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रघुवर दास के गृह क्षेत्र में पेड़ के नीचे पढ़ने को मजबूर छात्र, शिक्षा विभाग ने दिया ये हवाला

पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला प्रखंड में 60 मौजा दामपड़ा के कालापाथर मध्य विद्यालय की स्थापना साल 1933 में हुई. स्कूल में तीन कमरों का निर्माण 1982-83 में हुआ, वहीं, 35 साल बाद विभाग ने स्कूल भवन को जर्जर बताकर उसमें पढ़ाई नहीं कराने का आदेश दे दिया. इसके बाद स्कूल के केजी से छठवीं तक के विद्यार्थी पेड़ के नीचे पढ़ाई कर रहे हैं.

जर्जर स्कूल के नीचे नहीं पढ़ेंगे छात्र
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Published : Jul 30, 2019, 4:59 PM IST

Updated : Jul 30, 2019, 5:23 PM IST

जमशेदपुर/घाटशिला: झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास का गृह जिले में शिक्षा विभाग के एक आदेश ने स्कूली बच्चों को पेड़ के नीचे पढ़ने पर मजबूर कर दिया है. दरअसल, विभाग ने साफ तौर पर कहा कि जर्जर हो चुके भवनों में बच्चों को नहीं पढ़ाया जाएगा. हालांकि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए विभाग को वैकल्पिक व्यवस्था भी करनी चाहिए थी, जो नहीं की गई.

वीडियो में देखें ये स्पेशल स्टोरी

पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला प्रखंड में 60 मौजा दामपड़ा के कालापाथर मध्य विद्यालय की स्थापना साल 1933 में हुई. स्कूल में तीन कमरों का निर्माण 1982-83 में हुआ, वहीं, 35 साल बाद विभाग ने स्कूल भवन को जर्जर बताकर उसमें पढ़ाई नहीं कराने का आदेश दे दिया. इसके बाद स्कूल के केजी से छठवीं तक के विद्यार्थी पेड़ के नीचे पढ़ाई कर रहे हैं.

शिक्षक ने बताया कि इस विद्यालय में 187 बच्चे पढ़ते हैं. स्कूल में फिलहाल 5 कमरे हैं. साल 1983 में बना भवन जर्जर हो गया है. इस वजह से 3 कमरों के भवन में बच्चों की कक्षाएं नहीं लेने का आदेश दिया है. भवन की छत में कई जगह दरार पड़ गई है.

जमशेदपुर/घाटशिला: झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास का गृह जिले में शिक्षा विभाग के एक आदेश ने स्कूली बच्चों को पेड़ के नीचे पढ़ने पर मजबूर कर दिया है. दरअसल, विभाग ने साफ तौर पर कहा कि जर्जर हो चुके भवनों में बच्चों को नहीं पढ़ाया जाएगा. हालांकि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए विभाग को वैकल्पिक व्यवस्था भी करनी चाहिए थी, जो नहीं की गई.

वीडियो में देखें ये स्पेशल स्टोरी

पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला प्रखंड में 60 मौजा दामपड़ा के कालापाथर मध्य विद्यालय की स्थापना साल 1933 में हुई. स्कूल में तीन कमरों का निर्माण 1982-83 में हुआ, वहीं, 35 साल बाद विभाग ने स्कूल भवन को जर्जर बताकर उसमें पढ़ाई नहीं कराने का आदेश दे दिया. इसके बाद स्कूल के केजी से छठवीं तक के विद्यार्थी पेड़ के नीचे पढ़ाई कर रहे हैं.

शिक्षक ने बताया कि इस विद्यालय में 187 बच्चे पढ़ते हैं. स्कूल में फिलहाल 5 कमरे हैं. साल 1983 में बना भवन जर्जर हो गया है. इस वजह से 3 कमरों के भवन में बच्चों की कक्षाएं नहीं लेने का आदेश दिया है. भवन की छत में कई जगह दरार पड़ गई है.

Intro:Note:- सर इस खबर को स्पेशल में लीजिए यह झारखंड के मुख्यमंत्री का गृह जिला है झारखंड की शिक्षा की गुणवत्ता यहीं से झलकती हैं

झारखंड के मुख्यमंत्री का गृह जिला के स्कूली बच्चे पेड़ के नीचे पड़ने पर है मजबूर

घाटशिला (पूर्वी सिंहभूम)
झारखंड के मुख्यमंत्री का गृह जिला स्कूली बच्चे पेड़ के नीचे पड़ने पर है मजबूर
दरअसल शिक्षा विभाग के एक आदेश ने इनको पेड़ के नीचे पड़ने पर मजबूर कर दिया पेड़ पर बने चबूतरा ही इनका ब्लैकबोर्ड है जहां शिक्षक बच्चों को पढ़ाते हैं।
जब शिक्षा विभाग ने आदेश निकाला तो उनको यह भी मालूम होना चाहिए कि इनका वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए पर शिक्षा विभाग ने यह नहीं किया सीधे-सीधे आदेश जारी किया कि जर्जर भवन में बच्चों को ना पढ़ाया जाए अब इस स्थिति में बच्चे कहां पड़े मजबूरन पेड़ के नीचे ही पढ़ना पढ़ रहा है।Body:झारखंड सरकार के स्कूल के बाहर ही बड़े-बड़े पोस्टर बैनर लगाए गए हैं जहां लिखा गया है पूर्वी सिंहभूम के सारे विद्यालय में टेबल बैंक स्वच्छ शौचालय आदि को उपलब्ध कराते हैं मगर यहां की स्कूली बच्चे जमीन में बोरा बिछा कर पढ़ते हैं अब सरकार को भी शर्म आनी चाहिए।

पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला प्रखंड के 60 मौजा दामपड़ा के कालापाथर मध्य विद्यालय का स्थापना वर्ष 1933 में हुई थी स्कूल के लिए तीन कमरे के निर्माण 1982-83 में हुआ 35 वर्ष के बाद विभाग ने स्कूल भवन को झज्जर बताकर उन्हें पढ़ाई नहीं करने का आदेश दिया अभी स्कूल के केजी से छठी तक के विद्यार्थी पेड़ के नीचे शिक्षण करते हैं विद्यालय के शिक्षक ने बताया कि इस विद्यालय में 187 विद्यार्थी पढ़ते हैं स्कूल में फिलहाल 5 कमरे हैं 1983 में बना भवन जर्जर हो गया है इसके कारण तीन कमरों के भवन में बच्चों की कक्षा नहीं ले ने का आदेश दिया भवन की छत में कहीं-कहीं दरार हो गई है कि जिनके दीवार में दरार आ गए सुरक्षा के दृष्टिकोण से भवन में बच्चों को नहीं पढ़ने के निर्देश दिया गया।वर्ष 2011-12 में बने दो कमरे की भवन में कक्षा 7 और 8 वी की कक्षाएं चलती है इस भवन की ठीक नहीं है बरसात में भी छत से पानी टपकता है Conclusion:बाईट
1. शिक्षक ,तपन कुमार महतो
2. शिक्षक ,खेला राम हंसदा
3. विद्यार्थी ,स्वान मुर्मू
रिपोर्ट
कनाई राम हेंब्रम
घाटशिला
JHC10017
Last Updated : Jul 30, 2019, 5:23 PM IST
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