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BUDGET 2019: जमशेदपुर के लोगों को उम्मीद, बजट से हल्की नहीं होगी जेब - jharkhand news

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट 5 जुलाई 2019 को वित्त मंत्री निर्मला सीताराम पेश करेंगी. लौहनगरी के लोगों की सोंच के साथ सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों ने कही 2019 की बजट कैसी होगी.

2019 की बजट पर राय
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Published : Jul 4, 2019, 3:35 PM IST

जमशेदपुर: आम बजट 2019 से देशवासियों को काफी उम्मीद है. हर वर्ग का कहना है कि बजट में वो तमाम सुविधाएं मिले, जिनसे उनकी जिंदगी आसान हो. लोगों को उम्मीद है कि बजट में उन सभी वादों पर काम होगा, जो सरकार ने उनसे किए हैं.

देखे पूरी खबर

लोगों का कहना है कि बजट सबके लिए कल्याणकारी होना चाहिए. पूंजीपति वर्गों के लिए सिर्फ बजट का प्रारूप नहीं हो बल्कि निम्न स्तर के लोगों के लिए भी बजट ध्यान में रखा जाना चाहिए. विश्वविद्यालय और युवाओं के लिए कॉलेज की व्यवस्था होनी चाहिए. रोजगार के लिए विशेषकर बजट बने, जिससे सभी लोगों को लाभ मिल सके.


वरिष्ठ नागरिकों की राय
वरिष्ठ नागरिकों का कहना है कि प्राइवेट संस्थान से सेवा मुक्त हुए लोगों के लिए भी पेंशन की सुविधा दी जाए. रोजगार के नए अवसर पैदा हो, जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके. साथ ही स्किल डेवेलपमेंट जैसे नए कार्यक्रम चलाया जाए.


नक्सल क्षेत्र के युवा की राय
नक्सल प्रभावित क्षेत्र के युवा ने बताया शिक्षा के लिए बेहतर व्यवस्था होनी चाहिेए. ग्रामीण इलाकों के बच्चों के लिए पढ़ने की व्यवस्था होनी चाहिए. पढ़े लिखे होने के बाद भी रोजगार नहीं मिलते हैं. इस बजट में रोजगार की सुविधा शामिल हो.


किसानों की राय
किसानों को फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलने के कारण ज्यादातर किसान आत्महत्या करने को विवश रहते हैं. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2014 में 5650 किसानों ने आत्महत्या की है.
पटमदा के किसानों का कहना है कि खेती करने योग्य पानी की सुविधा नहीं है. फसल बीमा योजना के साथ सिंचाई की व्यवस्था किसानों के लिए उपलब्ध कराई जाए. बजट किसानों के हित में हो.

जमशेदपुर: आम बजट 2019 से देशवासियों को काफी उम्मीद है. हर वर्ग का कहना है कि बजट में वो तमाम सुविधाएं मिले, जिनसे उनकी जिंदगी आसान हो. लोगों को उम्मीद है कि बजट में उन सभी वादों पर काम होगा, जो सरकार ने उनसे किए हैं.

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लोगों का कहना है कि बजट सबके लिए कल्याणकारी होना चाहिए. पूंजीपति वर्गों के लिए सिर्फ बजट का प्रारूप नहीं हो बल्कि निम्न स्तर के लोगों के लिए भी बजट ध्यान में रखा जाना चाहिए. विश्वविद्यालय और युवाओं के लिए कॉलेज की व्यवस्था होनी चाहिए. रोजगार के लिए विशेषकर बजट बने, जिससे सभी लोगों को लाभ मिल सके.


वरिष्ठ नागरिकों की राय
वरिष्ठ नागरिकों का कहना है कि प्राइवेट संस्थान से सेवा मुक्त हुए लोगों के लिए भी पेंशन की सुविधा दी जाए. रोजगार के नए अवसर पैदा हो, जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके. साथ ही स्किल डेवेलपमेंट जैसे नए कार्यक्रम चलाया जाए.


नक्सल क्षेत्र के युवा की राय
नक्सल प्रभावित क्षेत्र के युवा ने बताया शिक्षा के लिए बेहतर व्यवस्था होनी चाहिेए. ग्रामीण इलाकों के बच्चों के लिए पढ़ने की व्यवस्था होनी चाहिए. पढ़े लिखे होने के बाद भी रोजगार नहीं मिलते हैं. इस बजट में रोजगार की सुविधा शामिल हो.


