ETV Bharat / city

शादियों में सीमित मेहमानों के निमंत्रण से कार्ड व्यापारी परेशान, सरकार से लगा रहे राहत पैकेज की गुहार

सरकार ने लॉकडाउन के जरिए कोरोना महामारी को फैलने से रोकने की पहल की, लेकिन इस लॉकडाउन में आम जनजीवन के साथ उद्योग धंधे पर व्यापक असर पड़ा है. शादी के कार्ड का बाजार पूरी तरह ठप पड़ा है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइन के तहत शादी और पार्टी में मेहमानों के लिए सीमित संख्या का निर्धारण करने के बाद कॉर्ड के बाजार सन्नाटे में हैं. गाइडलाइन के मुताबिक शादी में 50 लोगों की संख्या निर्धारित की गई है. जमशेदपुर में शादी के कार्ड की 12 से 15 दुकान हैं, जो अलग-अलग क्षेत्र साकची, बिष्टुपर और जुगसलाई में हैं.

Card traders in Jamshedpur unable to do business due to lockdown
कार्ड व्यापारी परेशान
author img

By

Published : Jul 14, 2020, 4:01 PM IST

Updated : Jul 14, 2020, 8:14 PM IST

जमशेदपुर: कोविड 19 के कारण देश मे आम जन जीवन के साथ व्यवसायिक क्षेत्र में काफी असर पड़ा है. इनमे रंगीन कागज के खूबसूरत डिजाइन वाले निमंत्रण पत्र पर असर देखने को मिल रहा है. निमंत्रण पत्र यानी शादी का कार्ड जो कोरोना की वजह से सीमित दायरे में सिमट कर रह गया है. यही वजह है की कार्ड के महंगे शो रूम में सन्नाटा पसरा है.

अपनी परेशानियां बताते व्यापारी
सरकार ने लॉकडाउन के जरिए महामारी को फैलने से रोकने की पहल की, लेकिन इस लॉकडाउन में आम जनजीवन के साथ उद्योग धंधे पर व्यापक असर पड़ा है. शादी के कार्ड का बाजार पूरी तरह ठप पड़ा है. MHA की गाइडलाइन के तहत शादी और पार्टी में मेहमानों के लिए सीमित संख्या का निर्धारण करने के बाद कॉर्ड के बाजार सन्नाटे में हैं. गाइडलाइन के मुताबिक शादी में 50 लोगों की संख्या निर्धारित की गई है. जमशेदपुर में शादी के कार्ड की 12 से 15 दुकान हैं, जो अलग-अलग क्षेत्र साकची, बिष्टुपर और जुगसलाई में हैं.


ये भी पढ़ें- गोड्डा: रॉन्ग नंबर से युवक-युवती में हुआ प्यार, ग्रामीणों ने कराई शादी


3 रुपये से 25 हजार रुपये तक की कीमत वाला कॉर्ड बाजार में मौजूद

अलग-अलग रंगों के साथ आकर्षक डिजाइन वाले कॉर्ड की खूबसूरती और चमक दुकानों तक सिमट गई है.
लग्न में एक दुकानदार 15 से 20 लाख तक का कारोबार करता था. इस कारोबार से कई लोगों को रोजगार मिलता है. वर्तमान हालात में कॉर्ड की दुकानों में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या भी सिमट गई है. जिन दुकानों में 8 लोगों का स्टाफ था, आज उन दुकानों में सिर्फ 2 लोग हैं. एक सीजन में दुकानदार अब मुश्किल से 30 हजार रुपये तक का ही कारोबार कर पाए हैं.

डेली का खर्च निकालना मुश्किल

साकची बाजार में चंदन कॉर्ड हाउस के मालिक अजीत सिंह ने बताया कि मार्च अप्रैल और मई में सीजन रहता है, जो खत्म हो चुका है. कार्ड लेने वाले 30 से 40 कार्ड ही खरीद रहे हैं. अब स्टाफ का भी खर्च निकालना मुश्किल हो गया है.

कॉर्ड का कारोबार ठप
मोटे कागज के अंदर दो पन्नों वाला शादी या पार्टी का निमंत्रण कॉर्ड का इस्तेमाल पढ़ने के लिए महज कुछ पल का रहता है, लेकिन घर मे निमंत्रण कॉर्ड के आने से घरवाले कॉर्ड पर चर्चा जरूर करते हैं. जबकि कॉर्ड छपवाने वालों के शौक का अंत नहीं होता. महंगे से महंगे कार्ड छपवा करके लोग बांटते रहे हैं.

