जमशेदपुर: झारखंड में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव से पूर्व दल-बदल की राजनीति को आम जनता ने स्वार्थ की राजनीति बताया है. आम जनता का कहना है कि विचारधारा को बदलने वाले जनप्रतिनिधि जनता से धोखा करते हैं, जनता ने यह मांग की है कि चुनाव आयोग को चुनाव से पूर्व स्थापित जनप्रतिनिधियों का दल-बदल करने पर उन पर कार्रवाई करे.
नहीं हो सकता स्वस्थ्य लोकतंत्र का निर्माण
झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले दल-बदल की राजनीति जोरो पर है. पांच साल तक जनता के बीच जनप्रतिनिधि बनकर रहने वाले जनप्रतिनिधि दल बदलने में लग गए हैं. राष्ट्रीय और क्षेत्रिय दोनों ही पार्टी के नेता आये दिन दूसरे दल में शामिल हो रहे हैं. ऐसे में आम जनता की निगाहें भी अपने जनप्रतिनिधि पर टिकी हुई है. जमशेदपुर में आम जनता ने अपनी प्रतिक्रिया देते कहा कि ऐसे में स्वस्थ्य लोकतंत्र का निर्माण नहीं हो सकता है. लोकतंत्र पर खतरा है नेता अपने स्वार्थ के लिए जनता को धोखा देते हैं.
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दल-बदल करने पर हो कार्रवाई
प्रबुद्ध नागरिकों ने कहा कि चुनाव से पहले दल-बदल का समाज पर खराब असर पड़ेगा. बल्कि आप जहां हैं वहीं से संघर्ष करना चाहिए. नेताओं का चुनाव से पूर्व अपनी विचारधारा को त्याग दूसरे दल में शामिल होना व्यक्तिगत लाभ है. ऐसे में प्रजातंत्र संकट में रहता है चुनाव से पहले जनप्रतिनिधि के दल-बदल करने पर कार्रवाई करनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि के जिस विचारधारा को देखकर जनता वोट देती है, वो जब समय पर पाला बदल ले तो ये जनता के साथ धोखा है. जो टिकट के लालच में दूसरे दलों में शामिल हो रहे हैं उनका कोई सिद्धांत नहीं हैं.