनगर में भूतों का मेला लगता है (Bhoot mela in Haidar nagar). यह भूत मेला शारदीय नवरात्र और चैत नवरात्र में लगता है. आधुनिक युग मे भूत और प्रेत अंधविश्वास है, लेकिन इस भूत मेला पहुंचने वाले लोगों की आस्था है देखकर कोई भी हैरान हो सकता है. हजारों लोग नवरात्र के दौरान प्रेत बाधा से मुक्ति के लिए हैदरनगर देवी धाम पहुंचते हैं.

ये भी पढ़ें: झारखंड में डायन बिसाही बताकर हत्या पर पुलिस सख्त, रडार पर ओझा और तांत्रिक

1887 से हैदरनगर देवी धाम मंदिर परिसर में भूत मेला का आयोजन किया जा रहा है. इस मेले में बिहार, यूपी, हरियाणा, छत्तीसगढ़, एमपी, ओडिशा और पश्चिम बंगाल से लोग पंहुचते हैं. हजारों लोगों की आस्था हैदरनगर देवी धाम मंदिर से जुड़ी हुई है. नवरात्र के दौरान पूरे नौ दिनों तक हैदरनगर देवी धाम मंदिर परिसर में भूत मेला का आयोजन किया जाता है. भूत मेला कुछ ऐसी तस्वीरे निकल कर सामने आती है कि किसी के भी रौंगटे को भी खड़े हो सकते हैं.

देखें वीडियो




09 दिनों तक मां देवी की होती है आराधना: हैदरनगर देवी धाम परिसर में हजारों की संख्या में लोग प्रेत बाधा से मुक्ति की कामना को लेकर पहुंचते हैं. मेला परिसर में चारों तरफ टेंट और तंबू नजर आता है. इनमें देवी मां की आराधना होती है और झाड़ फूंक किया जाता है. हजारों की संख्या में महिलाओं की भीड़ मेला परिसर में 24 घंटे जमा रहती है. बिहार के सासाराम के रहने वाले जितेंद्र कुमार बताते हैं कि वह पिछले छह वर्षों से यहां लगातार आ रहे हैं. प्रेत बाधा से मुक्ति के लिए वे हरवर्ष यहां पहुंचते हैं. देवी मां की आराधना के बाद उनके परिवार में कोई दुख नहीं है. वहीं, मंदिर के मुख्य पुजारी बताते हैं कि हैदरनगर में देवी मां की आराधना से सारी मनोकामना पूर्ण होती हैं.


आपसी सौहार्द की मिसाल हैदरनगर देवी धाम मंदिर: हैदरनगर देवी धाम परिसर आपसी सौहार्द का मिसाल है. जिस वक्त मंदिर की स्थापना हुई थी, उस वक्त से ही मंदिर परिसर में है जिन्न बाबा का मजार है. लोग देवी मां की पूजा करने के बाद मजार पर इबादत भी करते हैं. आशिक अली यहां वर्षों से इबादत करते आ रहे हैं. वे बताते हैं कि हरदिन सैकड़ों लोग चादरपोशी के लिए यहां पहुंचते हैं.


भूतों को कीलों में कैद करने की है मान्यता: हैदरनगर देवी धाम परिसर में एक प्राचीन पेड़ मौजूद है. इस पेड़ में हजारों की संख्या में कील ठोके हुए हैं. मान्यता है कि इन कील में भूतों प्रेतों को कैद किया गया है. पूरे नौ दिनों तक देवी धाम परिसर में हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ जमा रहती है. मध्य प्रदेश के सिंगरौली से झाड़ फूंक करने हैदरनगर पहुंचने व्यक्ति ने दावा प्रस्तुत किया कि प्रेत बाधा होती है, जिसे यहां दूर किया जाता है. प्रेत बाधा से मुक्ति के लिए अलग अलग फीस है, यह फीस पांच से 40 हजार रुपये तक है.


मंदिर प्रबंधन को होती है लाखो की आय: शारदीय और चैत नवरात्र में मंदिर प्रबंधन कमेटी को लाखों रुपय की आय होती है. इन पैसे को मंदिर के विकास और भक्तों को सुविधा उपलब्ध करवाने में खर्च किया जाता है. भूत मेला को लेकर मंदिर प्रबंधन समिति एक महीने पहले से तैयारी शुरू कर देती है. इस बार देवी मां के सभी स्वरूपों को सोने और चांदी के जेवरात से सजाया गया है. हैदरनगर देवी धाम परिसर में मां शीतला देवी मौजूद हैं. एक जमींदार परिवार 1887 के आसपास औरंगाबाद के जम्होर से हैदरनगर पंहुचा था और उन्होंने ही इस मंदिर की स्थापना की थी.

Last Updated : Oct 1, 2022, 7:10 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.