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सीमा पर तैनात जवानों की कलाई पर बंधेगी जमशेदपुर की राखी, इको फ्रेंडली राखी बनाने में जुटीं महिलाएं

भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व रक्षाबंधन (rakshabandhan 2021) पर इस बार देश की सीमा पर तैनात जवानों की कलाई पर जमशेदपुर में बनी राखी बांधी जाएगी. जवानों के लिए सीमा पर राखी भेजे जाने पर राखी बनाने वाली महिलाओं ने खुशी जताई है.

eco friendly rakhi
इको फ्रेंडली राखी
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Published : Aug 21, 2021, 10:37 AM IST

Updated : Aug 21, 2021, 12:23 PM IST

जमशेदपुर: भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व रक्षाबंधन (rakshabandhan 2021) का उत्साह नजर आने लगा है. इस पर्व पर देश की सीमा पर तैनात जवानों की कलाई पर इस बार जमशेदपुर के कला मंदिर जमशेदपुर में बनी राखियां बंधेंगी. इसके लिए कला मंदिर को 10 हजार राखियों का ऑर्डर दिया गया था. राखी बनाने वाली महिलाओं ने जवानों को राखी भेजे जाने पर खुशी जाहिर की है.

ये भी पढ़ें- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीएम माेदी ने दी ओणम की बधाई

अलग-अलग बॉर्डर पर भेजी जा रही है राखी

बिष्टुपर स्थित कला मंदिर में निर्मित राखियों को देश के अलग-अलग बॉर्डर पर भेजा जा रहा है. राखी बनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्र की 20 महिलाओं की टीम दिन रात मेहनत कर अपने हाथों से राखी बना रही थी. कला मंदिर में राखी के अलावा मास्क की मांग को देखते हुए मास्क भी बनाया जा रहा है.

देखें वीडियो

इको फ्रेंडली है राखी

ग्रामीण महिलाएं पर्यावरण को ध्यान में रखकर राखी बना रहीं हैं. राखी बनाने के लिए रेशम के धागे, कपड़ा, ताल पत्ता, जूट, ग्रास मेट के अलावा अन्य कई सामग्रियों का इस्तेमाल किया गया है. कला मंदिर की संरक्षक मीमो घोष ने बताया कि यहां पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए प्लास्टिक मुक्त राखी बनाई जा रही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि हमारी राखियां देश की सुरक्षा के लिए सीमा पर तैनात जवानों की कलाई पर बंधेंगी.

कोरोना काल के बाद पहली बार मिला काम

राखी बनाने वाली स्थानीय महिलाओं ने बताया कि कोरोना काल में उनकी आर्थिक स्थित दयनीय हो गई थी. उनके लिए परिवार चलाना मुश्किल हो गया था. लॉक डाउन में छूट दिए जाने के बाद काम करने का मौका मिला है. उन्होंने कहा इस काम से कुछ राहत मिलेगी.

जमशेदपुर: भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व रक्षाबंधन (rakshabandhan 2021) का उत्साह नजर आने लगा है. इस पर्व पर देश की सीमा पर तैनात जवानों की कलाई पर इस बार जमशेदपुर के कला मंदिर जमशेदपुर में बनी राखियां बंधेंगी. इसके लिए कला मंदिर को 10 हजार राखियों का ऑर्डर दिया गया था. राखी बनाने वाली महिलाओं ने जवानों को राखी भेजे जाने पर खुशी जाहिर की है.

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अलग-अलग बॉर्डर पर भेजी जा रही है राखी

बिष्टुपर स्थित कला मंदिर में निर्मित राखियों को देश के अलग-अलग बॉर्डर पर भेजा जा रहा है. राखी बनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्र की 20 महिलाओं की टीम दिन रात मेहनत कर अपने हाथों से राखी बना रही थी. कला मंदिर में राखी के अलावा मास्क की मांग को देखते हुए मास्क भी बनाया जा रहा है.

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इको फ्रेंडली है राखी

ग्रामीण महिलाएं पर्यावरण को ध्यान में रखकर राखी बना रहीं हैं. राखी बनाने के लिए रेशम के धागे, कपड़ा, ताल पत्ता, जूट, ग्रास मेट के अलावा अन्य कई सामग्रियों का इस्तेमाल किया गया है. कला मंदिर की संरक्षक मीमो घोष ने बताया कि यहां पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए प्लास्टिक मुक्त राखी बनाई जा रही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि हमारी राखियां देश की सुरक्षा के लिए सीमा पर तैनात जवानों की कलाई पर बंधेंगी.

कोरोना काल के बाद पहली बार मिला काम

राखी बनाने वाली स्थानीय महिलाओं ने बताया कि कोरोना काल में उनकी आर्थिक स्थित दयनीय हो गई थी. उनके लिए परिवार चलाना मुश्किल हो गया था. लॉक डाउन में छूट दिए जाने के बाद काम करने का मौका मिला है. उन्होंने कहा इस काम से कुछ राहत मिलेगी.

Last Updated : Aug 21, 2021, 12:23 PM IST
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