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लौहनगरी में नहीं निकाली गई मजदूर रैली, वरिष्ठ मजदूर नेताओं ने हालात पर जताई चिंता - लॉकडाउन में मजदूर

जमशेदपुर में एक मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस नहीं मनाया गया है. लॉकडाउन के कारण मजदूर अपने घर पर ही रहे. वहीं, वरिष्ठ मजदूर ने वर्तमान हालात पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि मजदूरों ने ज्यादा त्याग किया, स्थिति सुधरने में वक्त लगेगा.

International Labor Day not celebrated due to lockdown in jamshedpur
लौहनगरी
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Published : May 1, 2020, 6:22 PM IST

जमशेदपुर: लॉकडाउन में मजदूरों का शहर लौहनगरी जमशेदपुर में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर मजदूर घर पर ही रहे. लॉकडाउन के कारण ना सभाएं हुई ना ही रैलियां निकाली गई. मजदूरों के वर्तमान हालात पर चिंता जताते हुए वरिष्ठ मजदूर ने बताया है कि लॉकडाउन खुलने के बाद मजदूरों की स्थिति में सुधरने में वक्त लगेगा.

देखें पूरी खबर

बता दें कि जमशेदपुर में मजदूरों की संख्या एक लाख से ज्यादा है. जिनमें कुछ कंपनी में काम करते है कुछ अलग-अलग संस्थानों में काम करते है. इसके अलावा हर दिन काम कर रोजी रोटी कमाने वालों की बड़ी संख्या है. वर्तमान में सबकी स्थिति खराब है, जबकि दूसरे जगहों में काम करने वाले कई मजदूर पलायन कर रहे है. लॉकडाउन के कारण जमशेदपुर में इस बार सभा रैली बंद रहा.

ये भी देखें- लॉकडाउन में बड़े अधिकारी भी सड़क पर कर रहे ड्यूटी, एसडीओ ने लापरवाह वाहन चालकों को लगाई फटकार

वहीं, मजदूरों के हित में लड़ाई लड़ने वाले वरिष्ठ मजदूर नेता रघुनाथ पांडेय ने लॉकडाउन में मजदूरों की वर्तमान हालात पर चिंता जताते हुए कहा है कि एक मई को मजदूर दिवस त्याग बलिदान के लिए जाना जाता है लेकिन वर्तमान में मजदूरों ने सबसे ज्यादा त्याग किया है. उनकी स्थिति खराब हुई है. लॉकडाउन खुलने के बाद स्थिति सुधरने में वक्त लगेगा.

उन्होंने कहा है कि कंपनियों में संख्या घटाकर मजदूरों से काम लिया जा रहा है जो आने वाले दिन के लिए अच्छा संदेश नही है. कंपनी और मजदूर एक सिक्के के दो पहलू है दोनों को एक दूसरे को समझते हुए काम करने की जरूरत है.

जमशेदपुर: लॉकडाउन में मजदूरों का शहर लौहनगरी जमशेदपुर में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर मजदूर घर पर ही रहे. लॉकडाउन के कारण ना सभाएं हुई ना ही रैलियां निकाली गई. मजदूरों के वर्तमान हालात पर चिंता जताते हुए वरिष्ठ मजदूर ने बताया है कि लॉकडाउन खुलने के बाद मजदूरों की स्थिति में सुधरने में वक्त लगेगा.

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बता दें कि जमशेदपुर में मजदूरों की संख्या एक लाख से ज्यादा है. जिनमें कुछ कंपनी में काम करते है कुछ अलग-अलग संस्थानों में काम करते है. इसके अलावा हर दिन काम कर रोजी रोटी कमाने वालों की बड़ी संख्या है. वर्तमान में सबकी स्थिति खराब है, जबकि दूसरे जगहों में काम करने वाले कई मजदूर पलायन कर रहे है. लॉकडाउन के कारण जमशेदपुर में इस बार सभा रैली बंद रहा.

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वहीं, मजदूरों के हित में लड़ाई लड़ने वाले वरिष्ठ मजदूर नेता रघुनाथ पांडेय ने लॉकडाउन में मजदूरों की वर्तमान हालात पर चिंता जताते हुए कहा है कि एक मई को मजदूर दिवस त्याग बलिदान के लिए जाना जाता है लेकिन वर्तमान में मजदूरों ने सबसे ज्यादा त्याग किया है. उनकी स्थिति खराब हुई है. लॉकडाउन खुलने के बाद स्थिति सुधरने में वक्त लगेगा.

उन्होंने कहा है कि कंपनियों में संख्या घटाकर मजदूरों से काम लिया जा रहा है जो आने वाले दिन के लिए अच्छा संदेश नही है. कंपनी और मजदूर एक सिक्के के दो पहलू है दोनों को एक दूसरे को समझते हुए काम करने की जरूरत है.

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