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Suicide in Jharkhand: अलग-अलग जिलों में तीन लोगों ने मौत को लगाया गले, पारिवारिक विवाद में आत्महत्या

शनिवार को प्रदेश के तीन जिलों में तीन लोगों ने आत्महत्या कर ली. गुमला में एक शख्स ने अपनी पत्नी का कत्ल करने के बाद खुद दूसरे कमरे में जाकर फांसी लगा ली. दूसरी तरफ पारिवारिक विवाद में ही ​जमशेदपुर में एक फ्लैट की दसवीं मंजिल से कूदकर एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली. वहीं लोहरदगा में कर्ज के बोझ से परेशान एक युवक ने मौत को गले लगा लिया.

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पारिवारिक विवाद में आत्महत्या
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Published : Sep 4, 2021, 7:42 PM IST

गुमला/जमशेदपुर/लोहरदगाः मानसिक तनाव इंसान पर इस कदर हावी हो जाता है कि वो खुद की जान देने से भी नहीं हिचकिचाता है. प्रदेश में आत्महत्या को लेकर कई घटनाएं सामने आई हैं. शनिवार को तीन अलग-अलग जिलों में पारिवारिक विवाद में तीन लोगों ने अपनी जान दे दी.

इसे भी पढ़ें- 'मेरी मौत का जिम्मेदार डाक निरीक्षक पंकज कुमार है'... ऐसा लिखकर दिनेश ने लगा ली फांसी

पहला मामला प्रदेश की औद्योगिक राजधानी जमशेदपुर की है. शहर के बिरसानगर थाना क्षेत्र में दस मंजिला फ्लैट से कूदकर एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली. घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस घटनास्थल पहुंची. मृतक की पहचान की 40 वर्षीय अभिजीत मजूमदार के रूप में हुई है जो टेल्को थाना क्षेत्र में के-2 में 11 नंबर क्वार्टर में रहता था. पहुंची ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

मृतक के भाई अभिषेक मजूमदार विजया गार्डन फ्लैट के केदारनाथ नामक 74 नंबर ब्लॉक के चौथे तल्ले पर रहता है. अभिषेक ने बताया कि पारिवारिक विवाद के कारण उसके बड़े भाई की पत्नी फरवरी 2021 में अलग होकर रहने लगी थी. उन्होंने बताया कि दो माह पूर्व मां का देहांत हुआ था, उसके बाद से फोन पर ही बात होती थी. शनिवार को सुरक्षाकर्मियों से पता चला कि उसका भाई फ्लैट के नीचे मृत पड़ा है. इधर पुलिस फ्लैट में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है, जिसके आधार पर पता चला कि अभिजीत अकेला आया और फ्लैट में प्रवेश किया था.


लोहरदगा में कर्ज के बोझ तले दबे युवक ने लगाई फांसी
लोहरदगा में कर्ज के बोझ तले दबे एक और युवक ने फांसी लगाकर जान दे दी है. महज 24 घंटे के भीतर लोहरदगा जिला में कर्ज से परेशान आत्महत्या करने वाले लोगों की संख्या दो हो चुकी है. ये मामला जिला के कुड़ू थाना क्षेत्र का है. इस मामले में भी मृतक के पिता ने पुलिस को लिखित बयान दिया है कि उनका पुत्र फाइनेंस कंपनी का कर्ज लौटा नहीं पा रहा था. इस वजह से वह मानसिक परेशानी में उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. हालांकि पुलिस पूरे मामले पर जांच कर रही है.

इसे भी पढ़ें- कर्ज लेकर लौटा नहीं पा रहा था ऑटो चालक, फांसी लगाकर की आत्महत्या


बार-बार आ रहा था किश्त के लिए फोन
कुड़ू थाना क्षेत्र के सुकुमार गांव के रहने वाले रामसेवक साहू के 30 साल के पुत्र प्रवीण कुमार उर्फ टूटू ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. प्रवीण ने अपने घर से कुछ दूरी पर गुडगुड़िया पतरा नामक जगह में एक सखुआ के पेड़ की डाली में रस्सी के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या की है. प्रवीण मानसिक रूप से काफी ज्यादा परेशान था. उसने फाइनेंस कंपनी से एक पिकअप वाहन खरीदा था, जिसकी किश्त वह चुका नहीं पा रहा था. लॉकडाउन के दौरान वाहन का परिचालन नहीं होने से वह फाइनेंस कंपनी को किश्त नहीं दे पा रहा था. जिसकी वजह से बार-बार फाइनेंस कंपनी की ओर से उसे फोन किया जा रहा था.

