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खाते से उड़ रहे पैसे, तमाशा देख रही पुलिस, 6 महीने में लाखों रुपए गायब - साइबर अपराधी

लौहनगरी में साइबर अपराधियों का बोलबाला है. आंकड़ों के मुताबिक जमशेदपुर में छह महीनों में 85 लाख रुपए लोगों के खातों से साइबर अपराधियों ने उड़ा लिए. साइबर पुलिस के लिए यह बड़ी चुनौती है.

जमशेदपुर साइबर पुलिस
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Published : Jun 8, 2019, 8:18 PM IST

जमशेदपुर: लौहनगरी में साइबर अपराधियों ने पुलिस की नींद उड़ा रखी है. जहां शहर में रोजाना किसी न किसी थाने क्षेत्र में साइबर अपराध के द्वारा लोगों को ठगा जा रहा है. वहीं महज छह महीने के भीतर लगभग 85 लाख की ठगी हो चुकी है.

जमशेदपुर में सक्रिय साइबर अपराधी

पुलिस के लिए यह बड़ी चुनौती
खाते से उड़ रहे पैसे, तमाशा देख रही पुलिस, जी हां यह सच साबित हो रहा है. आंकड़ों के मुताबिक जमशेदपुर में छह महीनों में 85 लाख रुपए लोगों के खातों से साइबर अपराधियों ने उड़ा लिए. साइबर पुलिस के लिए यह बड़ी चुनौती है. अपराधियों तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंच पा रहे हैं.

खातों से पैसे गायब करने में अपराधी माहिर
एक माह में 20 से अधिक घटनाएं हुई हैं, पर पुलिस के हाथ अब तक छह बदमाश लगे हैं. इनमें भी गैंग के सरगना तक पहुंचने का रास्ता पुलिस नहीं खोज पाई है. जमशेदपुर में साइबर क्राइम की घटना का हर दिन कोई न कोई शिकार हो रहा है. आंकड़ों की बात करें तो खातों से रकम निकालने में अपराधी माहिर हैं.

ये भी पढ़ें- नवजात को सांस लेने में हुई तकलीफ, फ्लाइट की कराई गई इमरजेंसी लैंडिंग

जागरुकता की कमी
कहीं न कहीं खाताधारकों की गलती के कारण उनके खाते से पैसे अपराधी उड़ा ले जा रहे हैं. लालच में आकर भी लोग लॉटरी के नाम पर अपनी निजता की बातें बता देते हैं. कई लोगों से ओटीपी जानकर पैसे उड़ा लिए जा रहे हैं. जागरुकता की भी कमी है.

थाने का चक्कर लगाने को मजबूर

एक तरफ लोग अपने खून पसीने की कमाई बैंकों में रखते हैं. मगर अचानक उनके मोबाइल पर मैसेज आता है कि उनके रुपए निकाल लिए गए हैं. जिसके बाद लोग थाने का चक्कर लगाने को मजबूर हो जाते हैं. शहर में कई एटीएम मसीनों में गार्ड नहीं होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं एक पीड़ित फिर मिला जिसने बताया कि उसके खाते से 10 हजार रुपए निकाल लिए गए हैं.

ये भी पढ़ें- एक साड़ी के लिए सौतेले पिता ने बेटे को उतारा मौत के घाट, गोलियों से भूना

इंटरनेट की काली दुनिया

साइबर अपराधियों के हौसले इतने बुलंद होते जा रहे हैं कि एक झटके में आम नागरिकों का पैसा उड़ा लिया जाता है. बहरहाल डार्क वेब जैसे खतरे इंटरनेट की काली दुनिया है. जिले की पुलिस के पास इससे निपटने के लिए कोई व्यवस्था नजर नहीं आ रही.

जमशेदपुर: लौहनगरी में साइबर अपराधियों ने पुलिस की नींद उड़ा रखी है. जहां शहर में रोजाना किसी न किसी थाने क्षेत्र में साइबर अपराध के द्वारा लोगों को ठगा जा रहा है. वहीं महज छह महीने के भीतर लगभग 85 लाख की ठगी हो चुकी है.

जमशेदपुर में सक्रिय साइबर अपराधी

पुलिस के लिए यह बड़ी चुनौती
खाते से उड़ रहे पैसे, तमाशा देख रही पुलिस, जी हां यह सच साबित हो रहा है. आंकड़ों के मुताबिक जमशेदपुर में छह महीनों में 85 लाख रुपए लोगों के खातों से साइबर अपराधियों ने उड़ा लिए. साइबर पुलिस के लिए यह बड़ी चुनौती है. अपराधियों तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंच पा रहे हैं.

खातों से पैसे गायब करने में अपराधी माहिर
एक माह में 20 से अधिक घटनाएं हुई हैं, पर पुलिस के हाथ अब तक छह बदमाश लगे हैं. इनमें भी गैंग के सरगना तक पहुंचने का रास्ता पुलिस नहीं खोज पाई है. जमशेदपुर में साइबर क्राइम की घटना का हर दिन कोई न कोई शिकार हो रहा है. आंकड़ों की बात करें तो खातों से रकम निकालने में अपराधी माहिर हैं.

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जागरुकता की कमी
कहीं न कहीं खाताधारकों की गलती के कारण उनके खाते से पैसे अपराधी उड़ा ले जा रहे हैं. लालच में आकर भी लोग लॉटरी के नाम पर अपनी निजता की बातें बता देते हैं. कई लोगों से ओटीपी जानकर पैसे उड़ा लिए जा रहे हैं. जागरुकता की भी कमी है.

