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झारखंड के सिर्फ 2 शहरों में कोरोना की जांच, कैसे रुकेगा संक्रमण - Corona investigation facility exists in Ranchi and Jamshedpur

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा दिया है. राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. इसके बावजूद सिर्फ रांची और जमशेदपुर में कोरोना जांच की सुविधा मौजूद है. देखें स्पेशल रिपोर्ट..

Corona investigation facility in Jharkhand
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Published : Apr 12, 2020, 2:24 PM IST

जमशेदपुर: दुनियाभर में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है, न तो इसके जांच के लिए दवा बन पाई है और न ही मरीजों की संख्या रुकने का नाम ले रहा है. वहीं, झारखंड में भी दिन-ब-दिन कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसके बावजूद सिर्फ रांची और जमशेदपुर में कोरोना जांच की सुविधा मौजूद है. एक तो जमशेदपुर के एमजीएम और दूसरा रांची के रिम्स अस्पताल, जहां कोरोना संदिग्धों मरीजों की जांच की जाती है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

कोल्हान प्रमंडल के तीनों जिलों की तकरीबन 50 लाख 67 हजार आबादी है. जमशेदपुर में करीब 12,381 लोग बाहर से आए हुए हैं, जिसमें 1,186 विदेशी हैं. जिसमें से 21 हजार 612 संदिग्धों को क्वॉरेंटाइन में रखा गया है. क्वॉरेंटाइन में रखे गए इन संदिग्धों की अब तक सिर्फ 264 मरीजों की ही जांच हो पाई है.

लैब में मैनपावर की कमी

एमजीएम के वायरोलॉजी विभाग में रोजाना करीब 70 से 80 लोग जांच के लिए पहुंचते हैं लेकिन सिर्फ 40 लोगों की जांच हो पाती है. फिलहाल 90 से अधिक जांच के सैपल पड़े हुए हैं. जिसकी रिपोर्ट अब तक नहीं आई है. लैब में मैनपावर की भारी कमी है. यहां के दो टेक्नीशियन में एक फिलहाल ट्रेनिंग के लिए धनबाद गया हुआ है.

चार चरणों में हो रही जांच

  • पहला चरण में नमूना बॉक्स को खोलकर अलग-अलग तरीके से जांच किया जाता है. इसके बाद टैगिंग की जाती है.
  • दूसरा चरण में नमूना को एक्सप्रेशन के जरिए शुद्धिकरण किया जाता है. जिसमें कोशिकाओं का परीक्षण मशीनों में होता है.
  • तीसरा चरण में नमूना की मास्टर मिक्सिंग और लोडिंग शुरू होती है. इसके बाद जांच शुरु होती है.
  • चौथा चरण में पीसीआर प्रक्रिया इसमें डीएनए जांच होती है. जिसके बाद कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट तैयार की जाती है.

वहीं, विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि एक संक्रमित व्यक्ति 300 से अधिक लोगों को प्रभावित कर सकता है. ऐसे में कम से कम जो लोग भी देश और दूसरे प्रदेशों से आए हुए हैं उनको क्वॉरेंटाइन में रखा गया है. उन सबका जांच तो अवश्य ही होना चाहिए लेकिन जमशेदपुर में जांच की प्रक्रिया धीमी होने की वजह से पर्याप्त संदिग्धों की जांच नहीं हो पा रही है.

ये भी पढ़े- PM के साथ बैठक में बोले CM, केंद्र से की राहत की मांग

हालांकि राहत की बात ये है कि अभी तक कोल्हान में एक भी कोरोना संक्रमित नहीं पाया गया है लेकिन रांची, हजारीबाग, बोकारो और कोडरमा में कोरोना के कई मरीज मिले है. झारखंड में कुल कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या अब तक 17 हो गई. वहीं दो लोगों की मौत हो चुकी है.

जमशेदपुर: दुनियाभर में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है, न तो इसके जांच के लिए दवा बन पाई है और न ही मरीजों की संख्या रुकने का नाम ले रहा है. वहीं, झारखंड में भी दिन-ब-दिन कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसके बावजूद सिर्फ रांची और जमशेदपुर में कोरोना जांच की सुविधा मौजूद है. एक तो जमशेदपुर के एमजीएम और दूसरा रांची के रिम्स अस्पताल, जहां कोरोना संदिग्धों मरीजों की जांच की जाती है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

कोल्हान प्रमंडल के तीनों जिलों की तकरीबन 50 लाख 67 हजार आबादी है. जमशेदपुर में करीब 12,381 लोग बाहर से आए हुए हैं, जिसमें 1,186 विदेशी हैं. जिसमें से 21 हजार 612 संदिग्धों को क्वॉरेंटाइन में रखा गया है. क्वॉरेंटाइन में रखे गए इन संदिग्धों की अब तक सिर्फ 264 मरीजों की ही जांच हो पाई है.

लैब में मैनपावर की कमी

एमजीएम के वायरोलॉजी विभाग में रोजाना करीब 70 से 80 लोग जांच के लिए पहुंचते हैं लेकिन सिर्फ 40 लोगों की जांच हो पाती है. फिलहाल 90 से अधिक जांच के सैपल पड़े हुए हैं. जिसकी रिपोर्ट अब तक नहीं आई है. लैब में मैनपावर की भारी कमी है. यहां के दो टेक्नीशियन में एक फिलहाल ट्रेनिंग के लिए धनबाद गया हुआ है.

चार चरणों में हो रही जांच

  • पहला चरण में नमूना बॉक्स को खोलकर अलग-अलग तरीके से जांच किया जाता है. इसके बाद टैगिंग की जाती है.
  • दूसरा चरण में नमूना को एक्सप्रेशन के जरिए शुद्धिकरण किया जाता है. जिसमें कोशिकाओं का परीक्षण मशीनों में होता है.
  • तीसरा चरण में नमूना की मास्टर मिक्सिंग और लोडिंग शुरू होती है. इसके बाद जांच शुरु होती है.
  • चौथा चरण में पीसीआर प्रक्रिया इसमें डीएनए जांच होती है. जिसके बाद कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट तैयार की जाती है.

वहीं, विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि एक संक्रमित व्यक्ति 300 से अधिक लोगों को प्रभावित कर सकता है. ऐसे में कम से कम जो लोग भी देश और दूसरे प्रदेशों से आए हुए हैं उनको क्वॉरेंटाइन में रखा गया है. उन सबका जांच तो अवश्य ही होना चाहिए लेकिन जमशेदपुर में जांच की प्रक्रिया धीमी होने की वजह से पर्याप्त संदिग्धों की जांच नहीं हो पा रही है.

ये भी पढ़े- PM के साथ बैठक में बोले CM, केंद्र से की राहत की मांग

हालांकि राहत की बात ये है कि अभी तक कोल्हान में एक भी कोरोना संक्रमित नहीं पाया गया है लेकिन रांची, हजारीबाग, बोकारो और कोडरमा में कोरोना के कई मरीज मिले है. झारखंड में कुल कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या अब तक 17 हो गई. वहीं दो लोगों की मौत हो चुकी है.

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