पलामूः पिछले एक दशक में शराब की खपत 10 गुणा बढ़ गई है. यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि सरकारी आंकड़ा बता रहा है. सरकारी आंकड़ों की बात करें तो पलामू में प्रतिवर्ष 15 लाख लीटर बीयर की खपत हो रही है. वहीं, शराब करीब 10 लाख लीटर बिक रही है. साल 2013-14 में 13 करोड़ रुपये का शराब कारोबार होता था, जो साल 2021-22 में बढ़कर 103 करोड़ रुपये का हो गया. यही वजह है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में सरकार ने पलामू में 102 करोड़ रुपये का शराब बेचने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
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पलामू में पिछले डेढ़ महीने से बीयर की सप्लाई बंद है. सप्लाई बंद होने से कई इलाकों में बीयर महंगा बिक रहा है. जानकारी के अनुसार नई उत्पाद नीति के तहत कंपनियों से सरकार अधिक सिक्योरिटी मनी मांग रही है. इसके कारण पलामू के इलाके में बीयर कंपनियों ने सप्लाई बंद कर दी है. विभागीय सूत्रों के अनुसार सरकार ने बीयर के थर्ड ग्रेड को बेचने की योजना तैयार की है. सरकार के आंकड़ों के अनुसार पलामू में 95 शराब की दुकान स्वीकृत है.
बीयर और अंग्रेजी शराब के साथ साथ महुआ शराब की भी बड़ी खपत है. पिछले एक वर्ष में जिले में 126 इलाकों में अवैध महुआ शराब के खिलाफ कार्रवाई की गई है. इस कार्रवाई में 67 हजार 175 किलो जावा महुआ और 5 हजार 963 लीटर अवैध महुआ शराब जब्त किए गए. इसके साथ ही शराब के अवैध कारोबार के मामले में 85 तस्करों की गिरफ्तारी की गई. बिहार से सटे इलाके में सबसे अधिक महुआ शराब की खपत हो रही है. बिहार में शराबबंदी होने के कारण बिहार के लोग सीमावर्ती इलाके में शराब पीने के लिए पहुंचते हैं. जिले में अवैध शराब के कारोबार पर लगाम लगाने को लेकर एक संयुक्त टीम बनाई गई है.