थाने का चक्कर लगाने को मजबूर

एक तरफ लोग अपने खून पसीने की कमाई बैंकों में रखते हैं. मगर अचानक उनके मोबाइल पर मैसेज आता है कि उनके रुपए निकाल लिए गए हैं. जिसके बाद लोग थाने का चक्कर लगाने को मजबूर हो जाते हैं. शहर में कई एटीएम मसीनों में गार्ड नहीं होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं एक पीड़ित फिर मिला जिसने बताया कि उसके खाते से 10 हजार रुपए निकाल लिए गए हैं.

ये भी पढ़ें- एक साड़ी के लिए सौतेले पिता ने बेटे को उतारा मौत के घाट, गोलियों से भूना

इंटरनेट की काली दुनिया

साइबर अपराधियों के हौसले इतने बुलंद होते जा रहे हैं कि एक झटके में आम नागरिकों का पैसा उड़ा लिया जाता है. बहरहाल डार्क वेब जैसे खतरे इंटरनेट की काली दुनिया है. जिले की पुलिस के पास इससे निपटने के लिए कोई व्यवस्था नजर नहीं आ रही.

Intro:एंकर--आर्थिक नगरी लौहनगरी शहर में साइबर अपराधियों ने पुलिस की नींद उड़ा रखी है। जहां शहर में रोजाना किसी न किसी थाने क्षेत्र में साइबर अपराध के द्वारा लोगों को ठगा जा रहा है।वहीं महज छः महीने के भीतर लगभग पचासी लाख की ठगी हो चुकी है।एक रिपोर्ट


Body:वीओ1-- उड़ रहे पैसे तमाशा देख रही पुलिस जी हाँ यह सच साबित हो रहा है।आंकड़ों के मुताबिक छः महीनों में पचासी लाख रुपए लोगों के खातों से साइबर अपराधियों ने उड़ा दिए. साइबर क्राईम पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है अपराधियों तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंच पा रहे हैं ।एक माह में 20 से अधिक घटनाएं हुई हैं ।पुलिस के हाथ मात्र आधा दर्जन बदमाश लगे हैं इनमें भी गैंग के सरगना तक पहुंचने का रास्ता पुलिस नहीं खोज पाई है। हर दिन कोई न कोई होता है शिकार: जमशेदपुर में साइबर क्राइम की घटना में हर दिन कोई न कोई शिकार हो रहा है आंकड़ों की बात करें तो खातों से रकम निकालने में अपराधी इतने माहिर है कि कम राशि नहीं कम से कम दो लाख उड़ा रहे हैं।पिछले कुछ दिनों में साइबर थाना क्षेत्र से लाख से अधिक राशि निकालने का मामला सामने आया है।
कहीं ना कहीं खाताधारकों की गलती के कारण उनके खाते से पैसे अपराधी उड़ा ले जा रहे हैं. लालच में आकर भी लोग लॉटरी के नाम पर अपनी निजता की बातें बता देते हैं।कई लोगों से ओटीपी जानकर पैसे उड़ा लिए जा रहे हैं।कुछ खाली जगहों पर एटीएम क्लोन की ज्यादा संभावना रहती है. वहां से भी लोग पैसों की निकासी कर रहे हैं। समय-समय पर पुलिस के द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जाता है।जागरूकता की कमी होने के कारण लोग इसका शिकार हो रहे हैं।
बाइट--आर०वाजपेयी(साइबर थाना प्रभारी)
वीओ2--क्लोन बनाने वाले नहीं बताते सरगना का नाम: पैसा निकालने वाला शातिर अपराधी गिरफ्तार होता है तो उसके सहारे बड़े खुलासे की उम्मीद जगती है लेकिन किसी भी सदस्य के माध्यम से पुलिस सरगना तक पहुंचने में नाकाम रहती है हाल ही में दो अपराधियों को एटीएम क्लोन के लिए पुलिस ने गिरफ्तार मिया था.पर पुलिस के हाँथ अब तक खाली है.
एक तरफ लोग अपने खून पशीने की कमाई बैंकों में रखते हैं. मगर अचानक उनके मोबाइल पर मैसेज आता है उनके रुपए निकाल लिए गए हैं.जिसके बाद लोग थाने का चक्कर लगाने को मजबूर हो जाते हैं. शहर में कई एटीएम मसीनों
में गार्ड नहीं होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। अपराधी एटीएम बदलकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं.हाल के दिनों में फोन पर अपराधी ओटीपी नंबर और एटीएम पिन कोड मांग कर रुपए की निकासी कर रहे हैं.
बाइट--रेखा मिश्रा(स्थानीय
बाइट--पंकज कुमार(स्थानीय)
वीओ3--साइबर अपराधियों के हौसले इतने बुलंद होते जा रहे हैं कि एक झटके में आम नागरिकों का पैसा उड़ा लिया जाता है.वहीं पीड़ित के दस हज़ार रुपए खाते से निकाल लिए गए हैं.बैंक के द्वारा दिए जानकारी के अनुसार एटीएम क्लोन कर पैसे की निकाशी की गई है।
राकेश चौधरी(पीड़ित)




Conclusion:बहरहाल डार्क वेब जैसे खतरे इंटरनेट की काली दुनिया है।जिले की पुलिस के पास इससे निपटने के लिए कोई व्यस्था नहीं है।
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