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जमशेदपुरः श्रम कानून में संशोधन का विरोध, सड़कों पर उतरे यूनियन नेता

जमशेदपुर के साकची गोलचक्कर के पास ट्रेड यूनियन नेताओं ने केंद्र सरकार की ओर से श्रम कानून में संशोधन किए जाने के खिलाफ विरोध प्रकट किया. नेताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया है. ट्रेड यूनियन नेताओं ने कहा कि श्रम कानून में संशोधन कर मजदूरों का शोषण होगा.

Union leaders on the road against amendment in labor law in Jamshedpur,श्रम कानून में संशोधन के खिलाफ सड़क पर उतरे यूनियन नेता
प्रदर्शन करते नेता
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Published : Sep 23, 2020, 8:20 PM IST

जमशेदपुरः लौहनगरी में ट्रेड यूनियन के नेताओं ने केंद्र सरकार की ओर से श्रम कानून में संशोधन किए जाने के खिलाफ अपना विरोध प्रकट किया है. ट्रेड यूनियन के नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार निजीकरण कर मजदूरों के हक और अधिकार अंकुश लगाना चाह रही है. मजदूर विरोधी इस सरकार की ओर से श्रम कानून का संशोधन कर पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाया जा रहा है.

देखें पूरी खबर

और पढ़ें- बेरमो उपचुनाव में कांग्रेस से हो सकते हैं अनूप सिंह उम्मीदवार, नाम पर आलाकमान का फैसला होगा अंतिम

उग्र आंदोलन की चेतावनी

साकची गोल चक्कर के पास ट्रेड यूनियन नेताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया है. ट्रेड यूनियन नेताओं का कहना है कि सरकार श्रम कानून में संशोधन कर मजदूरों का शोषण करना चाह रही है जिसका वे विरोध करते हैं. देश के सभी ट्रेड यूनियन की ओर से श्रम कानून में संशोधन किए जाने का विरोध देशव्यापी स्तर पर किया गया है.

मजदूर नेता व इंटक के प्रदेश अध्यक्ष राकेश्वर पांडे ने बताया कि वर्तमान में केंद्र सरकार निजीकरण का रास्ता अपना रही है, जो मजदूर विरोधी है. सरकार के इस फैसले से पूंजीपतियों को लाभ मिलेगा जबकि मजदूर वर्ग पूरी तरह से शोषित होगा. उन्होंने बताया है कि इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी संजीवा रेड्डी के आह्वान पर पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत देशभर में ट्रेड यूनियन केंद्र सरकार के श्रम कानून में संशोधन का विरोध कर रही है. सरकार अगर फैसला नहीं बदलती है, तो आने वाले दिनों में और उग्र आंदोलन किया जाएगा.

जमशेदपुरः लौहनगरी में ट्रेड यूनियन के नेताओं ने केंद्र सरकार की ओर से श्रम कानून में संशोधन किए जाने के खिलाफ अपना विरोध प्रकट किया है. ट्रेड यूनियन के नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार निजीकरण कर मजदूरों के हक और अधिकार अंकुश लगाना चाह रही है. मजदूर विरोधी इस सरकार की ओर से श्रम कानून का संशोधन कर पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाया जा रहा है.

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उग्र आंदोलन की चेतावनी

साकची गोल चक्कर के पास ट्रेड यूनियन नेताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया है. ट्रेड यूनियन नेताओं का कहना है कि सरकार श्रम कानून में संशोधन कर मजदूरों का शोषण करना चाह रही है जिसका वे विरोध करते हैं. देश के सभी ट्रेड यूनियन की ओर से श्रम कानून में संशोधन किए जाने का विरोध देशव्यापी स्तर पर किया गया है.

मजदूर नेता व इंटक के प्रदेश अध्यक्ष राकेश्वर पांडे ने बताया कि वर्तमान में केंद्र सरकार निजीकरण का रास्ता अपना रही है, जो मजदूर विरोधी है. सरकार के इस फैसले से पूंजीपतियों को लाभ मिलेगा जबकि मजदूर वर्ग पूरी तरह से शोषित होगा. उन्होंने बताया है कि इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी संजीवा रेड्डी के आह्वान पर पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत देशभर में ट्रेड यूनियन केंद्र सरकार के श्रम कानून में संशोधन का विरोध कर रही है. सरकार अगर फैसला नहीं बदलती है, तो आने वाले दिनों में और उग्र आंदोलन किया जाएगा.

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