जमशेदपुर: आदित्यपुर 111 सेव लाइफ अस्पताल का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. अस्पताल के प्रबंध निदेशक डॉ. ओपी आनंद को हथकड़ी पहनाकर सरायकेला जेल से बिना पेपर के इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल लाकर वापस ले जाने के मामले में आईएमए जमशेदपुर इकाई ने आपत्ति जताई है. आईएमए के अध्यक्ष ने बताया कि प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन किया है. ऐसे में डॉक्टरों के लिए काम करना मुश्किल होगा.
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प्रशासन की कार्रवाई पर आपत्ति
साकची आईएमए भवन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन जमशेदपुर इकाई ने प्रेस कांफ्रेंस के जरिए आदित्यपुर स्थित 111 सेव लाइफ अस्पताल के निदेशक डॉ. ओपी आनंद के मामले में प्रशासन की कार्रवाई पर आपत्ति जताया है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. उमेश खां ने बताया कि 111 सेव लाइफ अस्पताल के प्रबंध निदेशक डॉ. ओपी आनंद ने किसी मंत्री को अपशब्द कहने का हमने विरोध किया है. लेकिन उसके बाद जिस तरह से प्रशासन ने कार्रवाई की है वो सरासर गलत है.
हथकड़ी लगाने का आईएमए ने किया विरोध
अध्यक्ष डॉ. उमेश खां ने बताया कि 111 सेव लाइफ अस्पताल के डॉक्टर ओपी आनंद की गिरफ्तारी के बाद उन्हें सरायकेला जेल भेजा गया और तबीयत खराब होने पर इलाज के लिए बगैर पर्याप्त दस्तावेज के हथकड़ी लगाकर जमशेदपुर एमजीएम अस्पताल लाया गया. बगैर इलाज कराए तुरंत वापस हथकड़ी में उन्हें जेल ले जाया गया है. उन्होंने बताया कि एक डॉक्टर के साथ इस तरह का व्यवहार करना साजिश है, जिसका आईएमए विरोध करती है.
डॉ. ओपी आनंद को हथकड़ी लगाकर लाया एमजीएम
इस मामले में आइएमए जमशेदपुर इकाई के अध्यक्ष डॉ. उमेश खां ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि किसी बड़े जघन्य अपराध में डॉक्टर के शामिल होने पर उसे हथकड़ी लगाई जा सकती है. उसके लिए भी बोर्ड से अनुमति लेनी होती है लेकिन ऐसा नहीं किया गया और डॉ. ओपी आनंद को हथकड़ी लगाकर एमजीएम लाया गया.
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डॉक्टर के साथ दुर्व्यवहार
डॉ. उमेश खां ने बताया कि डॉ. ओपी आनंद पर ननबेलेबल धारा लगाई गई है, जो सरासर गलत है. अगर डॉक्टर के साथ इस तरह का व्यवहार किया जाएगा तो काम करना मुश्किल होगा. खासकर वैश्विक महामारी के इस दौर में ऐसा करना उचित नहीं है.
कार्रवाई की मांग
आईएमए के अध्यक्ष ने बताया कि हम प्रशासन मांग करते है कि जिनकी गलतियों के कारण डॉ. ओपी आनंद को हथकड़ी के साथ एमजीएम अस्पताल लाया गया और बिना इलाज कराए वापस ले जाया गया. वैसे लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई करें.
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क्या है पूरा मामला
पिछले दिनों सरायकेला-खरसावां जिला के आदित्यपुर 2 स्थित 111 सेव लाइफ अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जांच के दौरान अस्पताल के प्रबंधक डॉ. ओपी आनंद ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और प्रभारी सिविल सर्जन के खिलाफ अमर्यादित भाषाओं का प्रयोग किया था. जिसके बाद से वो लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. इलाज में लापरवाही के आरोप में उनके खिलाफ एक मरीज ने एफआईआर दर्ज कराया था. जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.