जमशेदपुर: टीएमएच के खिलाफ गुरुवार को झामुमो विधायकों का आक्रोश फूटा है. पोटका थाना क्षेत्र की एक महिला की तीन दिन पूर्व इलाज के दौरान टीएमएच में मौत हो गई थी. अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को 1 लाख, 39 हजार रुपए का बिल चुकाने के बाद ही शव देने की बात कही. जिसके बाद अस्पताल ने शव नहीं दिया.
शव नहीं दे रहा था अस्पताल
गुरुवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा के चारों विधायक टीएमएच प्रबंधन से बात करने पहुंचे. जहां अस्पताल के सिक्योरिटी गार्ड के साथ आधे घंटे तक जमकर हंगामा चला. बताया जा रहा है कि पूर्वी सिंहभूम जिले के डुमरिया प्रखंड निवासी लकिता महतो और जुगसलाई के बोड़ाम निवासी जानकी मुर्मू नाम की महिला की मौत के बाद शव नहीं दिए जाने के मामले पर सभी विधायक अस्पताल पहुंचे थे. डुमरिया प्रखंड निवासी लकिता महतो नाम की महिला को 7 सितंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जिसके बाद जांच रिपोर्ट में निमोनिया पाया गया और महिला का इलाज चल रहा था.
ये भी पढ़ें- बेटी का इलाज कराने आए पिता की पिटाई करने वाला ASI निलंबित, SP के आदेश पर कार्रवाई
विधायक पहुंचे अस्पताल
29 सितंबर को महिला की मौत हो गई और अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को 2.5 लाख रुपए का बिल थमा दिया. परिजन अब तक 1.39 लाख रुपए का भुगतान कर चुके थे. उसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन परिजनों को महिला का शव देने के लिए तीन दिनों तक दौड़ाते रहे. इसके अलावा जुगसलाई के बोड़ाम क्षेत्र की जानकी मुर्मू के परिजनों को भी शव देने में आनाकानी करने के मामले में गुरुवार को जेएमएम के घाटशिला विधायक रामदास सोरेन, पोटका विधायक संजीव सरदार, जुगसलाई विधायक मंगल कालिंदी और बहरागोड़ा विधायक समीर महंती दलबल के साथ टीएमएच पहुंचे और प्रबंधन से वार्ता कर शव को रिलीज करने की मांग की. जिस पर प्रबंधन ने सहमति जताते हुए शव रिलीज करने की बात कही.