6-7 लाख होता था महीने में कारोबार

उत्सव कॉर्ड के दुकानदार दमनजीत सिंह ने अपनी दुकान से स्टाफ की संख्या में कमी कर दी है. उन्होंने बताया की पहले 6 से 7 लाख महीना में कारोबार होता था. अब दिन भर में एक हजार भी बेचना मुश्किल हो रहा है. जिन दुकानदारों की अपनी दुकान है, उन्हें दुकान के किराए की चिंता नहीं. लेकिन किराए पर दुकान लेकर कारोबार करने वाले प्रदीप चावला का दर्द ज्यादा है. बिक्री हो या ना हो किराया देना है, जिसकी उन्हें टेंशन है. वो बताते हैं कि 10-20 कॉर्ड बिक रहे हैं. मौजूदा हालात में सरकार से राहत पैकेज की उम्मीद है.

कार्ड की कीमत में नहीं हुआ इजाफा

बात सिर्फ दुकानदारों तक ही सीमित नहीं, शादी में सप्ताह भर घर मे होने वाला उत्सव भी शांत है. जिनके घरों में शादी या पार्टी है, वो चाहकर भी ज्यादा लोगों को कॉर्ड नहीं बांट सकते. 500-1000 कॉर्ड बांटने वाले लोग अब सिर्फ 50 कार्ड की खरीदारी कर रहे हैं, जबकि कॉर्ड की कीमत में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. शादी का कॉर्ड खरीदने वाले राजू धनकर बताते हैं कि सरकार के आदेश का पालन करना है. इसलिए कम कॉर्ड लिए हैं. अब लग्न निकला है तो शादी तो करनी होगी. जबकि अशोक अग्रवाल 20 कॉर्ड ले रहे हैं, वो मानते है कि 20 कॉर्ड में 50 लोग तो आ ही जाएंगे.


सरकार की गाइडलाइन को करेंगे फॉलो

वहीं, व्यवसायिक संगठन भी बाजार के मौजूदा हालात से चिंतित हैं, लेकिन कोविड-19 के आगे किसी की नहीं चलेगी. सिंहभूम चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के उपाध्यक्ष विजय मुनका ने कहा है की जो सरकार की गाइडलाइन है, उसे पालन करना पड़ेगा. जब तक शादियों में संख्या बढ़ाई नहीं जाती, ऐसे ही व्यवसाय पर संकट रहेगा. बस प्रार्थना है कि कोरोना से मुक्ति मिले और हालात सुधरे.

जमशेदपुर: कोविड 19 के कारण देश मे आम जन जीवन के साथ व्यवसायिक क्षेत्र में काफी असर पड़ा है. इनमे रंगीन कागज के खूबसूरत डिजाइन वाले निमंत्रण पत्र पर असर देखने को मिल रहा है. निमंत्रण पत्र यानी शादी का कार्ड जो कोरोना की वजह से सीमित दायरे में सिमट कर रह गया है. यही वजह है की कार्ड के महंगे शो रूम में सन्नाटा पसरा है.

अपनी परेशानियां बताते व्यापारी
सरकार ने लॉकडाउन के जरिए महामारी को फैलने से रोकने की पहल की, लेकिन इस लॉकडाउन में आम जनजीवन के साथ उद्योग धंधे पर व्यापक असर पड़ा है. शादी के कार्ड का बाजार पूरी तरह ठप पड़ा है. MHA की गाइडलाइन के तहत शादी और पार्टी में मेहमानों के लिए सीमित संख्या का निर्धारण करने के बाद कॉर्ड के बाजार सन्नाटे में हैं. गाइडलाइन के मुताबिक शादी में 50 लोगों की संख्या निर्धारित की गई है. जमशेदपुर में शादी के कार्ड की 12 से 15 दुकान हैं, जो अलग-अलग क्षेत्र साकची, बिष्टुपर और जुगसलाई में हैं.


