जमशेदपुरः झारखंड में द्रौपदी मुर्मू की जगह रमेश बैस राज्यपाल बनाए गए हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आठ प्रदेशों में नए राज्यपाल की नियुक्ति की है. झारखंड में द्रौपदी मुर्मू को राज्यपाल पद से हटाने पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने आपत्ति जाहिर की है.
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झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि "राज्यपाल महोदया द्रौपदी मुर्मू एक व्यवहार कुशल और संवेदनशील राज्यपाल थी, उनको यूं हटाना केंद्र सरकार की आदिवासी और महिला विरोधी मानसिकता को प्रदर्शित करता हैं, आदिवासी और महिला समुदाय की राज्यपाल का रहना झारखंड के लिए गर्व की बात थी फिर इन्हें हटाने का क्या औचित्य है?"
भाजपा ने बन्ना गुप्ता को लिया आड़े हाथ
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के ट्वीट को भारतीय जनता पार्टी ने गंभीरता पूर्वक लिया है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाडंगी ने इसे हास्यास्पद बताया है. उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की ये टिप्पणी राजनितिक से प्रेरित है. उन्होंने ये भी कहा कि बन्ना गुप्ता को जानकारी का अभाव है क्योंकि राज्यपाल की नियुक्ति राजनितिक नियुक्ति नहीं होती है. इसके कई मापदंड होते है.
कुणाल षाडंगी ने कहा कि जिन आदिवासियों की हित की बात कांग्रेस पार्टी कर रही है. उसी पार्टी के गंठबंधन सरकार ने ट्राइबल एडवाइजरी कमेटी की नियुक्ति में राज्यपाल के अधिकार क्षेत्र को समाप्त कर दिया है. उनको पहले इसका जबाब देना चाहिए कि टीएसी के गठन में राज्यपाल के अधिकार को क्यों समाप्त किया गया. आदिवासियों के हित के लिए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा केंद्र में कमान संभाल रहे हैं.
स्वास्थ्य मंत्री का ट्वीट हास्यास्पद
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू की जगह रमेश बैस को झारखंड का राज्यपाल बनाए जाने पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के ट्वीट को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. विधायक सरयू राय ने कहा कि राज्यपाल के मामले में किसी मंत्री का इस तरह का ट्वीट हास्यास्पद है. कोई दिक्कत है तो मुख्यमंत्री इस मामले पर बोल सकते हैं. किसी मंत्री को इस प्रकार की बातें नहीं करनी चाहिए. मंत्री को ऐसे बयान देने से बचना चाहिए.
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रमेश बैस को बधाई
झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट किया है कि "त्रिपुरा के महामहिम राज्यपाल रमेश बैस को झारखंड के महामहिम राज्यपाल के रूप में मनोनयन की ढेर सारी शुभकामनायें. आपके मार्गदर्शन व अनुभवों से राज्य को सकारात्मक दिशा मिलेगी ऐसा पूर्ण विश्वास है."
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा कि "आदरणीय रमेश कुमार बैस को झारखंड का राज्यपाल बनने पर बधाई. आपके लंबे सामाजिक जीवन के अनुभव का लाभ झारखंड को मिलेगा."
इनके अलावा झारखंड के तमाम बड़े नेताओं ने भी रमेश बैस को शुभकामनाएं दी हैं. झारखंड के नए राज्यपाल रमेश बैस छत्तीसगढ़ भाजपा के बड़े नेता रहे हैं. वह सात बार सांसद रहे हैं और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं. उन्हें चुनाव में कभी भी हार का सामना नहीं करना पड़ा. वह छत्तीसगढ़ के वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी 2009 में हरा चुके हैं. लगातार चुनाव जीतने के बाद भी 2019 में उन्हें टिकट नहीं दिया गया लेकिन इसके बाद उन्हें त्रिपुरा का राज्यपाल बनाया गया. अब उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. रमेश बैस झारखंड के दसवें राज्यपाल होंगे. झारखंड की पहली महिला राज्यपाल होने का गौरव द्रौपदी मुर्मू को हासिल हुआ. वह ओडिशा के मयूरभंज की रहने वाली हैं. 18 मई 2015 को उन्हें झारखंड का राज्यपाल बनाया गया था. वह 6 साल से अधिक वक्त के लिए झारखंड की राज्यपाल रहीं.