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मशरूम की खेती ने बदली तकदीर, कम लागत में हो रही लाखों की कमाई

जमशेदपुर के रहने वाले दिलीप शर्मा ने मशरूम की खेती कर अपने परिवार के लिए आय के साधन की व्यवस्था की है. वहीं, प्रतिदिन काफी मात्रा में मशरूम की उपज होना भी दिलीप के सफल प्रयास को दर्शाती है. पेश है ये खास रिपोर्ट.

mushroom cultivation in Jamshedpur
मशरूम की खेती
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Published : Feb 7, 2020, 4:27 PM IST

जमशेदपुर: आजकल मशरूम का चलन काफी हो गया है, क्योंकि लोगों का मानना है कि मशरूम में प्रोटीन की मात्रा काफी होती है. इस कारण कई लोग मशरूम की खेती कर रहे हैं. वहीं, जमशेदपुर के मांगों के रहने वाले दिलीप शर्मा हैं, जो मशरूम की खेती करके अपने परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत कर रहे हैं.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-मुरी टाटा रेलखंड पर बड़ा हादसा टला, 'जम्मू तवी टाटा एक्सप्रेस' ट्रैक पर रखे वेल्डिंग मशीन से टकराई

मानगो के ओल्ड पुरुलिया रोड के रहने वाले दिलीप के मुताबिक उन्होंने सोशल साइट की मदद से मशरूम की खेती की शुभारंभ की. दिलीप ने बताया कि मशरूम की खेती के लिए उन्होंने मात्र 9 हजार लगाया और एक माह के बाद ही उन्हें प्रतिदिन 500 से 600 की आय होने लगी.

मशरूम की खेती की प्रक्रिया

दिलीप ने बताया कि मशरूम की खेती के लिए उन्होंने घर के छत में बने छोटे कमरे को चुना. उन्होंने प्लास्टिक के थैले में पुआल को भीगा कर 95 थैले बनाएं हर थैले में करीब 2 किलो पुआल रखा. जिसमें बीच-बीच में मशरूम के दाने को रखा गया. दिलीप ने इसकी शुरुआत 26 दिसंबर को की. एक माह के बाद उसमें मशरूम होने लगा.

प्रतिदिन 5 से 6 किलो मशरूम की होती है उपज

दिलीप बतातें हैं कि प्रतिदिन यहां से 5 से 6 किलो मशरूम निकाल रहे हैं. बाजार के संबंध में दिलीप ने बताया कि उस मशरूम को पहले कुछ दोस्तों को उसने बेचा. उसके बाद दुकानों में मशरूम को लेकर गए. लेकिन पहले तो दुकानदारों ने इस मशरूम को लेने से इंकार कर दिया, लेकिन दिलीप के द्वारा बिक्री नहीं होने पर वापसी की गैरेंटी पर दुकानदारों ने मशरूम को लेना शुरू कर दिया और उसके बाद कारवां बढ़ता चला गया.

मशरूम वाले कमरे में नहीं जानी चाहिए रोशनी

वहीं, इस काम में दिलीप की पत्नी भी उनका साथ देती है. मशरूम में पानी देना से लेकर देखभाल करना ही उसकी पत्नी की जिम्मेदारी रहती है. मशरूम वाला कमरा कोई खोल ना दे उस पर भी ध्यान उसी का रहता है क्योंकि मशरूम वाले कमरे में रोशनी नहीं जानी चाहिए. जिस प्रकार सोशल साइट देखकर और उसका उपयोग करते हुए दिलीप ने मशरूम की खेती करके अपने और अपने परिवार के लिए आय के साधन की व्यवस्था की है, वह निश्चय ही काबिले तारीफ है.

जमशेदपुर: आजकल मशरूम का चलन काफी हो गया है, क्योंकि लोगों का मानना है कि मशरूम में प्रोटीन की मात्रा काफी होती है. इस कारण कई लोग मशरूम की खेती कर रहे हैं. वहीं, जमशेदपुर के मांगों के रहने वाले दिलीप शर्मा हैं, जो मशरूम की खेती करके अपने परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत कर रहे हैं.

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मानगो के ओल्ड पुरुलिया रोड के रहने वाले दिलीप के मुताबिक उन्होंने सोशल साइट की मदद से मशरूम की खेती की शुभारंभ की. दिलीप ने बताया कि मशरूम की खेती के लिए उन्होंने मात्र 9 हजार लगाया और एक माह के बाद ही उन्हें प्रतिदिन 500 से 600 की आय होने लगी.