ये भी पढ़ें- गोड्डा: रॉन्ग नंबर से युवक-युवती में हुआ प्यार, ग्रामीणों ने कराई शादी


3 रुपये से 25 हजार रुपये तक की कीमत वाला कॉर्ड बाजार में मौजूद

अलग-अलग रंगों के साथ आकर्षक डिजाइन वाले कॉर्ड की खूबसूरती और चमक दुकानों तक सिमट गई है.
लग्न में एक दुकानदार 15 से 20 लाख तक का कारोबार करता था. इस कारोबार से कई लोगों को रोजगार मिलता है. वर्तमान हालात में कॉर्ड की दुकानों में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या भी सिमट गई है. जिन दुकानों में 8 लोगों का स्टाफ था, आज उन दुकानों में सिर्फ 2 लोग हैं. एक सीजन में दुकानदार अब मुश्किल से 30 हजार रुपये तक का ही कारोबार कर पाए हैं.

डेली का खर्च निकालना मुश्किल

साकची बाजार में चंदन कॉर्ड हाउस के मालिक अजीत सिंह ने बताया कि मार्च अप्रैल और मई में सीजन रहता है, जो खत्म हो चुका है. कार्ड लेने वाले 30 से 40 कार्ड ही खरीद रहे हैं. अब स्टाफ का भी खर्च निकालना मुश्किल हो गया है.

कॉर्ड का कारोबार ठप
मोटे कागज के अंदर दो पन्नों वाला शादी या पार्टी का निमंत्रण कॉर्ड का इस्तेमाल पढ़ने के लिए महज कुछ पल का रहता है, लेकिन घर मे निमंत्रण कॉर्ड के आने से घरवाले कॉर्ड पर चर्चा जरूर करते हैं. जबकि कॉर्ड छपवाने वालों के शौक का अंत नहीं होता. महंगे से महंगे कार्ड छपवा करके लोग बांटते रहे हैं.

6-7 लाख होता था महीने में कारोबार

उत्सव कॉर्ड के दुकानदार दमनजीत सिंह ने अपनी दुकान से स्टाफ की संख्या में कमी कर दी है. उन्होंने बताया की पहले 6 से 7 लाख महीना में कारोबार होता था. अब दिन भर में एक हजार भी बेचना मुश्किल हो रहा है. जिन दुकानदारों की अपनी दुकान है, उन्हें दुकान के किराए की चिंता नहीं. लेकिन किराए पर दुकान लेकर कारोबार करने वाले प्रदीप चावला का दर्द ज्यादा है. बिक्री हो या ना हो किराया देना है, जिसकी उन्हें टेंशन है. वो बताते हैं कि 10-20 कॉर्ड बिक रहे हैं. मौजूदा हालात में सरकार से राहत पैकेज की उम्मीद है.

कार्ड की कीमत में नहीं हुआ इजाफा

बात सिर्फ दुकानदारों तक ही सीमित नहीं, शादी में सप्ताह भर घर मे होने वाला उत्सव भी शांत है. जिनके घरों में शादी या पार्टी है, वो चाहकर भी ज्यादा लोगों को कॉर्ड नहीं बांट सकते. 500-1000 कॉर्ड बांटने वाले लोग अब सिर्फ 50 कार्ड की खरीदारी कर रहे हैं, जबकि कॉर्ड की कीमत में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. शादी का कॉर्ड खरीदने वाले राजू धनकर बताते हैं कि सरकार के आदेश का पालन करना है. इसलिए कम कॉर्ड लिए हैं. अब लग्न निकला है तो शादी तो करनी होगी. जबकि अशोक अग्रवाल 20 कॉर्ड ले रहे हैं, वो मानते है कि 20 कॉर्ड में 50 लोग तो आ ही जाएंगे.


सरकार की गाइडलाइन को करेंगे फॉलो

वहीं, व्यवसायिक संगठन भी बाजार के मौजूदा हालात से चिंतित हैं, लेकिन कोविड-19 के आगे किसी की नहीं चलेगी. सिंहभूम चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के उपाध्यक्ष विजय मुनका ने कहा है की जो सरकार की गाइडलाइन है, उसे पालन करना पड़ेगा. जब तक शादियों में संख्या बढ़ाई नहीं जाती, ऐसे ही व्यवसाय पर संकट रहेगा. बस प्रार्थना है कि कोरोना से मुक्ति मिले और हालात सुधरे.

Last Updated : Jul 14, 2020, 8:14 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.