पहले पत्नी को मारा, फिर खुद दे दी जान

गुमला के पालकोट ब्राह्मण मोहल्ला में आपसी विवाद के कारण पत्नी की हत्या कर पति ने खुद भी फांसी लगा ली. जानकारी के अनुसार पालकोट दक्षिणी पंचायत स्थित ब्राह्मण मोहल्ला निवासी 55 वर्षीय अभिजीत गौंतिया ने शुक्रवार देर रात में अपनी पत्नी मीरा गौंतिया उम्र 50 वर्ष की हत्या सिल बट्टे (मसाला पीसने वाले पत्थर के औजार) से मार कर हत्या कर दी. पत्नी की हत्या करने के बाद अभिजित गौंतिया ने घर का दरवाजा बाहर से ताला बंदकर बगल के घर में जाकर खुद भी घर की छत से रस्सी के सहारे फांसी लगाकर जान दे दिया.

सुचना मिलते ही बीडीओ विजय नाथ मिश्रा, बसिया सर्किल एसडीपीओ विकास आनंद लागुरी, थाना प्रभारी राहुल कुमार झा, एसआई रामनिवास शर्मा, हरिशंकर राय पुलिस बलों के साथ घटनास्थल पहुंचे. जिसके बाद पुलिस ने बीडीओ विजय नाथ मिश्रा की उपस्थिति में घर का दरवाजा खोला गया. जहां एक कमरे में रस्सी के सहारे अभिजीत गौंतिया का शव मिला. जबकि उसकी पत्नी मीरा गौंतिया बगल के घर में बेड पर खून से लथपथ शव मिला. पुलिस ने पति-पत्नी का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए गुमला भेज दिया है.

इसे भी पढ़ें- माता-पिता को रिटर्न गिफ्ट में मिली लाश! बर्थडे में ही बेटे ने कर ली आत्महत्या

पुलिस को मौके से मिला सुसाइड नोट
ग्रामीणों के अनुसार दंपती का कोई संतान नहीं था, इस वजह से पति-पत्नी में अक्सर झगड़े होते थे. हत्या और आत्महत्या के पीछे इसी पारिवारिक विवाद को वजह बताई जा रही है. पुलिस ने मीरा गौंतिया के शव के पास से अभिजित गौंतिया का लिखा एक सुसाइड नोट भी बरामद किया है. जिसमें में अभिजित गौंतिया ने लिखा है कि तुम्हारी दीदी की हत्या कर अपनी भी जान दे रहा हूं, मेरे मरने के बाद तुहारी दीदी अकेली हो जाती और उसके साथ अच्छा नहीं होता, मेरी पहचान एक पापी की तरह हो गई, मैं माफी के लायक नहीं हूं. मां की मौत के बाद मां मेरे ऊपर हावी हो गई. हमलोग उनका अंतिम संस्कार उचित ढंग से नहीं किए थे.

गुमला/जमशेदपुर/लोहरदगाः मानसिक तनाव इंसान पर इस कदर हावी हो जाता है कि वो खुद की जान देने से भी नहीं हिचकिचाता है. प्रदेश में आत्महत्या को लेकर कई घटनाएं सामने आई हैं. शनिवार को तीन अलग-अलग जिलों में पारिवारिक विवाद में तीन लोगों ने अपनी जान दे दी.

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पहला मामला प्रदेश की औद्योगिक राजधानी जमशेदपुर की है. शहर के बिरसानगर थाना क्षेत्र में दस मंजिला फ्लैट से कूदकर एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली. घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस घटनास्थल पहुंची. मृतक की पहचान की 40 वर्षीय अभिजीत मजूमदार के रूप में हुई है जो टेल्को थाना क्षेत्र में के-2 में 11 नंबर क्वार्टर में रहता था. पहुंची ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

मृतक के भाई अभिषेक मजूमदार विजया गार्डन फ्लैट के केदारनाथ नामक 74 नंबर ब्लॉक के चौथे तल्ले पर रहता है. अभिषेक ने बताया कि पारिवारिक विवाद के कारण उसके बड़े भाई की पत्नी फरवरी 2021 में अलग होकर रहने लगी थी. उन्होंने बताया कि दो माह पूर्व मां का देहांत हुआ था, उसके बाद से फोन पर ही बात होती थी. शनिवार को सुरक्षाकर्मियों से पता चला कि उसका भाई फ्लैट के नीचे मृत पड़ा है. इधर पुलिस फ्लैट में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है, जिसके आधार पर पता चला कि अभिजीत अकेला आया और फ्लैट में प्रवेश किया था.


