जमशेदपुर: साउथ ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन के द्वारा केंद्र सरकार कि श्रम विरोधी नीति के खिलाफ और रेलवे की निजीकरण किए जाने के खिलाफ मशाल जुलूस निकाला गया. मशाल जुलूस में शामिल यूनियन के नेताओं ने कहा है कि रेल की संपत्ति राष्ट्रीय संपत्ति है, जिसका निजीकरण करना देश हित में नहीं है. सरकार अगर फैसला वापस नहीं लेती है तो आनेवाले दिनों में उग्र आंदोलन किया जाएगा.
जमशेदपुर में साउथ ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन के बैनर तले सैकड़ों रेल कर्मचारियों ने रेलवे के निजीकरण के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ मशाल जुलूस निकाला है. मशाल जुलूस रेलवे कॉलोनी से होता हुआ टाटानगर रेलवे स्टेशन चौक पहुंचा, जहां सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. मशाल जुलूस में शामिल यूनियन के नेताओं ने बताया है कि केंद्र सरकार श्रम विरोधी कानून लाकर मजदूर विरोधी काम करने जा रही है. इसके साथ ही रेलवे का निजीकरण करने की तैयारी में है जो देश हित में नहीं होगा.
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साउथ ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन के उपाध्यक्ष शिवजी शर्मा ने बताया है. ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के साथ रेलवे की सभी यूनियन इकाई केंद्र सरकार के नई श्रम विरोधी श्रम नीति के खिलाफ लगातार आंदोलन करते आ रही है और यह आंदोलन चरणबद्ध तरीके से 19 सितंबर तक चलेगा. उन्होंने बताया है कि केंद्र सरकार रेलवे का निजीकरण करने की तैयारी में है, जो देश हित में गलत होगा, जिसके खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा. सरकार अगर अपने फैसले को वापस नहीं लेती है तो आनेवाले दिनों में उग्र आंदोलन किया जाएगा.