जमशेदपुर: आजकल मशरूम का चलन काफी हो गया है, क्योंकि लोगों का मानना है कि मशरूम में प्रोटीन की मात्रा काफी होती है. इस कारण कई लोग मशरूम की खेती कर रहे हैं. वहीं, जमशेदपुर के मांगों के रहने वाले दिलीप शर्मा हैं, जो मशरूम की खेती करके अपने परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत कर रहे हैं.
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मानगो के ओल्ड पुरुलिया रोड के रहने वाले दिलीप के मुताबिक उन्होंने सोशल साइट की मदद से मशरूम की खेती की शुभारंभ की. दिलीप ने बताया कि मशरूम की खेती के लिए उन्होंने मात्र 9 हजार लगाया और एक माह के बाद ही उन्हें प्रतिदिन 500 से 600 की आय होने लगी.
मशरूम की खेती की प्रक्रिया
दिलीप ने बताया कि मशरूम की खेती के लिए उन्होंने घर के छत में बने छोटे कमरे को चुना. उन्होंने प्लास्टिक के थैले में पुआल को भीगा कर 95 थैले बनाएं हर थैले में करीब 2 किलो पुआल रखा. जिसमें बीच-बीच में मशरूम के दाने को रखा गया. दिलीप ने इसकी शुरुआत 26 दिसंबर को की. एक माह के बाद उसमें मशरूम होने लगा.
प्रतिदिन 5 से 6 किलो मशरूम की होती है उपज
दिलीप बतातें हैं कि प्रतिदिन यहां से 5 से 6 किलो मशरूम निकाल रहे हैं. बाजार के संबंध में दिलीप ने बताया कि उस मशरूम को पहले कुछ दोस्तों को उसने बेचा. उसके बाद दुकानों में मशरूम को लेकर गए. लेकिन पहले तो दुकानदारों ने इस मशरूम को लेने से इंकार कर दिया, लेकिन दिलीप के द्वारा बिक्री नहीं होने पर वापसी की गैरेंटी पर दुकानदारों ने मशरूम को लेना शुरू कर दिया और उसके बाद कारवां बढ़ता चला गया.
मशरूम वाले कमरे में नहीं जानी चाहिए रोशनी
वहीं, इस काम में दिलीप की पत्नी भी उनका साथ देती है. मशरूम में पानी देना से लेकर देखभाल करना ही उसकी पत्नी की जिम्मेदारी रहती है. मशरूम वाला कमरा कोई खोल ना दे उस पर भी ध्यान उसी का रहता है क्योंकि मशरूम वाले कमरे में रोशनी नहीं जानी चाहिए. जिस प्रकार सोशल साइट देखकर और उसका उपयोग करते हुए दिलीप ने मशरूम की खेती करके अपने और अपने परिवार के लिए आय के साधन की व्यवस्था की है, वह निश्चय ही काबिले तारीफ है.