जमशेदपुरः लौहनगरी में ट्रेड यूनियन के नेताओं ने केंद्र सरकार की ओर से श्रम कानून में संशोधन किए जाने के खिलाफ अपना विरोध प्रकट किया है. ट्रेड यूनियन के नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार निजीकरण कर मजदूरों के हक और अधिकार अंकुश लगाना चाह रही है. मजदूर विरोधी इस सरकार की ओर से श्रम कानून का संशोधन कर पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाया जा रहा है.
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उग्र आंदोलन की चेतावनी
साकची गोल चक्कर के पास ट्रेड यूनियन नेताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया है. ट्रेड यूनियन नेताओं का कहना है कि सरकार श्रम कानून में संशोधन कर मजदूरों का शोषण करना चाह रही है जिसका वे विरोध करते हैं. देश के सभी ट्रेड यूनियन की ओर से श्रम कानून में संशोधन किए जाने का विरोध देशव्यापी स्तर पर किया गया है.
मजदूर नेता व इंटक के प्रदेश अध्यक्ष राकेश्वर पांडे ने बताया कि वर्तमान में केंद्र सरकार निजीकरण का रास्ता अपना रही है, जो मजदूर विरोधी है. सरकार के इस फैसले से पूंजीपतियों को लाभ मिलेगा जबकि मजदूर वर्ग पूरी तरह से शोषित होगा. उन्होंने बताया है कि इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी संजीवा रेड्डी के आह्वान पर पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत देशभर में ट्रेड यूनियन केंद्र सरकार के श्रम कानून में संशोधन का विरोध कर रही है. सरकार अगर फैसला नहीं बदलती है, तो आने वाले दिनों में और उग्र आंदोलन किया जाएगा.