जमशेदपुर: शहर के लोयला ऑडिटोरियम में टाटा एडुकेशन एक्सीलेंस प्रोग्राम (टीईईपी) के तहत डॉक्टर जेजे ईरानी अवार्ड सेरेमनी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन इसरो के पूर्व चेयरमैन और नई शिक्षा नीति मसौदा समिति के चेयरमैन पद्म विभूषण डॉक्टर कृष्णस्वामी कस्तूरीरंगन, टाटा स्टील के सीईओ ऑफ ग्लोबल प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन, जेजे ईरानी सहित कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट कॉरपोरेट सर्विसेज चाणक्य चौधरी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. इस दौरान अलग-अलग क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए कई स्कूलों के प्राचार्य और शिक्षकों को सम्मानित किया गया.
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नई शिक्षा नीति करेगी बच्चों के बस्ते का बोझ कम
इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए इसरो के पूर्व चेयरमैन डॉक्टर के. कस्तूरीरंगन ने कहा कि देश भर में नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद बच्चों की पीठ से बस्ते का बोझ और दिमाग से पढ़ाई का दबाव कम होगा. अब बच्चों पर परीक्षा देने के समय की बाध्यता नहीं होगी. उन्होंने कहा कि डिजिटाइजेशन के इस युग में बच्चों पर बस्ते का बोझ न हो.
नई शिक्षा नीति में उन्होंने बच्चों की शिक्षा को चार भागों में बांटा है. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति बनाने में 4 वर्ष लगे हैं. कस्तूरीरंगन ने अपनी नई शिक्षा नीति के तहत देश में भौगोलिक स्थिति के हिसाब से 30-30 स्कूलों का एक समूह बनाने का प्रस्ताव दिया है, ताकि वे एक दूसरे के लैब, लाइब्रेरी और खेलकूद के सामान को आपस में साझा कर सकें.
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टीईईपी के तहत स्कूलों को सम्मानित किया
रेगुलर असेसमेंट प्रोग्राम में 9 स्कूलों ने डीप चेक में हिस्सा लिया. टीईईपी बेसिक प्रोग्राम के तहत 10 प्रतिभागी स्कूलों का मूल्यांकन किया गया. जिनमें से 3 स्कूलों को चेक लिस्ट अनुपालन कर 90% अंक हासिल करने के लिए पुरस्कार दिया गया. हिंदी माध्यम, ग्रामीण सरकारी और अर्द्ध सरकारी स्कूलों में सुधार यात्रा साल 2014 में शुरू की गयी थी, जिसमें अलग-अलग स्कूलों से आये रिपोर्ट के आधार पर 5 को सम्मानित किया गया.