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चुनाव से पहले दल-बदल पर आम लोगों की राय, कहा- जनता के साथ होता है धोखा

बुधवार को विपक्ष के पांच विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया. इसके बाद से राजनीतिक दलों के साथ-साथ आम लोगों की भी प्रतिक्रिया देखने को मिली. जमशेदपुर के लोगों ने इसे स्वार्थ की राजनीति बताया और वैसे लोगों पर कार्रवाई की मांग की.

बीजेपी में शामिल नेताओं की तस्वीर
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Published : Oct 24, 2019, 10:31 AM IST

जमशेदपुर: झारखंड में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव से पूर्व दल-बदल की राजनीति को आम जनता ने स्वार्थ की राजनीति बताया है. आम जनता का कहना है कि विचारधारा को बदलने वाले जनप्रतिनिधि जनता से धोखा करते हैं, जनता ने यह मांग की है कि चुनाव आयोग को चुनाव से पूर्व स्थापित जनप्रतिनिधियों का दल-बदल करने पर उन पर कार्रवाई करे.

लोगों की प्रतिक्रिया

नहीं हो सकता स्वस्थ्य लोकतंत्र का निर्माण
झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले दल-बदल की राजनीति जोरो पर है. पांच साल तक जनता के बीच जनप्रतिनिधि बनकर रहने वाले जनप्रतिनिधि दल बदलने में लग गए हैं. राष्ट्रीय और क्षेत्रिय दोनों ही पार्टी के नेता आये दिन दूसरे दल में शामिल हो रहे हैं. ऐसे में आम जनता की निगाहें भी अपने जनप्रतिनिधि पर टिकी हुई है. जमशेदपुर में आम जनता ने अपनी प्रतिक्रिया देते कहा कि ऐसे में स्वस्थ्य लोकतंत्र का निर्माण नहीं हो सकता है. लोकतंत्र पर खतरा है नेता अपने स्वार्थ के लिए जनता को धोखा देते हैं.

ये भी पढ़ें- BJP में वही लोग जा रहे हैं जिन्हें डर है, अब लोगों को भी स्वच्छ बना रही उनकी पार्टी

दल-बदल करने पर हो कार्रवाई
प्रबुद्ध नागरिकों ने कहा कि चुनाव से पहले दल-बदल का समाज पर खराब असर पड़ेगा. बल्कि आप जहां हैं वहीं से संघर्ष करना चाहिए. नेताओं का चुनाव से पूर्व अपनी विचारधारा को त्याग दूसरे दल में शामिल होना व्यक्तिगत लाभ है. ऐसे में प्रजातंत्र संकट में रहता है चुनाव से पहले जनप्रतिनिधि के दल-बदल करने पर कार्रवाई करनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि के जिस विचारधारा को देखकर जनता वोट देती है, वो जब समय पर पाला बदल ले तो ये जनता के साथ धोखा है. जो टिकट के लालच में दूसरे दलों में शामिल हो रहे हैं उनका कोई सिद्धांत नहीं हैं.

जमशेदपुर: झारखंड में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव से पूर्व दल-बदल की राजनीति को आम जनता ने स्वार्थ की राजनीति बताया है. आम जनता का कहना है कि विचारधारा को बदलने वाले जनप्रतिनिधि जनता से धोखा करते हैं, जनता ने यह मांग की है कि चुनाव आयोग को चुनाव से पूर्व स्थापित जनप्रतिनिधियों का दल-बदल करने पर उन पर कार्रवाई करे.

लोगों की प्रतिक्रिया

नहीं हो सकता स्वस्थ्य लोकतंत्र का निर्माण
झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले दल-बदल की राजनीति जोरो पर है. पांच साल तक जनता के बीच जनप्रतिनिधि बनकर रहने वाले जनप्रतिनिधि दल बदलने में लग गए हैं. राष्ट्रीय और क्षेत्रिय दोनों ही पार्टी के नेता आये दिन दूसरे दल में शामिल हो रहे हैं. ऐसे में आम जनता की निगाहें भी अपने जनप्रतिनिधि पर टिकी हुई है. जमशेदपुर में आम जनता ने अपनी प्रतिक्रिया देते कहा कि ऐसे में स्वस्थ्य लोकतंत्र का निर्माण नहीं हो सकता है. लोकतंत्र पर खतरा है नेता अपने स्वार्थ के लिए जनता को धोखा देते हैं.

