घाटशिला: कोरोना के तेजी से बढ़ते संक्रमण और रोजाना हो रही मौत ने लोगों के मन में डर सा पैदा कर दिया है. इसको लेकर घाटशिला अनुमंडल के घागराडीह के ग्रामीणों ने गांव के पास स्वर्ण रेखा तट पर शवों के अंतिम संस्कार पर रोक लगा दी है. ग्रामीणों ने नदी जाने वाली सड़क को बांस और अन्य सामग्री से घेर दिया है ताकि कोई भी शव को नदी किनारे नहीं ले जा सके. साथ ही यहां बांस के बैरियर पर बोर्ड लगा दिया है, जिस पर लिखा है कि घागराडीह के आदेश से नदी पर लाश जलाना मना है. ग्रामीणों की इस फरमान के बाद स्वर्णरेखा तट पर अंतिम संस्कार नहीं हो रहा है.
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रोक लगाने की बताई यह वजह
घाटशिला अनुमंडल के मुसाबनी प्रखंड स्थित तेरंगा पंचायत के स्वर्णरेखा तट किनारे स्थित घागराडीह गांव के ग्रामीण इन दिनों कोविड-19 संक्रमण के खतरे से डरे हुए हैं. घागराडीह के ग्रामीणों की मानें तो हाल ही में एक कोरोना संक्रमित के शव को स्वर्णरेखा तट पर अंतिम संस्कार के लिए लाया गया था. पीपीई किट पहन कर दो-चार लोगों ने शव के अंतिम संस्कार के लिए आग लगाई लेकिन उसके जले बगैर ही छोड़कर चले गए. शव पूरी तरह से नहीं जला. जिसके कारण कुत्ते नोंच कर खाने लगे थे. ग्रामीण के अनुसार स्वर्ण रेखा नदी किनारे घनी आबादी है. जहां बड़ी संख्या में लोग रहते हैं. शव का जिस स्थान पर अंतिम संस्कार किया जा रहा है, वह पिकनिक स्पॉट भी है और धार्मिक एवं सामाजिक अनुष्ठान भी यहीं पर होते हैं. ऐसे में कोरोना संक्रमित होकर मरने वाले शव के अंतिम संस्कार से गांव में संक्रमण फैलने का खतरा उत्पन्न हो सकता है. यही कारण है कि यहां सुरक्षा के दृष्टिकोण से शव के अंतिम संस्कार पर रोक लगा दी गई है.
दूसरे घाट पर हो रहा अंतिम संस्कार
हालांकि स्वर्णरेखा के दूसरी छोर यानी मऊभंडार से सटे तट पर शव का अंतिम संस्कार हो रहा है. लेकिन यहां अंतिम संस्कार की सही व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. स्वर्णरेखा तट पर शव का अंतिम संस्कार पर लगी रोक को लेकर प्रशासन चुप्पी साधे बैठा है. प्रशासनिक स्तर पर कोरोना से मौत के अंतिम संस्कार को लेकर कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण परेशानी और भी बढ़ती जा रही है.