किसानों की राय
किसानों को फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलने के कारण ज्यादातर किसान आत्महत्या करने को विवश रहते हैं. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2014 में 5650 किसानों ने आत्महत्या की है.
पटमदा के किसानों का कहना है कि खेती करने योग्य पानी की सुविधा नहीं है. फसल बीमा योजना के साथ सिंचाई की व्यवस्था किसानों के लिए उपलब्ध कराई जाए. बजट किसानों के हित में हो.

Intro:एंकर--केंद्र की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट 5 जुलाई 2019 को वित्त मंत्री निर्मला सीताराम पेश करेंगी.लौहनगरी के लोगों की सोंच के साथ सुदूर ग्रामीण छेत्रों के किसानों की राय कैसा हो 2019 का बजट। देखिए एक रिपोर्ट।


Body:वीओ1--सड़क,बिजली,अस्पताल, शिक्षा,रोजगार तथा किसानों के फसलों की बात आखिर कैसे होगा मोदी सरकार के 2019 बजट. किसानों के लिए वर्ष 2022 तक आय दोगुनी करने का वादा केंद्र सरकार के द्वारा की गई थी,लौहनगरी के सभी तबकों के साथ ईटीवी भारत की टीम ने जाना 2019 के बजट को लेकर कितने महत्वाकांक्षी है,शहर के लोग।
पूँजीपति वर्गों के लिए सिर्फ बजट का प्रारूप नहीं हो बल्कि निम्न स्तर के लोगों के लिए भी बजट ध्यान में रखा जाना चाहिए.
विश्वविद्यालय तथा युवाओं के लिए कॉलेजे की व्यवस्था हो।शिक्षा रोज़गार के लिए विशेषकर बजट हो.जिससे सभी लोगों को लाभ मिल सके।
बाइट--सुनील आनंद
बाइट--स्थानीय निवासी
वीओ2-- 2019 के बजट को लेकर वरिष्ट नागरिकों से हमने जानना चाहा कैसा हो बजट.प्राइवेट संस्थान से सेवा मुक्त हुए वरिष्ट नागरिकों के लिए उचित पेंसन की व्यस्था हो.रोजगार के नए अवसर पैदा हो साथ ही स्किल डेवेलपमेंट जैसे नए कार्यक्रम चलाया जाए.जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके।
बाइट--वरिष्ट नागरिक
बाइट--वरिष्ट नागरिक
वीओ3--शहर की तुलना में ग्रामीण सुदूर क्षेत्रों में सड़क की व्यवस्था ना के बराबर है।नक्सल प्रभावित छेत्रों के युवाओं ने बताया शिक्षा के लिए बेहतर व्यवस्था हो.ग्रामीण जगह के बच्चों के लिए पढ़ने की व्यस्था होनी चाहिए.पढ़े लिखे होने के बाद भी रोजगार नहीं मिलते है .इस बजट में रोजगार मिले.
बाइट--चिंटू(नक्सल छेत्र के युवा)
वीओ4--किसानों को फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलने के कारण ज्यादातर किसान आत्महत्या करने को विवश रहते हैं,नेशनल क्राइम रिकॉर्ड के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2014 में 5650 किसानों ने आत्महत्या की है। पटमदा के किसानों ने बताया कैसा हो बजट.खेती करने योग्य पानी की सुविधा नहीं है.
फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है.फ़सल बीमा योजना के साथ सिंचाई व्यवस्था किसानों के लिए हो. फसलों में खाद्य पदार्थ
लगाने के बाद फसलों का उचित मुल्य नहीं मिल पाता है।सब्जी बेचने पर उचित मूल्य नहीं मिल पाता है.जिससे किसानों के फ़सल पर बुरा प्रभाव पड़ता है.बजट किसानों के लिए हो.बिचौलिए हावी ना हो।
बाइट--किसान
बाइट--किसान
बाइट--किसान




Conclusion:बहरहाल अब देखना ये है 2019 के बजट में आर्थिक नगरी के मजदूरों को क्या मिलता है।
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