जमशेदपुर: कृषि कानून के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. झारखंड में भी कई दलों ने किसान आंदोलन का समर्थन किया है. इसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधा है. रघुवर दास ने कहा कि किसानों के आंदोलन में विपक्षी पार्टियां भी घुस गई हैं. ये अपना उल्लू सीधा करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन इनका पाखंड कदम दर कदम छलक रहा है.
उन्होंने मंत्री रामेश्वर उरांव पर निशाना साधते हुए कहा कि वो झारखंड में किसानों के नमी वाले धान नहीं खरीद रहे, लेकिन वो चाहते हैं कि केंद्र सरकार किसानों की सारी उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद लें. वहीं, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के बारे में उन्होंने कहा कि वो किसानों के समर्थन में सड़क पर आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन झारखंड में किसानों के लिए चल रही मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना बंद कर दी. इस योजना से किसानों को प्रति वर्ष 25000 रुपये की आर्थिक सहायता मिल रही थी.
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रघुवर दास ने इस दौरान राहुल गांधी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का जनाधार वेंटिलेटर पर है, लेकिन उनका अहंकार एक्सीलेटर पर है. राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि कृषि उपज की खरीद का काम निजी हाथों में होना चाहिए, लेकिन जब मोदी सरकार ने यह काम दिया तो ट्विट कर रहे हैं कि बहुत गलत हुआ. खास बात यह भी है कि बिहार में 2006 में ही नीतीश कुमार ने मंडियां खत्म कर दी थी, लेकिन 2017 में राजद और कांग्रेस ने जदयू के साथ सरकार बनाने के बाद मंडियों की बहाली के लिए एक शब्द नहीं कहा, जबकि उस समय कृषि विभाग कांग्रेस के ही पास था. ऐसे ढेरों उदाहरण हैं जो विपक्ष के पाखंड को विदीर्ण कर देंगे.