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जमशेदपुर घाघीडीह सेंट्रल जेल से 13 कैदी हुए रिहा, कहा- अब बाकी की जिंदगी परिवार के साथ गुजारेंगे

जमशेदपुर घाघीडीह सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 13 कैदियों को शपथ दिलाकर रिहा किया गया. घाघीडीह सेंट्रल जेल अधीक्षक ने बताया कि सीएम के नेतृत्व में राज्य सजा पुनरीक्षण परिषद की बैठक में लिए गए निर्णय के बाद इन कैदियों को रिहा किया गया.

release of prisoners from Jamshedpur Ghaghidih Central Jail
रिहा कैदी
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Published : Jan 23, 2020, 11:18 PM IST

जमशेदपुरः घाघीडीह स्थित सेंट्रल जेल में सजा काट रहे कैदियों में 13 आजीवन सजा काटने वाले कैदियों को रिहा किया गया. जेल प्रबंधन ने कैदियों को शपथ दिला कर उन्हें फूल माला पहनाकर जेल से रिहा किया. साथ ही प्रबंधन ने देश के महापुरुषों और स्वतंत्रता सेनानियों की जीवनी पर आधारित पुस्तक और मिठाई भी दिया.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-BJP ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन, चाईबासा में मारे गए लोगों के परिवार वालों को नौकरी सहित दस लाख देने की मांग

गौरतलब है कि 2019 के अक्टूबर माह में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सजा पुनरीक्षण परिषद की बैठक में झारखंड के सभी जिलों में आजीवन सजा काटने वाले कैदियों की रिहाई की अनुशंसा पर लिए गए निर्णय के आधार पर आजीवन सजा काटने वाले कैदियों को उनके कार्य शैली और आचरण को देखते हुए रिहा किया गया है.

बता दें कि घाघीडीह सेंट्रल जेल से 14 कैदियों को रिहा करने का प्रस्ताव पारित हुआ, जिसमें 13 कैदियों को देर शाम प्रक्रिया पूरी होने के बाद रिहा किया गया. वहीं, तकनीकी कारणों के कारण एक कैदी की रिहाई नहीं हो पाई जिसे जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा. सभी कैदी हत्या के आरोप में सजा काट रहे थे जिनमें बिहार और ओडिशा के भी रहने वाले हैं.

जेल परिसर में घाघीडीह सेंट्रल जेल अधीक्षक ने कैदियों को सत्य की राह पर चलने और हिंसा से दूर रहकर समाज में परिवार के साथ सामाजिक जीवन गुजारने की शपथ दिलाई. अधीक्षक सत्येंद्र चौधरी ने बताया कि सभी कैदियों को शपथ दिलाकर लिखित शपथ भी लिया गया है. उन्होंने कहा कि कैदियों के किये गए काम का पैसा बैंक अकाउंट में डाला गया है और सजा के दौरान जो प्रशिक्षण दिया गया है उससे वो स्वरोजगार कर सकेंगे.

इधर रिहाई के बाद जेल से बाहर निकलते ही कैदियों के परिवार वालों के चेहरे पर खुशी दिखी सभी गले मिलकर मीठा खिलाकर उनका स्वागत किया. हत्या के मामले में सजा काट रहे गोपाल मछुआ 17 साल बाद रिहाई होने पर कहा कि बाकी का समय अब परिवार के साथ ईमानदारी से काम करके गुजारेंगे.

रिहा होने वाले कैदियों के नाम

  • लक्ष्मी कांत महतो चाईबासा
  • गोपाल मछुआ भुइयांडीह जमशेदपुर
  • प्रेम सुरीन चाईबासा
  • दाऊद उर्फ डेनियल टोप्पो मानगो जमशेदपुर
  • लेढा कैवर्त गम्हरिया सरायकेला जिला
  • बाले मुर्मू मुसाबनी
  • ओम प्रकाश महतो मयूरभंज ओडिशा
  • चमरा लागूरी चाईबासा
  • टिंकू राम उर्फ बिल्ली चाईबासा
  • कपिल यादव बेगूसराय बिहार
  • यशपाल सुंडी चाईबासा
  • सुशील सरदार गोलमुरी जमशेदपुर
  • भुवन सिंह पटमदा
  • अंतू पूर्ति चाईबासा

