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शॉर्ट कट के चक्कर में युवाओं को लग रही है सट्टे की लत, हारने पर मौत को भी लगा लेते हैं गले - jharkhand news

आज कल युवा कम समय में ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाना चाहते हैं. इस चक्कर में वो गलत काम करने से भी नहीं चूकते. जमशेदपुर में कई युवा सट्टे पर पैसे लगाते हैं और नहीं जीतने पर कभी-कभी मौत को भी गले लगा लेते हैं.

सट्टे की लत
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Published : May 29, 2019, 9:59 AM IST

Updated : May 29, 2019, 10:15 AM IST

जमशेदपुर: मैच पर सट्टा लगा कर लाखों कमाने के चक्कर में जिले के युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है. सट्टा बाजार का ट्रेंड तेजी से बदल रहा है. क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी और अन्य खेल को लेकर सट्टा बाजार में बोली लगती है. राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले कार्यक्रम में हार-जीत को लेकर भी सबसे अधिक जुआ सट्टा का बाजार गर्म रहता है.

देखें पूरी खबर

29 अगस्त 2018 टेल्को थाना क्षेत्र के गरुड़ बासा में संदीप नाम के युवक ने क्रिकेट में सट्टा लगाया था. इस कारण घर से 300 मीटर की दूरी पर पेड़ पर फंदा के सहारे आत्महत्या कर लिया. संदीप ने एक मैच पर 80,000 रुपए दांव लगाया था. टीम हार गई थी और उसके रुपए डूब गए. इसी कारण उसने फांसी लगाकर जान दे दी.

ये भी पढ़ें- गांव-गांव में होगी शहरों जैसी सुविधाएं, स्ट्रीट लाइट, पेवर ब्लॉक और स्वच्छ पेयजल पर काम शुरू

24 अक्टूबर 2014 साकची थाना अंतर्गत गरम नाला के शंभू सिंह ने घर में पंखा के सहारे लटक कर आत्महत्या कर ली थी. मृतक चालक का काम करता था. 15 जुलाई 2015 को नितिन खेरवाल ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. वो मैच में सट्टा लगा रहा था और लगातार मैच में हार होने की वजह से वो कर्जदार हो गया था. इस तनाव में उसने आत्महत्या कर ली थी. इस घटना के बाद साकची थाना पुलिस ने कई जगह छापेमारी कर सट्टेबाजों का खुलासा किया था.

आज कल के युवा लालच में आकर शॉर्ट-टर्म का रास्ता अपनाते हैं. जिला पुलिस लगातार इन मामलों पर केस दर्ज करवाती है. कुछ दिनों पूर्व साकची थाना अंतर्गत आईपीएल सट्टे को लेकर कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

सिटी एसपी प्रभात कुमार ने कहा कि जो युवा सट्टा खेलते हैं, सबसे बड़ी बात इसमें यह है कि इसमें कहीं जाने की जरूरत नहीं है, स्मार्ट फोन में ऐप के माध्यम से सट्टा लगा सकते हैं. जिला पुलिस के लिए इसे रोकना चुनौती पूर्ण है.

वहीं, अध्यपाक नाथुन राय का मानना है कि वर्तमान की नई पीढ़ी जल्द-से-जल्द आगे बढ़ना चाहती है, लेकिन मेहनत नहीं करना चाहती है. इसके कारण आधरभूत जानकारी पूरी नहीं हो पाती है, जिससे बाद के समय में परेशान होना पड़ता है. दूसरों के प्रतिस्पर्धा में आज के युवा, सट्टा खेलने लगे हैं.

बहरहाल वर्तमान की नई पीढ़ी आसमान छूने के लिए मेहनतकश नहीं बनना चाहती है. कम समय में गलत रास्तों से बुलंदी तक पहुंचना चाहती है, जिसमें सिर्फ धोखा मिलता है.

जमशेदपुर: मैच पर सट्टा लगा कर लाखों कमाने के चक्कर में जिले के युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है. सट्टा बाजार का ट्रेंड तेजी से बदल रहा है. क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी और अन्य खेल को लेकर सट्टा बाजार में बोली लगती है. राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले कार्यक्रम में हार-जीत को लेकर भी सबसे अधिक जुआ सट्टा का बाजार गर्म रहता है.

देखें पूरी खबर

29 अगस्त 2018 टेल्को थाना क्षेत्र के गरुड़ बासा में संदीप नाम के युवक ने क्रिकेट में सट्टा लगाया था. इस कारण घर से 300 मीटर की दूरी पर पेड़ पर फंदा के सहारे आत्महत्या कर लिया. संदीप ने एक मैच पर 80,000 रुपए दांव लगाया था. टीम हार गई थी और उसके रुपए डूब गए. इसी कारण उसने फांसी लगाकर जान दे दी.

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24 अक्टूबर 2014 साकची थाना अंतर्गत गरम नाला के शंभू सिंह ने घर में पंखा के सहारे लटक कर आत्महत्या कर ली थी. मृतक चालक का काम करता था. 15 जुलाई 2015 को नितिन खेरवाल ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. वो मैच में सट्टा लगा रहा था और लगातार मैच में हार होने की वजह से वो कर्जदार हो गया था. इस तनाव में उसने आत्महत्या कर ली थी. इस घटना के बाद साकची थाना पुलिस ने कई जगह छापेमारी कर सट्टेबाजों का खुलासा किया था.

