जमशेदपुरः बिहार में तिल संक्रांति के नाम से जाने जाने वाला प्रमुख त्यौहार मकर संक्रांति आने में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं. ऐसे में मकर पर्व मनाने को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. शहर के बाजार में भी खरीदारों की गहमागहमी बढ़ी है. सबसे ज्यादा उत्साह लोगों में इस पर्व का प्रमुख पकवान तिलकुट की खरीदारी को लेकर है और वह भी बिहार के गया से आए कारीगरों के बनाए जा रहे तिलकुट की डिमांड भी ज्यादा है. इस बार के मकर पर्व पर डायबिटीज मरीजों के लिए सुगर फ्री तिलकुट बाजार में उपलब्ध है.
इतिहास के पन्नों में बिहार के गया तिलकुट और बनारस के पेड़ा का कोई जोड़ नहीं है. ऐसे में मकर संक्रांति के गिनती के शेष दिन बचे हैं. ऐसे में कारीगरों द्वारा बनाई जा रही तिलकुट का स्वाद चखने को लेकर लौहनगरी के बाजारों में ग्राहकों की संख्या में खासा बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. यह कारीगर महीने भर मकर संक्रांति से पूर्व यहां के दुकानदारों से संवाद स्थापित कर कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर काम करते हैं. जिसके एवज में इन्हें अच्छी खासी मेहनताना मिल जाती है. ऐसे में डायबिटीज मरीजों के लिए कम चीनी वाला तिलकुट भी बाजार में उपलब्ध है.
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तिल, गुड़ और चीनी से बनी तिलकुट तिल से बने लड्डू बादाम, पट्टी, मोड़ ही लड्डू अन्य खाद्य सामग्रियों की खरीदारी करने को लोग बड़ी तादाद में दुकान में पहुंच रहे हैं. मकर संक्रांति पर्व के मान्यता के मुताबिक तिल का आहार अहम हो जाता है. ऐसे में तिलकुट की बिक्री और खरीदारी को लेकर जमशेदपुर के बाजारों में गया के कारीगरों द्वारा बनाई गई तिलकुट की मांग लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है. सुगर फ्री तिलकुट खाने वाले लोग इसकी खरीदारी ज्यादा से ज्यादा कर रहे हैं.