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मिनी बस एसोसिएशन ने जिला प्रशासन से लगाई गुहार, बकाया राशि के भुगतान की कर रहे मांग - जमशेदपुर न्यूज

जमशेदपुर में मिनी बस एसोसिएशन(mini bus association) परेशान हैं. प्रवासी मजदूरों को लाने ले जाने में लगी बसों के मालिकों को जिला प्रशासन ने अब तक कोई भुगतान नहीं किया है. इस कोरोना काल में बकाया राशि नहीं मिलने से बस मालिकों में रोष है. उनकी आर्थिक स्थिति भी कुछ खासा ठीक नहीं चल रही है.

Mini bus association appeal to district administration
साकची बस पड़ाव
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Published : May 29, 2021, 3:11 PM IST

जमशेदपुरः पिछले साल कोविड-19 में प्रवासी मजदूरों को लाने ले जाने में लगी बसों के मालिकों को अभी तक जिला प्रशासन की ओर से भुगतान नहीं किया गया है. इससे उन्हें आर्थिक रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसे लेकर उनमें रोष भी देखा जा रहा है. वहीं, अब शहर के मिनी बस के मालिक अपने बकाया भुगतान को लेकर गोलबंद होने लगे हैं.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें-झारखंड में कोरोना वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी, करीब 30 हजार लोगों ने ही लिया वैक्सीन

बस मालिकों की स्थिति दयनीय

मिनी बस एसोसिएशन(mini bus association) के महामंत्री विवेक कुमार सिंह ने बताया कि वर्तमान में बस मालिकों की स्थिति और दयनीय हो गई है. उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है. पिछले डेढ़ सालों से बसों का परिचालन न होना और खड़ी गाड़ियों के टैक्स सहित अन्य पेपर को यथावत रखने में इनके सामने बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है. विवेक कुमार सिंह ने जिले के उपायुक्त सूरज कुमार से गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द जिला प्रशासन उनका बकाया भुगतान करे.

प्रशासन को कई बार भुगतान के लिए कहा

वहीं, इस मामले को लेकर बस एसोसिएशन के प्रतिनिधि शिवराम झा दिलीप ने बताया कि जिला प्रशासन को बार-बार भुगतान के लिए कहा जाता है. पर उनकी ओर से इस विषय में अभी तक कोई सार्थक जवाब नहीं आया है. जल्द ही इस पूरे प्रकरण को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अवगत कराया जाएगा और बस मालिकों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए जल्द से जल्द भुगतान की मांग की जाएगी.

जानकारी के अनुसार, वर्ष 2020 में देशव्यापी लॉकडाउन के कारण मिनी बसों का बड़े पैमाने पर प्रवासी मजदूरों को लाने ले जाने के लिए उपयोग किया गया था. जिसमें जिला प्रशासन ने बसों को किसी प्रकार का कोई भुगतान नहीं किया. बस मालिकों ने अपने से ही कर्मचारियों को भुगतान किया. वहीं, जिला प्रशासन ने आज तक बस मालिकों को बकाया राशि नहीं दी है. जिसके कारण बस मालिकों में रोष है. वर्तमान में पिछले साल मार्च से बस के पहिए थमे हुए हैं और इन मालिकों पर अपने परिवार के साथ-साथ बस से जुड़े कर्मचारियों की भी रोजी रोटी की जिम्मेदारी है. इसलिए बस मालिक वर्तमान में जिला प्रशासन से अपने बकाया भुगतान की मांग कर रहे हैं.

जमशेदपुरः पिछले साल कोविड-19 में प्रवासी मजदूरों को लाने ले जाने में लगी बसों के मालिकों को अभी तक जिला प्रशासन की ओर से भुगतान नहीं किया गया है. इससे उन्हें आर्थिक रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसे लेकर उनमें रोष भी देखा जा रहा है. वहीं, अब शहर के मिनी बस के मालिक अपने बकाया भुगतान को लेकर गोलबंद होने लगे हैं.

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बस मालिकों की स्थिति दयनीय

मिनी बस एसोसिएशन(mini bus association) के महामंत्री विवेक कुमार सिंह ने बताया कि वर्तमान में बस मालिकों की स्थिति और दयनीय हो गई है. उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है. पिछले डेढ़ सालों से बसों का परिचालन न होना और खड़ी गाड़ियों के टैक्स सहित अन्य पेपर को यथावत रखने में इनके सामने बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है. विवेक कुमार सिंह ने जिले के उपायुक्त सूरज कुमार से गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द जिला प्रशासन उनका बकाया भुगतान करे.

प्रशासन को कई बार भुगतान के लिए कहा

वहीं, इस मामले को लेकर बस एसोसिएशन के प्रतिनिधि शिवराम झा दिलीप ने बताया कि जिला प्रशासन को बार-बार भुगतान के लिए कहा जाता है. पर उनकी ओर से इस विषय में अभी तक कोई सार्थक जवाब नहीं आया है. जल्द ही इस पूरे प्रकरण को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अवगत कराया जाएगा और बस मालिकों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए जल्द से जल्द भुगतान की मांग की जाएगी.

जानकारी के अनुसार, वर्ष 2020 में देशव्यापी लॉकडाउन के कारण मिनी बसों का बड़े पैमाने पर प्रवासी मजदूरों को लाने ले जाने के लिए उपयोग किया गया था. जिसमें जिला प्रशासन ने बसों को किसी प्रकार का कोई भुगतान नहीं किया. बस मालिकों ने अपने से ही कर्मचारियों को भुगतान किया. वहीं, जिला प्रशासन ने आज तक बस मालिकों को बकाया राशि नहीं दी है. जिसके कारण बस मालिकों में रोष है. वर्तमान में पिछले साल मार्च से बस के पहिए थमे हुए हैं और इन मालिकों पर अपने परिवार के साथ-साथ बस से जुड़े कर्मचारियों की भी रोजी रोटी की जिम्मेदारी है. इसलिए बस मालिक वर्तमान में जिला प्रशासन से अपने बकाया भुगतान की मांग कर रहे हैं.

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