आज कल के युवा लालच में आकर शॉर्ट-टर्म का रास्ता अपनाते हैं. जिला पुलिस लगातार इन मामलों पर केस दर्ज करवाती है. कुछ दिनों पूर्व साकची थाना अंतर्गत आईपीएल सट्टे को लेकर कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

सिटी एसपी प्रभात कुमार ने कहा कि जो युवा सट्टा खेलते हैं, सबसे बड़ी बात इसमें यह है कि इसमें कहीं जाने की जरूरत नहीं है, स्मार्ट फोन में ऐप के माध्यम से सट्टा लगा सकते हैं. जिला पुलिस के लिए इसे रोकना चुनौती पूर्ण है.

वहीं, अध्यपाक नाथुन राय का मानना है कि वर्तमान की नई पीढ़ी जल्द-से-जल्द आगे बढ़ना चाहती है, लेकिन मेहनत नहीं करना चाहती है. इसके कारण आधरभूत जानकारी पूरी नहीं हो पाती है, जिससे बाद के समय में परेशान होना पड़ता है. दूसरों के प्रतिस्पर्धा में आज के युवा, सट्टा खेलने लगे हैं.

बहरहाल वर्तमान की नई पीढ़ी आसमान छूने के लिए मेहनतकश नहीं बनना चाहती है. कम समय में गलत रास्तों से बुलंदी तक पहुंचना चाहती है, जिसमें सिर्फ धोखा मिलता है.

Intro:एंकर--मैच पर सट्टा लगा कर लाखों कमाने के चक्कर में जिले के युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है। सट्टा बाजार का ट्रेंड तेजी से बदल रहा है। क्रिकेट फुटबॉल हॉकी व अन्य खेल को लेकर सट्टा बाजार में बोली लगती है। राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले कार्यक्रम में हार-जीत को लेकर भी सबसे अधिक जुआ सट्टा का बाजार गर्म रहता है।एक रिपोर्ट


Body:वीओ1-- 29 अगस्त 2018 टेल्को थाना क्षेत्र के गरुड़ बासा में संदीप नाम के युवक नेक्रिकेट में सट्टा लगाने के कारण घर से 300 मीटर की दूरी पर पेड़ पर फंदा के सहारे लटक कर आत्महत्या कर लिया। संदीप ने एक मैच पर रुपए 80000 दांव लगाया था टीम हार गई थी और उसके रुपए डूब जाए उसने गमछा से फांसी लगाकर जान दे दिया।
24 अक्टूबर 2014 साकची थाना अंतर्गत गरम नाला के शंभू सिंह ने घर में पंखा के सहारे लटक कर आत्महत्या कर ली थी देर रात घरवालों ने उसे फंदे से लटका देखा था मृतक चालक का काम करता थ.
15 जुलाई 2015 को नितिन खेरवाल ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.वह मैच में सट्टा लगा रहा था और लगातार मैच में हार होने की वजह से इस कारण वह कर्जदार हो गया था । इस तनाव में उसने आत्महत्या कर ली थी इस घटना के बाद साकची थाना पुलिस ने कई जगह छापेमारी कर सट्टेबाजों का खुलासा किया था।आज कल के युवा लालच में आकर शॉर्ट-टर्म का रास्ता अपनाते हैं. जिला पुलिस लगातार इन मामलों पर केस दर्ज करवाती है।कुछ दिनों पूर्व साकची थाना अंतर्गत आईपीएल सट्टे को लेकर कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था।आजकल के युवा सट्टा खेलने के लिए आ रहे हैं सबसे बड़ी बात इसमें यह है इसमें कहीं जाने की जरूरत नहीं है स्मार्ट फोन में ऐप के माध्यम से लोग अपने घर में सट्टा खेल रहे हैं। जिला पुलिस के लिए इसे रोकना एक चुनौती पूर्वक है।शार्टकट रास्ते से कम पैसे लगाकर ज्यादा पैसे कमाना युवाओं को मुश्किल में डाल सकता है।
बाइट--प्रभात कुमार(सिटी एसपी जमशेदपुर)
वीओ2--वहीं एक आदर्श नागरिक का मानना है.वर्तमान के नई पीढ़ी जल्द-से जल्द आगे बढ़ना चाहती है.लेकिन मेहनत नहीं करना चाहती है.इसके कारण आधरभूत जानकारी पूरी नहीं हो पाती है जिससे बाद के समय में परेशान होना पड़ता है।दूसरों के प्रतिस्पर्धा में आज के युवा जुवा,सट्टा खेलने लगे हैं।
बाइट--नाथुन राय(सुपरिटेंडेंट ऑफ़ कोल्वेरी)एवं अध्यपाक


Conclusion:बहरहाल वर्तमान की नई पीढ़ी आसमान छूने के लिए मेहनतकश नहीं बनना चाहती है.बल्कि कम समय में गलत रास्तों से बुलंदी तक पहुंचना चाहती है.जिसमें सिर्फ धोखा मिलता है।
Last Updated : May 29, 2019, 10:15 AM IST
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