ये भी पढ़ें- BJP में वही लोग जा रहे हैं जिन्हें डर है, अब लोगों को भी स्वच्छ बना रही उनकी पार्टी

दल-बदल करने पर हो कार्रवाई
प्रबुद्ध नागरिकों ने कहा कि चुनाव से पहले दल-बदल का समाज पर खराब असर पड़ेगा. बल्कि आप जहां हैं वहीं से संघर्ष करना चाहिए. नेताओं का चुनाव से पूर्व अपनी विचारधारा को त्याग दूसरे दल में शामिल होना व्यक्तिगत लाभ है. ऐसे में प्रजातंत्र संकट में रहता है चुनाव से पहले जनप्रतिनिधि के दल-बदल करने पर कार्रवाई करनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि के जिस विचारधारा को देखकर जनता वोट देती है, वो जब समय पर पाला बदल ले तो ये जनता के साथ धोखा है. जो टिकट के लालच में दूसरे दलों में शामिल हो रहे हैं उनका कोई सिद्धांत नहीं हैं.

Intro:जमशेदपुर।

झारखंड में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव से पूर्व दल बदल की राजनीति को आम जनता ने स्वार्थ की राजनीति बताया है। आम जनता का कहना है कि विचारधारा को बदलने वाले जनप्रतिनिधि जनता से धोखा करते हैं जनता ने यह मांग की है कि चुनाव आयोग को चुनाव से पूर्व स्थापित जनप्रतिनिधियों का दल बदल करने पर उन पर कार्रवाई करने की जरूरत है।


Body:झारखंड में आगामी विधान सभा चुनाव से पूर्व दल बदल की राजनीति जोरो पर है।पांच साल तक जनता के बीच जनप्रतिनिधि बनकर रहने वाले जनप्रतिनिधि दल बदलने में लग गए है ।
दल बदल की राजनीति में राष्ट्रीय और क्षेत्रिय दोनों ही पार्टी के नेता आये दिन दूसरे दल में शामिल हो रहे है ।
ऐसे में आम जनता की निगाहें भी अपने जनप्रतिनिधि पर टिकी हुई है।
जमशेदपुर में आम जनता ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे कहा है कि ऐसे में स्वस्थ्य लोकतंत्र नही बन सकता है लोकतंत्र पर खतरा है नेता अपने स्वार्थ के लिए जनता को धोखा देते है ।
प्रबुद्ध नागरिकों ने कहा है कि
चुनाव से पहले दल बदल का समाज पर खराब असर पड़ेगा आप जहां है वहीं संघर्ष करे।
बाईट महेंद्र सिन्हा आम नागरिक

नेताओं का चुनाव से पूर्व अपनी विचारधारा को त्याग दूसरे दल में शामिल होना व्यक्तिगत लाभ है ऐसे में प्रजातंत्र संकट में रहता है चुनाव से पूर्व स्थापित जनप्रतिनिधि के दल बदल होने से उनपर कार्रवाई करनी चाहिए।
बाईट अरविंद सिंह आम नागरिक

जनप्रतिनिधि के जिस विचारधारा को देख जनता वोट देती है और समय पर वो बदल जाये तो जनता के साथ धोखा है।
बाईट देबाशीष आम नागरिक

जोगेंद्र सिंह ने कहा है कि चुनाव से पहले पाला बदलना फैशन बन गया है ऐसे जनप्रतिनिधि को जनता से कोई लेना देना नही रहता है
बाईट जोगेंद्र सिंह आम नागरिक

अभय किशोर का कहना है टिकट के लालच में जनप्रतिनिधि दूसरे दल में शामिल होते है उनका कोई सिद्धान्त नही होता है।
बाईट अभय किशोर।

वहीं शशिभूषण शर्मा का कहना है ऐसे लोग देश सेवा के लिए मेवा खाने के होते है उन्हें जनता से कोई सरोकार नही होता है ।बाईट शशिभूषण शर्मा आम नागरिक





Conclusion:बहरहाल दल बदलने से आम जनता का अपने जनप्रतिनिधियों पर कितना भरोसा है चुनाव परिणाम ही बताएगा।
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