मशरूम की खेती की प्रक्रिया

दिलीप ने बताया कि मशरूम की खेती के लिए उन्होंने घर के छत में बने छोटे कमरे को चुना. उन्होंने प्लास्टिक के थैले में पुआल को भीगा कर 95 थैले बनाएं हर थैले में करीब 2 किलो पुआल रखा. जिसमें बीच-बीच में मशरूम के दाने को रखा गया. दिलीप ने इसकी शुरुआत 26 दिसंबर को की. एक माह के बाद उसमें मशरूम होने लगा.

प्रतिदिन 5 से 6 किलो मशरूम की होती है उपज

दिलीप बतातें हैं कि प्रतिदिन यहां से 5 से 6 किलो मशरूम निकाल रहे हैं. बाजार के संबंध में दिलीप ने बताया कि उस मशरूम को पहले कुछ दोस्तों को उसने बेचा. उसके बाद दुकानों में मशरूम को लेकर गए. लेकिन पहले तो दुकानदारों ने इस मशरूम को लेने से इंकार कर दिया, लेकिन दिलीप के द्वारा बिक्री नहीं होने पर वापसी की गैरेंटी पर दुकानदारों ने मशरूम को लेना शुरू कर दिया और उसके बाद कारवां बढ़ता चला गया.

मशरूम वाले कमरे में नहीं जानी चाहिए रोशनी

वहीं, इस काम में दिलीप की पत्नी भी उनका साथ देती है. मशरूम में पानी देना से लेकर देखभाल करना ही उसकी पत्नी की जिम्मेदारी रहती है. मशरूम वाला कमरा कोई खोल ना दे उस पर भी ध्यान उसी का रहता है क्योंकि मशरूम वाले कमरे में रोशनी नहीं जानी चाहिए. जिस प्रकार सोशल साइट देखकर और उसका उपयोग करते हुए दिलीप ने मशरूम की खेती करके अपने और अपने परिवार के लिए आय के साधन की व्यवस्था की है, वह निश्चय ही काबिले तारीफ है.

Intro:जमशेदपुर । आजकल मशरूम का चलन काफी हो गया है। क्योंकि लोगों का मानना है कि मशरूम में प्रोटीन काफी होती है ।इस कारण कई लोग मशरूम की खेती कर रहे हैं। उसी में एक जमशेदपुर के मांगों के रहने वाले दिलीप शर्मा हैं ,जो मशरूम की खेती करके अपने परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत कर रहे हैं देखें जमशेदपुर से रवि झा की स्पेशल रिपोर्ट


Body:वी ओ 1 मानगो के ओल्ड पुरुलिया रोड के रहने वाले दिलीप के मुताबिक उसने सोशल साइट की मदद से मशरूम की खेती की शुभारंभ की। और मशरूम की खेती के लिए उसने मात्र नौ हजार लगाया और एक माह के बाद ही उसे प्रतिदिन 500 से ₹600 की आय होने लगी। दिलीप ने बताया कि मशरूम की खेती के लिए घर के छत में बने छोटे कमरे को चुना जहां कभी हुए रद्दी का सामान रखा करते थे। जहां प्लास्टिक के थैले में पॉल को भीगा कर 95 थैले बनाएं हर थैले में करीब 2 किलो वालों को डाला। जिसमें बीच-बीच में मशरूम के दाना को दिया गया। दिलीप ने इसकी शुरुआत 26 दिसंबर को की ।1 माह के बाद उसने मशरूम होने लगा। वे प्रतिदिन यहां से 5 से 6 किलो मशरूम निकाल रहे हैं। बाजार के संबंध में दिलीप ने बताया कि उस मशरूम को पहले कुछ दोस्तों को उसने बेचा। उसके बाद व दुकानों में मशरूम को लेकर गए। लेकिन पहले तो दुकानदारों ने इस मशरूम को लेने से इंकार कर दिया ।लेकिन दिलीप के द्वारा बिक्री नहीं होने पर वापस की गैरेंटी पर दुकानदारो ने मशरूम को लेना शुरू कर दिया। और उसके बाद कारवां बढ़ता चला गया.

बाईट - दिलीप शर्मा


Conclusion:vo2 : वही इस काम में दिलीप को उसकी पत्नी भी साथ देती है मशरूम में पानी देना से लेकर देखभाल करना ही उसकी पत्नी की जिम्मेदारी रहती है। मशरूम वाला कमरा कोई खोल ना दे उस पर भी ध्यान उसी का रहता है क्योंकि मशरूम वाले कमरे में रोशनी नहीं जानी चाहिए।
बाईट - संगीता कुमारी,पत्नी,दिलीप शर्मा
वी ओ फाइनल- जिस प्रकार सोशल साइट देखकर और उसका उपयोग करते हुए दिलीप ने मशरूम की खेती करके अपने और अपने परिवार के लिए आय के साधन की व्यवस्था की है ,वह निश्चय ही काबिले तारीफ है ।
रवि कुमार झा, ईटीवी भारत ,जमशेदपुर
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