लोहरदगा में कर्ज के बोझ तले दबे युवक ने लगाई फांसी
लोहरदगा में कर्ज के बोझ तले दबे एक और युवक ने फांसी लगाकर जान दे दी है. महज 24 घंटे के भीतर लोहरदगा जिला में कर्ज से परेशान आत्महत्या करने वाले लोगों की संख्या दो हो चुकी है. ये मामला जिला के कुड़ू थाना क्षेत्र का है. इस मामले में भी मृतक के पिता ने पुलिस को लिखित बयान दिया है कि उनका पुत्र फाइनेंस कंपनी का कर्ज लौटा नहीं पा रहा था. इस वजह से वह मानसिक परेशानी में उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. हालांकि पुलिस पूरे मामले पर जांच कर रही है.

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बार-बार आ रहा था किश्त के लिए फोन
कुड़ू थाना क्षेत्र के सुकुमार गांव के रहने वाले रामसेवक साहू के 30 साल के पुत्र प्रवीण कुमार उर्फ टूटू ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. प्रवीण ने अपने घर से कुछ दूरी पर गुडगुड़िया पतरा नामक जगह में एक सखुआ के पेड़ की डाली में रस्सी के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या की है. प्रवीण मानसिक रूप से काफी ज्यादा परेशान था. उसने फाइनेंस कंपनी से एक पिकअप वाहन खरीदा था, जिसकी किश्त वह चुका नहीं पा रहा था. लॉकडाउन के दौरान वाहन का परिचालन नहीं होने से वह फाइनेंस कंपनी को किश्त नहीं दे पा रहा था. जिसकी वजह से बार-बार फाइनेंस कंपनी की ओर से उसे फोन किया जा रहा था.

पहले पत्नी को मारा, फिर खुद दे दी जान

गुमला के पालकोट ब्राह्मण मोहल्ला में आपसी विवाद के कारण पत्नी की हत्या कर पति ने खुद भी फांसी लगा ली. जानकारी के अनुसार पालकोट दक्षिणी पंचायत स्थित ब्राह्मण मोहल्ला निवासी 55 वर्षीय अभिजीत गौंतिया ने शुक्रवार देर रात में अपनी पत्नी मीरा गौंतिया उम्र 50 वर्ष की हत्या सिल बट्टे (मसाला पीसने वाले पत्थर के औजार) से मार कर हत्या कर दी. पत्नी की हत्या करने के बाद अभिजित गौंतिया ने घर का दरवाजा बाहर से ताला बंदकर बगल के घर में जाकर खुद भी घर की छत से रस्सी के सहारे फांसी लगाकर जान दे दिया.

सुचना मिलते ही बीडीओ विजय नाथ मिश्रा, बसिया सर्किल एसडीपीओ विकास आनंद लागुरी, थाना प्रभारी राहुल कुमार झा, एसआई रामनिवास शर्मा, हरिशंकर राय पुलिस बलों के साथ घटनास्थल पहुंचे. जिसके बाद पुलिस ने बीडीओ विजय नाथ मिश्रा की उपस्थिति में घर का दरवाजा खोला गया. जहां एक कमरे में रस्सी के सहारे अभिजीत गौंतिया का शव मिला. जबकि उसकी पत्नी मीरा गौंतिया बगल के घर में बेड पर खून से लथपथ शव मिला. पुलिस ने पति-पत्नी का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए गुमला भेज दिया है.

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पुलिस को मौके से मिला सुसाइड नोट
ग्रामीणों के अनुसार दंपती का कोई संतान नहीं था, इस वजह से पति-पत्नी में अक्सर झगड़े होते थे. हत्या और आत्महत्या के पीछे इसी पारिवारिक विवाद को वजह बताई जा रही है. पुलिस ने मीरा गौंतिया के शव के पास से अभिजित गौंतिया का लिखा एक सुसाइड नोट भी बरामद किया है. जिसमें में अभिजित गौंतिया ने लिखा है कि तुम्हारी दीदी की हत्या कर अपनी भी जान दे रहा हूं, मेरे मरने के बाद तुहारी दीदी अकेली हो जाती और उसके साथ अच्छा नहीं होता, मेरी पहचान एक पापी की तरह हो गई, मैं माफी के लायक नहीं हूं. मां की मौत के बाद मां मेरे ऊपर हावी हो गई. हमलोग उनका अंतिम संस्कार उचित ढंग से नहीं किए थे.

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