जमशेदपुरः घाघीडीह स्थित सेंट्रल जेल में सजा काट रहे कैदियों में 13 आजीवन सजा काटने वाले कैदियों को रिहा किया गया. जेल प्रबंधन ने कैदियों को शपथ दिला कर उन्हें फूल माला पहनाकर जेल से रिहा किया. साथ ही प्रबंधन ने देश के महापुरुषों और स्वतंत्रता सेनानियों की जीवनी पर आधारित पुस्तक और मिठाई भी दिया.

देखें पूरी खबर

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गौरतलब है कि 2019 के अक्टूबर माह में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सजा पुनरीक्षण परिषद की बैठक में झारखंड के सभी जिलों में आजीवन सजा काटने वाले कैदियों की रिहाई की अनुशंसा पर लिए गए निर्णय के आधार पर आजीवन सजा काटने वाले कैदियों को उनके कार्य शैली और आचरण को देखते हुए रिहा किया गया है.

बता दें कि घाघीडीह सेंट्रल जेल से 14 कैदियों को रिहा करने का प्रस्ताव पारित हुआ, जिसमें 13 कैदियों को देर शाम प्रक्रिया पूरी होने के बाद रिहा किया गया. वहीं, तकनीकी कारणों के कारण एक कैदी की रिहाई नहीं हो पाई जिसे जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा. सभी कैदी हत्या के आरोप में सजा काट रहे थे जिनमें बिहार और ओडिशा के भी रहने वाले हैं.

जेल परिसर में घाघीडीह सेंट्रल जेल अधीक्षक ने कैदियों को सत्य की राह पर चलने और हिंसा से दूर रहकर समाज में परिवार के साथ सामाजिक जीवन गुजारने की शपथ दिलाई. अधीक्षक सत्येंद्र चौधरी ने बताया कि सभी कैदियों को शपथ दिलाकर लिखित शपथ भी लिया गया है. उन्होंने कहा कि कैदियों के किये गए काम का पैसा बैंक अकाउंट में डाला गया है और सजा के दौरान जो प्रशिक्षण दिया गया है उससे वो स्वरोजगार कर सकेंगे.

इधर रिहाई के बाद जेल से बाहर निकलते ही कैदियों के परिवार वालों के चेहरे पर खुशी दिखी सभी गले मिलकर मीठा खिलाकर उनका स्वागत किया. हत्या के मामले में सजा काट रहे गोपाल मछुआ 17 साल बाद रिहाई होने पर कहा कि बाकी का समय अब परिवार के साथ ईमानदारी से काम करके गुजारेंगे.

रिहा होने वाले कैदियों के नाम

  • लक्ष्मी कांत महतो चाईबासा
  • गोपाल मछुआ भुइयांडीह जमशेदपुर
  • प्रेम सुरीन चाईबासा
  • दाऊद उर्फ डेनियल टोप्पो मानगो जमशेदपुर
  • लेढा कैवर्त गम्हरिया सरायकेला जिला
  • बाले मुर्मू मुसाबनी
  • ओम प्रकाश महतो मयूरभंज ओडिशा
  • चमरा लागूरी चाईबासा
  • टिंकू राम उर्फ बिल्ली चाईबासा
  • कपिल यादव बेगूसराय बिहार
  • यशपाल सुंडी चाईबासा
  • सुशील सरदार गोलमुरी जमशेदपुर
  • भुवन सिंह पटमदा
  • अंतू पूर्ति चाईबासा
Intro:जमशेदपुर।


ज़िला के जमशेदपुर में घाघीडीह सेंट्रल जेल से अवजीवन कारावास की सज़ा काट रहे 13 कैदियों को शपथ दिलाकर रिहा किया गया है।घाघीडीह सेंट्रल जेल अधीक्षक ने बताया है कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सज़ा पुनरीक्षण परिषद की बैठक में लिए गए निर्णय के बाद इन कैदियों को रिहा किया गया है सज़ा के दौरान कैदियों द्वारा किये गए काम के पैसे उनके बैंक अकाउंट में दिया गया है और दिए गए प्रशिक्षण से वे स्वरोजगार कर सकेंगे।वहीं रिहा होने वाले कैदियों ने कहा है कि बाकी की ज़िंदगी अब परिवार के साथ गुजारेंगे।


