ETV Bharat / city

स्कूल ऑफ होप बना रहा दिव्यांग बच्चों को आत्मनिर्भर, इनकी बनाई मोमबत्तियों से रोशन हो रही लौहनगरी

जमशेदपुर: के स्कूल ऑफ होप के दिव्यांग बच्चे जो मोमबत्तियां बना रहे हैं उनकी डिमांड काफी है. इधर स्कूल प्रबंधन भी बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ आत्मनिर्भर बना रहे हैं. वे उन्हें मोमबत्तियां बनाने का प्रशिक्षण देकर स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ा रहे हैं.

डिजाइन इमेज
author img

By

Published : Oct 24, 2019, 1:01 PM IST

जमशेदपुर: लौहनगरी में इस बार दीपावली पर स्कूल ऑफ होप के दिव्यांग बच्चे जो मोमबत्तियां बना रहे हैं उनकी डिमांड काफी है. इधर, स्कूल प्रबंधन भी बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ आत्मनिर्भर बना रहे हैं. वे उन्हें मोमबत्तियां बनाने का प्रशिक्षण देकर स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ा रहे हैं. ताकि यह बच्चे भविष्य में शिक्षा पूरी कर अपने कौशल विकास के बदौलत स्वरोजगार की ओर बढ़ सकें.

देखें स्पेशल स्टोरी

बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास
जमशेदपुर का स्कूल ऑफ होप पिछले कई वर्षों से वैसे बच्चों में शिक्षा की अलख जगाने के साथ-साथ उनमें कौशल विकास के गुर भी विकसित किए जा रहे हैं. वोकेशनल कार्यक्रमों के माध्यम से उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है. जो शारीरिक रूप से दिव्यांग हैं, जिनके भविष्य को लेकर उनके पेरेंट्स चिंतित रहते हैं. वैसे बच्चों को मोमबत्ती बनाने का प्रशिक्षण देकर उनमें स्किल डेवलपमेंट पर बल दिया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- विपक्षी दलों के विधायक ने थामा BJP का दामन, सीएम ने दिलाई सदस्यता

समाज की मुख्यधारा से जोड़ने ये कवायद
बच्चो के द्वारा बनाई गईं मोमबत्तियां खूबसूरत और आकर्षक हैं. इनके डिजाइंस को बाजारों में लोग पसंद कर रहे हैं. यह मोमबत्तियां टाटा मुख्य अस्पताल, सरकारी और निजी कार्यालयों और कई कार्यक्रमों के अलावा दीपावली में लोगों की पहली पसंद बनती जा रही है. जिसके बदौलत स्कूल प्रबंधन की आय में वृद्धि होने के साथ-साथ बच्चों का भविष्य भी संवारा जा रहा है. यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे लगभग 130 दिव्यांग बच्चे इसका लाभ ले रहे हैं. स्कूल प्रबंधन की उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की ये कवायद सफल होती दिख रही है.

जमशेदपुर: लौहनगरी में इस बार दीपावली पर स्कूल ऑफ होप के दिव्यांग बच्चे जो मोमबत्तियां बना रहे हैं उनकी डिमांड काफी है. इधर, स्कूल प्रबंधन भी बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ आत्मनिर्भर बना रहे हैं. वे उन्हें मोमबत्तियां बनाने का प्रशिक्षण देकर स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ा रहे हैं. ताकि यह बच्चे भविष्य में शिक्षा पूरी कर अपने कौशल विकास के बदौलत स्वरोजगार की ओर बढ़ सकें.

देखें स्पेशल स्टोरी

बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास
जमशेदपुर का स्कूल ऑफ होप पिछले कई वर्षों से वैसे बच्चों में शिक्षा की अलख जगाने के साथ-साथ उनमें कौशल विकास के गुर भी विकसित किए जा रहे हैं. वोकेशनल कार्यक्रमों के माध्यम से उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है. जो शारीरिक रूप से दिव्यांग हैं, जिनके भविष्य को लेकर उनके पेरेंट्स चिंतित रहते हैं. वैसे बच्चों को मोमबत्ती बनाने का प्रशिक्षण देकर उनमें स्किल डेवलपमेंट पर बल दिया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- विपक्षी दलों के विधायक ने थामा BJP का दामन, सीएम ने दिलाई सदस्यता

समाज की मुख्यधारा से जोड़ने ये कवायद
बच्चो के द्वारा बनाई गईं मोमबत्तियां खूबसूरत और आकर्षक हैं. इनके डिजाइंस को बाजारों में लोग पसंद कर रहे हैं. यह मोमबत्तियां टाटा मुख्य अस्पताल, सरकारी और निजी कार्यालयों और कई कार्यक्रमों के अलावा दीपावली में लोगों की पहली पसंद बनती जा रही है. जिसके बदौलत स्कूल प्रबंधन की आय में वृद्धि होने के साथ-साथ बच्चों का भविष्य भी संवारा जा रहा है. यहां शिक्षा ग्रहण कर रहे लगभग 130 दिव्यांग बच्चे इसका लाभ ले रहे हैं. स्कूल प्रबंधन की उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की ये कवायद सफल होती दिख रही है.

Intro:एंकर--लौहनगरी जमशेदपुर में इस बार दीपावली पर स्कूल ऑफ होप के मूक बधिर बच्चों द्वारा बनाई जा रही मोमबत्तियां की डिमांड काफी देखी जा रही है. इधर स्कूल प्रबंधन ने भी बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ आत्मनिर्भर बना रहे और उनमें कौशल विकास को लेकर विभिन्न प्रकार की मोमबत्तीयों को बनाने का प्रशिक्षण देकर स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ा रही है, ताकि यह बच्चे भविष्य में शिक्षा पूरी कर अपने कौशल विकास की बदौलत स्वरोजगार की ओर उन्मुख हो सके.।


Body:वीओ1-- जमशेदपुर का स्कूल ऑफ होप पिछले कई वर्षों से वैसे बच्चों में शिक्षा की अलख जगाने के साथ-साथ उनमें कौशल विकास को लेकर वोकेशनल कार्यक्रमों के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने में लगी है. जो शारीरिक रूप से मूक-बाधिर हैं,जिनके भविष्य को लेकर उनके पेरेंट्स चिंतित रहते हैं.और वैसे बच्चों को मोमबत्ती बनाने का प्रशिक्षण देकर उनमें स्किल डेवलपमेंट पर बल दिया जा रहा है. प्रशिक्षण लेकर इनके द्वारा बनाई जा रही मोमबत्तीयों की खूबसूरत और आकर्षक डिजाइनों को शहर के बाजारों में लोग पसंद कर रहे हैं. यह मोमबत्तियां टाटा मुख्य अस्पताल सरकारी और निजी कार्यालयों और विभिन्न कार्यक्रमों के अलावा दीपावली में लोगों की पहली पसंद बनती जा रही है. जिसकी बदौलत स्कूल प्रबंधन की आय में वृद्धि तो हो ही रही है और उसी ऐसे स्कूल के बच्चों के भविष्य को संवारा भी जा रहा है यहां शिक्षा ले रहे करीब 130 की संख्या में मुख बधिर बच्चों ने सुनहरे भविष्य को लेकर प्रबंधन भी इसी तरह के प्रशिक्षण आयोजित कर कौशल विकास के माध्यम से उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की कवायद में सफल होती दिख रही है।
बाइट--किरण कुमारी(शिक्षिका स्कूल ऑफ होप)
बाइट--प्रतिमा चटर्जी(शिक्षिका स्कूल ऑफ होप)



Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.