जमशेदपुर: देश की सबसे बड़ी इस्पात निर्माता कंपनी टाटा स्टील अब रूस के कोयले से इस्पात निर्माण करेगी. इसके लिए ब्लास्ट फर्नेस में कोयले के नमूनों का परीक्षण शुरू कर दिया गया है. स्टील निर्माता कंपनी टाटा स्टील रूस के कोकिंग कोयले से इस्पात निर्माण करने की योजना बना रही है.
रूस से लाए गए कोयले के नमूनों का परीक्षण शुरू कर दिया गया है. परीक्षण के परिणाम प्रबंधन के अनुकूल आने पर रूस के कोकिंग कोयले की खपत जमशेदपुर और ओडिशा के प्लांट में भी होने लगेगी. टाटा स्टील के ग्लोबल सीईओ टीवी नरेंद्रन ने भारत सरकार के मंत्रालय में बताया है कि झारखंड के जमशेदपुर स्थित स्टील प्लांट में 1.1 करोड़ सालाना कोयले की खपत होती है.
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वहीं, ओडिशा के कलिंगनागर में सालाना 30 लाख टन कोयले की खपत होती है. टीवी नरेंद्रन ने बताया कि आने वाले समय में रूस को कोयले के स्रोत रूप में देखने की पहल का समर्थन करते हैं. इससे पूर्व इस्पात निर्माता कंपनी को ऑस्ट्रेलिया पर निर्भर होना पड़ता था. रूस से कोकिंग कोयले के आने से देश को फायदा मिलेगा. स्टील मंत्रालय के द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक भारत प्रति वर्ष 72 हजार करोड़ रुपए के कोयले का आयात करता है.