Body:जमशेदपुर के घाघीडीहस्थित सेंट्रल जेल से सजा काट रहे कैदियों में 13 आजीवन सजा काटने वाले कैदियों को रिहा किया गया है। जेल प्रबंधन द्वारा कैदियों को शपथ दिला कर उन्हें फूल माला पहनाकर जेल से रिहा किया गया साथ ही प्रबंधन द्वारा देश के महापुरुषों और स्वतंत्रता सेनानियों की जीवनी पर आधारित पुस्तकों और मिठाई भी दिया गया है।
गौरतलब है कि 2019 के अक्टूबर माह में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सजा पुननिरीक्षण परिषद की बैठक में झारखंड के सभी जिलों में आजीवन सजा काटने वाले कैदियों की रिहाई की अनुशंसा पर लिए गए निर्णय के आधार पर आजीवन सजा काटने वाले कैदियों को उनके कार्य शैली और आचरण को देखते हुए रिहा किया गया है।
जिसके तहत घाघीडीह सेंट्रल जेल से 14 कैदियों को रिहा करने का प्रस्ताव पारित हुआ ।जिसमें 13 कैदियों को देर शाम प्रक्रिया पूरी होने के बाद रिहा किया गया है।तकनीकी कारणों के कारण एक कैदी की रिहाई नही हो पाई है जिसे जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा।सभी कैदी हत्या के आरोप में सज़ा काट रहे थे।जिनमें बिहार और ओडिसा के भी रहने वाले है।
रिहाई होने वाले कैदियों के परिजन जेल के बाहर खड़े उ का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे।
जेल के मुख्य द्वार से रिहा होने वाले कैदी अपना सामान लेकर बाहर निकले।
जेल परिसर में घाघीडीह सेन्ट्रल जेल अधीक्षक ने कैदियों को सत्य की राह पर चलने और हिंसा से दूर रहकर समाज मे परिवार के साथ सामाजिक जीवन गुजारने की शपथ दिलाई ।
घाघीडीह सेंट्रल जेल के अधीक्षक सत्येंद्र चौधरी ने बताया है कि सभी कैदियों को शपथ दिलाकर लिखित शपथ भी लिया गया है इनके द्वारा किये गए काम का पैसा बैंक अकाउंट में डाला गया है और सज़ा के दौरान जो प्रशिक्षण दिया गया है उससे वो स्वरोजगार कर सकेंगे।
बाईट सत्येंद्र चौधरी जेल अधीक्षक घाघीडीह सेंट्रल जेल


Conclusion:इधर रिहाई के बाद जेल से बाहर निकलते ही कैदियों के परिवार वालों के चेहरे पर खुशी दिखी सभी गले मिलकर मीठा खिलाकर उनका स्वागत किया ।
हत्या में मामले में सज़ा काट रहे गोपाल मछुआ 17 साल बाद रिहाई होने पर कहा है कि बाकी का समय अब परिवार के साथ ईमानदारी से काम करके गुजारेंगे ।
बाईट गोपाल मछुआ रिहा होने वाला कैदी

रिहा होने वाले कैदी में
लक्ष्मी कांत महतो चाईबासा
गोपाल मछुआ भुइयांडीह जमशेदपुर
प्रेम सुरीन चाईबासा
दाऊद उर्फ डेनियल टोप्पो मानगो जमशेदपुर
लेढा कैवर्त गम्हरिया सरायकेला जिला
बाले मुर्मू मुसाबनी
ओम प्रकाश महतो मयूरभंज ओडिशा
चमरा लागूरी चाईबासा
टिंकू राम उर्फ बिल्ली चाईबासा
कपिल यादव बेगूसराय बिहार
यशपाल सुंडी चाईबासा
सुशील सरदार गोलमुरी जमशेदपुर
भुवन सिंह पटमदा
अंतू पूर्ति चाईबासा
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